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14 मार्च से पहले नीतीश का दांव पड़ा उल्टा?, एक झटके में तेजस्वी ने बिगाड़ा खेल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता दल (रालोसपा) के विलय से...
14 मार्च से पहले नीतीश का दांव पड़ा उल्टा?, एक झटके में तेजस्वी ने बिगाड़ा खेल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता दल (रालोसपा) के विलय से पहले पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, रालोसपा के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा समेत बिहार-झारखंड के तमाम पदाधिकारी तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी में शामिल हो गए हैं।

नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रालोसपा के करीब तीन दर्जन से अधिक नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके बाद तेजस्वी यादव ने तंज कंसते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जी को छोड़कर पूरी पार्टी का राजद में विलय हो गया है। जेडीयू में रालोसपा के विलय से पहले आरजेडी में पार्टी के बड़े चेहरों का जाना पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के लिए बड़ा झटका है।

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आउटलुक से बातचीत में आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी जेडीयू में रालोसपा के विलय को लेकर तंज कंसते हुए कहते हैं, "दो शून्य मिलकर भी क्या कर सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा का बिहार की राजनीति में कोई जनाधार और ईमान बचा नहीं है। दो-तीन सालों में वो कई दलों में आ-जा चुके हैं। अब हालत ये है कि न तो उनके पास एक भी विधायकी है और ना ही सांसद।" दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में रालोसपा को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी।

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14 मार्च को पटना में रालोसपा का जेडीयू में विलय होना है। ये अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहेंगे या नहीं। रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है, "रालोसपा ने जदयू के साथ विलय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मंजूरी लेने के लिए 13-14 मार्च को पटना में दो दिवसीय बैठक बुलाई है।"

जनवरी से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया (रालोसपा) उपेंद्र कुशवाहा नीतीश से हाथ मिला सकते हैं लेकिन अभी तक बात बनी नहीं थी। लेकिन, पहले रालोसपा के 6 दर्जन के करीब नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब करीब तीन दर्ज नेताओं ने आरजेडी का दामन थाम लिया है। आउटलुक से आरजेडी प्रवक्ता तिवारी कहते हैं, "डूबते नाव पर कौन बैठना चाहेगा। नीतीश और कुशवाहा, दोनों का कोई मजबूत नेतृत्व बचा नहीं। भविष्य को देखते हुए ये नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में शामिल हो रहे हैं।

दरअसल, ये नेता रालोसपा के जेडीयू में विलय होने की बातों को लेकर नाराज चल रहे हैं। रालोसपा भी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए में शामिल होना चाहती थी लेकिन बीजेपी ने पल्ला झाड़ लिया था। अभी एनडीए में जेडीयू-बीजेपी-वीआईपी-हम का गठबंधन है। इसके भीतर भी कुछ दिनों से सियासी कलह दिखाई दे रही है।

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