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पीएम के तौर पर इमरान का पहला भाषण, कहा- पड़ोसियों से रिश्ते सुधारना चाहता है पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने रविवार देर रात देश के नाम अपना पहला भाषण दिया।...
पीएम के तौर पर इमरान का पहला भाषण, कहा- पड़ोसियों से रिश्ते सुधारना चाहता है पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने रविवार देर रात देश के नाम अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने पाकिस्तान की मौजूदा समस्या पर तो बात की ही साथ ही इमरान ने पड़ोसी देशों को लेकर कहा, "मैंने पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की बात कही है। जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते।"

इमरान ने कहा, 'अपने समूचे इतिहास में देश इतना ऋणग्रस्त कभी नहीं रहा, जितना पिछले 10 साल में हो गया है। देश पर यह कर्ज बढ़कर 28000 अरब रुपये हो गया है। अपने संबोधन में खान ने पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां चिन्हित कीं और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कमियों को भी रेखांकित किया। मुद्दों के समाधान के लिए अपनी सरकार के नजरिए को बताते हुए खान ने कर्ज लेने की जगह कर सुधारों पर काम करने और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया।

इमरान खान ने न्यायपालिका, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल का कायाकल्प करने, सिविल सेवा में सुधार, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और जल संकट खत्म करने के लिए बांध बनाने की भी बात कही। खान ने कहा, 'हमारे कर्ज पर जो ब्याज हमें चुकाना है वह इस स्तर तक पहुंच गया है कि हमें अपनी देनदारियों का भुगतान करने के लिए और कर्ज लेना होगा। हमारी बाहरी कर्ज देनदारियां उस स्तर तक पहुंच गई हैं कि हमें इस बात पर विचार करना है कि हम कैसे उससे जूझने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि एक ओर हम काफी ऋणग्रस्त हैं और दूसरी ओर हमारा मानव विकास सूचकांक बेहद खराब है। स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में कमियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल पाकिस्तान उन पांच देशों में शामिल है जहां शिशु मृत्यु दर दूषित जल के इस्तेमाल की वजह से सर्वोच्च है।

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को अपनी 21 सदस्यीय कैबिनेट की घोषणा की। इनमें से 12 सदस्य जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ की सरकार में मुख्य पदों पर थे। विदेश मंत्री पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को विदेश मंत्री बनाया जाएगा। वह 2008 से 2011 तक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार में भी इस पद रह चुके हैं। उन्हीं के कार्यकाल के दौरान 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। हमले के समय कुरैशी दिल्ली में थे। कैबिनेट में तीन महिलाओं को भी शामिल किया गया है। नई कैबिनेट सोमवार को राष्ट्रपति निवास में शपथ ले सकती है। कैबिनेट के 21 सदस्यों में से 16 मंत्री और पांच सलाहकार होंगे।

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