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चीन का भारत पर 'पंचशील' को रौंदने और 'पब्लिक को गुमराह' करने का आरोप

चीन का सरकारी मीडिया और विदेश मंत्रालय लगातार भारत पर एक के बाद एक आरोप लगा रहे हैं। बुधवार को भी यह सिलसिला चलता रहा।
चीन का भारत पर 'पंचशील' को रौंदने और 'पब्लिक को गुमराह' करने का आरोप

चीन ने भारत पर पंचशील के सिद्धांत का उल्लंघर करने का आरोप लगाया है। चीन ने कहा कि भारत ने पंचशील पैक्ट को रौंद डाला है। साथ ही कहा कि भारत यह कहकर ‘‘ पब्लिक को गुमराह’’ कर रहा है कि सिक्किम सेक्टर में ‘सिक्किम गलियारा’ या ‘चिकन्स नेक’ के पास चीनी जवान सड़क का निर्माण कर रहे हैं, जो पूर्वोत्तर राज्यों में भारत की पहुंच के लिये खतरा बन सकता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने संवाददाताओं को बताया कि, ‘‘1890 की चीन-ब्रिटिश संधि की अवमानना करते हुये भारतीय पक्ष ने कहा कि डोक ला तीन देशों के तिराहे के क्षेत्र में स्थित है, यह जनता को गुमराह करना है।’’ समाचार एजेंसी के मुताबिक  जेंग ने जोर देकर कहा, ‘‘1890 की संधि कहती है कि सिक्किम क्षेत्र की सीमा पूर्वी पहाड़ियों से शुरू होती है और यह घटना (सड़क निर्माण की) गिपमोची पर्वत से करीब 2000 मीटर दूर हुई है।

उन्होंने दावा किया कि इस घटना का चीन, भारत और भूटान के बीच तिराहे से कुछ लेना-देना नहीं है। जेंग ने चीन द्वारा सड़क निर्माण का बचाव करते हुये कहा, भारतीय पक्ष दरअसल यह कह कर जनता को भ्रमित कर रही है कि यह घटना तीनों देशों की सीमा के मिलने वाले बिंदु की है।’’ भारत और भूटान चीन द्वारा सड़क बनाये जाने का विरोध कर रहे हैं। भारत ने सड़क निर्माण पर चिंता व्यक्त करते हुये आशंका जताई थी कि इससे उसके पूर्वोत्तर राज्यों से संपर्क काटने में चीनी सैनिक कामयाब हो सकते हैं।

ताजा विवाद

भारत-चीन के बीच कुल 3500 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। मौजूदा सीमा विवाद भारत-भूटान और चीन सीमा के मिलान बिन्दु से जुड़ा हुआ है। सिक्किम में भारतीय सीमा से सटे डोकलाम पठार है, जहां चीन सड़क निर्माण करने पर आमादा है। भारतीय सैनिकों ने पिछले दिनों चीन की इस कोशिश का विरोध किया था। डोकलाम पठार का कुछ हिस्सा भूटान में भी पड़ता है। भूटान ने भी चीन की इस कोशिश का विरोध किया।

पंचशील का उल्लंघन

चीन ने भारत पर पंचशील के सिद्धांत का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। चीन का कहना है कि भारत ने ही इसकी नींव रखी थी और अब भारत खुद ही इसे तोड़ रहा है. पंचशील समझौता भारत और चीन के बीच 29 अप्रैल 1954 को हुआ था. इस समझौते के तहत एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना, अनाक्रमण और शांति- सद्भाव अहम है। 

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