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एफएटीएफ में पाकिस्तान पड़ा अलग-थलग, 'डार्क ग्रे' सूची में होने के कगार पर

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। एफएटीएफ की बैठक में...
एफएटीएफ में पाकिस्तान पड़ा अलग-थलग, 'डार्क ग्रे' सूची में होने के कगार पर

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान के अलग-थलग पड़ता दिख रहा है। अब एफएटीएफ पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है। आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकाम और आतंकियों व उनके संगठनों के खिलाफ ठोस कदम न उठाने को लेकर इसे 'डार्क ग्रे' सूची में डाला जा सकता है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की चल रही बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा कि ऐसे संकेत हैं कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने के लिए सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान 27 पॉइंट में से केवल 6 पर ही खरा उतर पाया है। ऐसे में एफएटीएफ इस पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। एफएटीएफ 18 अक्टूबर को पाकिस्तान पर आखिरी फैसला लेगा।

क्या है डार्क ग्रे कैटेगरी
एफएटीएफ के नियमों के अनुसार, ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीच डार्क ग्रे की भी कैटेगरी होती है। यदि ऐसा होता है, तो यह पाकिस्तान के लिए कड़ी चेतावनी होगी कि वह एक अंतिम मौके में खुद को सुधार ले, अन्यथा उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

जून 2018 में डाला गया था ग्रे लिस्ट में
आपको बता दें कि एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और 27 पॉइंट का एक्शन प्लान देते हुए एक साल का वक्त दिया गया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की टेरर फाइनैंशिग को बैंकिंग व नॉन-बैंकिंग, कॉर्पोरेट और नॉन-कॉर्पोरेट सेक्टरों से रोकने के उपाय करने थे।

तुर्की, मलयेशिया और चीन से सहायता की थी आस
हाल के दिनों पाकिस्तान ने दुनिया के कई देशों से मिलकर एक तरफ कश्मीर पर अपनी बातें प्रचारित कीं तो वहीं उनके नेता एफएटीएप पर भी समर्थन जुटाने में लगे रहे। पाकिस्तान ने लगभग सभी सदस्य देशों से संपर्क किया और प्रयास किया कि उसे ब्लैकलिस्ट न किया जाए। दरअसल, यदि पाक ब्लैकलिस्ट में जाता है तो पहले से बदहाल अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो जाएगी।

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