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मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव पर बोला चीन- UN के अधिकार कम कर रहा है अमेरिका

जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने और उसे प्रतिबंधित सूची में डालने को लेकर...
मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव पर बोला चीन- UN के अधिकार कम कर रहा है अमेरिका

जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने और उसे प्रतिबंधित सूची में डालने को लेकर अमेरिका ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव के मसौदे को बांटा। अमेरिका के इस कदम से चीन के साथ उसके टकराव हो गया है। चीन ने इससे पहले, इसी महीने मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को यूएन सैंक्शंस कमेटी में अटका दिया था। इसी के बाद अमेरिका ने अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए सीधे सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

चीन ने मंगलवार को अमेरिका पर संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी कमिटी के अधिकारों को कम करने का अरोप लगाया है। चीन ने कहा कि अमेरिका मसूद अजहर को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने का दबाव बनाकर संयुक्त राष्ट्र की आतंक विरोधी कमिटी के अधिकार कम कर रहा है। चीन ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से यह मुद्दा और उलझ सकता है।

अमेरिकी प्रस्ताव को फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन हासिल है, जिन्होंने इसी महीने अजहर के खिलाफ अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट कमेटी में प्रतिबंध के प्रस्ताव पर अमेरिका का साथ दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह "पहली बार" है जब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को नामित करने के लिए सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव को सीधे स्थानांतरित किया है। 

प्रस्ताव के मसौदे में पुलवामा आत्मघाती हमले की आलोचना की गई है और अजहर को अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों की प्रतिबंधित सूची में डालने की मांग की गई है। अगर यूएन से प्रतिबंध लग जाता है तो जैश सरगना मसूद अजहर की विदेश यात्राओं पर रोक लग जाएगी। उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकेंगी। 

हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध से बचा रहा है चीन: अमेरिका

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा है कि चीन अपने घर में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करता है, लेकिन हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध से बचाता है।  माना जा रहा है कि अमेरिका का यह इशारा चीन द्वारा पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'वैश्विक आतंकी' घोषित किए जाने के प्रस्ताव को रोकने की ओर था।

विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने जैश या मसूद का नाम लिए बिना ट्वीट किया, 'दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक तरफ चीन अपने देश में 10 लाख से अधिक मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ यह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है।'

मसूद के खिलाफ प्रस्ताव पर चीन ने डाला था अड़ंगा

गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर मसूद को 'वैश्विक आतंकी' घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर इसे रोक कर दिया। चीन ने यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रस्ताव को यह तर्क देते हुए लटका दिया कि वह इसके अध्ययन के लिए अधिक वक्त चाहता है।

जबकि चीन के अलावा सुरक्षा परिषद के अन्य सभी सदस्यों ने अमेरिकी कदम का समर्थन किया था। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

बता दें कि चीन इस समिति का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है। इसी वजह से वह किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है, मसूद अजहर के मामले में उसने 4 बार ऐसा किया है। दरअसल, नियम ये भी कहते हैं कि अगर समिति के स्था सदस्यों के अलावा अन्य अस्थाई सदस्य भी किसी मुद्दे पर सहमत हो जाएं तो फिर प्रस्ताव पास किया जा सकता है, ऐसे में फिर किसी एक सदस्य की नाराज़गी काम नहीं करेगी।

पॉम्पियो ने शिनजियांग के लोगों से की मुलाकात

चीन ने उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के 10 लाख लोगों को अप्रैल 2017 से शिनजियांग के नजरबंदी कैंपों में कैद कर रखा है। पॉम्पियो ने कहा, 'अमेरिका उनके और उनके परिवारों के साथ है। चीन को हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करना चाहिए और इसके दमन को समाप्त करना चाहिए।' बुधवार को पॉम्पियो ने चीन के दमन से बचकर निकले शिनजियांग के लोगों और उनके परिवारों से मुलाकात की।

 

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