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धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएन में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन-पाकिस्तान को लगाई फटकार

जम्मू-कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान ने भारत को घेरने की हरसंभव कोशिश की। उसने अपने मित्र चीन की मदद से...
धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएन में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन-पाकिस्तान को लगाई फटकार

जम्मू-कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान ने भारत को घेरने की हरसंभव कोशिश की। उसने अपने मित्र चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र में मामला उठवाया, तो इमरान खान ने मसले को धार्मिक और नस्लीय रंग देने की कोशिश कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई। इमरान ने तो साफ-साफ कह दिया कि भारत मुसलमानों का 'नरसंहार' कर रहा है। हालांकि यह बात अलग है कि भारत को घेरने वाले उसके दोनों ही पड़ोसी देश इस बार खुद संयुक्त राष्ट्र में घिर गए। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पर धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया और उन्हें अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए आगाह भी किया।

चीन और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की कड़ी चेतावनी

पाकिस्तान और चीन पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उनके मानवाधिकारों के हनन करने का आरोप संयुक्त राष्ट्र में ही लगा है। संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा मसलों पर आयोजित बैठक में संगठन के मानवाधिकार अध्यक्ष नवीद वॉल्टर ने खासतौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों समेत ईसाई और हिंदुओं की स्थिति काफी दयनीय है। उन्हें समाज में हाशिये पर ढकेल दिया गया है। उनके मानवाधिकारों का दमन कर उत्पीड़न किया जा रहा है।

इसके साथ ही चीन पर भी निशाना साधते हुए नवीद ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उइगर मुसलमानों की धार्मिक आवाज को दबाया जा रहा है।

पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक भेदभावपूर्ण कानूनों और प्रथाओं से पीड़ित

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत सैम ब्राउनबैक ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक भेदभावपूर्ण कानूनों और प्रथाओं से पीड़ित हैं। साथ ही चीन में धार्मिक स्वतंत्रता पर व्यापक और अनुचित प्रतिबंध बढ़ाए जा रहे हैं, इसे लेकर हम चितिंत हैं। सैम ब्राउनबैक ने कहा कि हम चीनी सरकार से राष्ट्र में सभी के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने का आग्रह करते हैं।

दुनिया भर के देशों से संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की ये अपील

वहीं, दुनिया भर के देशों से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने धार्मिक नफरत खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम के खिलाफ घृणा, ईसाइयों और अन्य धार्मिक समूहों के उत्पीड़न की भावना को खत्म किया जाना चाहिए।

एंटोनियो गुंटेरेस ने यह भी कहा कि यहूदियों की हत्या कर दी गई थी और मस्जिदों में मुस्लिमों को मारा जा रहा है। उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है। वहीं ईसाइयों को मारा जा रहा है और उनके चर्चों में आग लगाई जा रही है।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में सक्षम साबित नहीं हो सका ब्रिटेन

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की आवाज में आवाज मिलाते हुए ब्रिटेन ने भी पाकिस्तान और चीन को आईना दिखाने का काम किया है। लॉर्ड अहमद ने पाकिस्तान के अहमदिया और ईसाई समुदाय को लेकर खासी चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने चीन में उइगर मुसलमानों के साथ हो रहे बलप्रयोग और मानवाधिकारों के हनन पर चीन सरकार से समुचित कदम उठाने को कहा है। ब्रिटेन का मानना है कि पाकिस्तान और चीन अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम साबित नहीं हो सके हैं।

कई देशों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जाहिर की

ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और फ्रांस के साथ साथ कई देशों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। इन देशों ने कहा है कि पाकिस्तान और चीन की सरकारें ये तय करें कि उनके देशों में अल्पसंख्यकों को उनकी धार्मिक आज़ादी का अधिकार मिले।

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