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UK में ठहरने के लिए माल्या की नई चाल, चतुराई से निकाला दूसरा रास्ता

एक ओर भगोड़े विजय माल्य को भारत वापस लाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर माल्या...
UK में ठहरने के लिए माल्या की नई चाल, चतुराई से निकाला दूसरा रास्ता

एक ओर भगोड़े विजय माल्य को भारत वापस लाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर माल्या ने गृह सचिव प्रीति पटेल को ब्रिटेन में रहने के लिए कोई दूसरा रास्ता खोजने के लिए आवेदन किया है। बताया जा रहा है कि यह सब माल्या की लंदन में रुकने के लिए नई चाल बताई जा रही है। बीते शुक्रवार को शराब टाइकून के वकील ने लंदन में उच्च न्यायालय में दिवालियापन की कार्यवाही में उनका प्रतिनिधित्व किया। यह सारी जानकारी दूरस्थ सुनवाई में स्पष्ट की गई थी।

65 साल के व्यापारी विजय माल्या को कानूनी चुनौती के तहत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को पिछले साल ब्रिटेन में सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर ठुकरा दिया गया था, अब तक वह ब्रिटेन में जमानत पर हैं। यूके के गृह मंत्रालय ने इस संबंध में केवल इस वात की पुष्टी की है कि प्रत्यर्पण आदेश पर अमल किए जाने से पहले गोपनीय कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इसलिए यह आशंका लगाई जा रही है कि माल्या ने ब्रिटेन में शरण मांगी थी।

माल्या के वकील फिलिप मार्शल ने अदालत में बताया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया बरकरार है, लेकिन वह (माल्या) अभी इसलिए यहां हैं क्योकि उन्होंने यहां रहने के लिए एक और विकल्प के तौर पर गृह मंत्री प्रीति पटेल से गुहार लगाई है। इससे यह संभावना है कि यह सब मास्या शरण लेने के लिए कर रहा है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्भर करेगा कि माल्या ने प्रत्यर्पण अनुरोध से पहले शरण के लिए आवेदन किया या नहीं।

टॉर्नी कैडमैन, गुयर्निका 37 इंटरनेशनल जस्टिस के सह-संस्थापक बताते हैं कि इसके लिए उसे बहुत मजबूत आधारों पर बहस करने की जरूरत होगी। ऐसे विशिष्ट नियम हैं जो विस्तार से शरण के लिए एक बार है, यह स्पष्ट है कि सभी अपील समाप्त होने के बाद शरण का दावा करना शरण की सुरक्षा के लिए एक वैध दावा माना जाने की संभावना नहीं है।

माल्या ने कोर्ट में सुनवाई के लिए लिखित साक्ष्य दिया जिसमें उसने कहा कि कोविड-19 के कारण उसके रिश्तेदार का निधन हो गया है। भारत प्रत्यर्पण के लिए भारतीय सरकार को चुनौती वाली उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही खारिज कर दी थी। इसके साथ ही जब तक गृह सचिव प्रीति प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर नहीं करती तब तक माल्या ब्रिटेन में जमानत पर रह सकता है।

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