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तालिबान चला 'पाकिस्तानी' चाल, मुल्‍ला बरादर को मात दे अफगानिस्‍तान का राष्‍ट्राध्‍यक्ष बनेगा मुल्‍ला हसन अखुंद, जानें- क्यों कर रहा ऐसा

अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जा बाद माना जा रहा था कि तालिबान की सरकार आने के बाद मुल्‍ला बरादर...
तालिबान चला 'पाकिस्तानी' चाल, मुल्‍ला बरादर को मात दे अफगानिस्‍तान का राष्‍ट्राध्‍यक्ष बनेगा मुल्‍ला हसन अखुंद, जानें- क्यों कर रहा ऐसा

अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जा बाद माना जा रहा था कि तालिबान की सरकार आने के बाद मुल्‍ला बरादर राष्‍ट्रपति बनेगा। लेकिन, अब ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। तालिबान के संस्‍थापक दिवंगत मुल्‍ला उमर के करीबी माने जाने वाले सहयोगी मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्‍तान का राष्‍ट्रपति बनाया जाना लगभग तय हो गया है।

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के राष्‍ट्रपति के रूप में नामांकन की तालिबान के तीन प्रमुख नेताओं ने पुष्टि कर दी है। मुल्ला मोहम्मद हसन वर्तमान में तालिबान के शक्तिशाली निर्णय लेने वाले निकाय, रहबारी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं। मोहम्‍मद हसन तालिबान के जन्मस्थान कंधार से ताल्लुक रखता है और आतंकी आंदोलन के संस्थापकों में से एक है। 

एक तालिबानी नेता के मुताबिक, "मोहम्‍मद हसन ने रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया है। वो एक सैन्य पृष्ठभूमि के बजाय एक धार्मिक नेता हैं और अपने चरित्र और भक्ति के लिए जाने जाते हैं।"

राष्‍ट्रपति पद की दौड़ में मुल्‍ला बरादर के अलावा मुल्‍ला उमर का बेटा मुल्‍ला याकूब और सिराजुद्दीन हक्‍कानी जैसे प्रभावशाली तालिबानी नेता भी था लेकिन अब बाजी मुल्‍ला हसन के हाथ लगती दिखाई दे रही है। ये भी कहा जा रहा है कि यदि ये तीनों नेता राष्‍ट्रपति बनते तो मुल्‍ला हैबुल्‍ला अखुंजादा को चुनौती दे सकते थे और इसी वजह से तालिबान अब मुल्‍ला हसन पर दांव लगा रहा है। मुल्‍ला हसन का इतिहास देखें तो वह अभी संयुक्‍त राष्‍ट्र की आतंकी सूची में शामिल है। 

वहीं, अब ये भी कहा जा रहा है कि मुल्‍ला बरादर को पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ मोहम्‍मद फैज के इशारे पर साइड लाइन किया गया है। पाकिस्‍तान नहीं चाहता है कि कोई प्रभावशाली नेता तालिबान सरकार में शीर्ष पर बैठे। उसे डर है कि कहीं मुल्‍ला बरादर अमेरिकी दबाव या किसी और के इशारे पर काम न करने लगे। पाकिस्‍तान ने हक्‍कानी नेटवर्क पर दांव लगाया है।

 

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