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श्रीलंका में आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई में 6 बच्चों, 3 महिला समेत 15 की मौत

श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों के बाद अब आतंकियों पर भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। श्रीलंका के...
श्रीलंका में आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई में 6 बच्चों, 3 महिला समेत 15 की मौत

श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों के बाद अब आतंकियों पर भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई, इस दौरान आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया जिसमें छह बच्चों और तीन महिलाओं समेत 15 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। सुरक्षाबल ईस्टर पर हुए धमाकों के लिए जिम्मेदार स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। इन धमाकों में 253 लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हो गए थे।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि मुठभेड़ के दौरान, ‘कुल 15 शव बरामद हुए जिसमें छह पुरुष, तीन महिलाएं और छह बच्चे हैं। कम से कम चार संदिग्ध आत्मघाती हमलावर मारे गए और तीन अन्य घायल अस्पताल में हैं।' बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात सुरक्षा परिषद की बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया कि आतंकवादियों पर कार्रवाई के लिए तलाश अभियान तब तक जारी रहना चाहिए जब तक उसका पूरी तरह से खात्मा ना हो जाए।

ईस्टर पर श्रीलंका में आठ जगहों पर हुआ था विस्फोट

रविवार को ईस्टर पर नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरजाघरों और तीन लग्जरी होटलों समेत आठ जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके किए जिसमें 253 लोगों की मौत हो गई। इस्लामिक स्टेट ने हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार ने हमलों के लिए स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह एनटीजे को जिम्मेदार ठहराया है।

चल रहे हैं सर्च ऑपरेशन

श्रीलंका में इतने बड़े आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबल लगातार सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं। हर संदिग्ध की तलाश की जा रही है। इसके अलावा सभी इमारतों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। किसी भी संदिग्ध चीज को देखते ही पुलिस को बताने की हिदायत दी जा रही है। श्रीलंका पुलिस आतंकियों की खुफिया सूचना जुटा रही है। इसी के तहत आतंकी संगठनों पर ये कार्रवाई हो रही है। पुलिस आतंकी कैंप को निशाना बना रही है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमलों के बाद श्रीलंका के लिए यात्रा चेतावनी के स्तर को बढ़ा दिया है और अपने नागरिकों से द्वीपीय राष्ट्र की यात्रा पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘आतंकवादी बिना किसी चेतावनी अथवा हल्की चेतावनी के हमला कर सकते हैं और पर्यटक स्थलों, यातायात ठिकानों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सरकारी संस्थानों, होटलों, क्लबों, रेस्त्रां, प्रार्थना स्थलों, पार्कों, खेल तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शिक्षण संस्थानों, हवाई अड्डों, अस्पतालों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों को निशाना बना सकते हैं।

भारत ने दी थी हमले की जानकारी

श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों से लगभग 10 दिन पहले ही भारत ने श्रीलंका को ऐसे हमले की एडवाइजरी जारी कर दी थी। भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस बड़े हमले से जुड़ी जानकारियां और रिपोर्ट श्रीलंका को सौंप दी थी। इस एडवाइजरी में आतंकी संगठन और उसके सरगना का नाम भी शामिल था लेकिन भारत की इस एडवाइजरी के बाद भी आतंकियों ने इतने बड़े हमले को अंजाम दे दिया। अब तक इस हमले में 359 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 500 लोग घायल हुए थे।

10 भारतीयों ने गंवाई जान

श्रीलंका में 21 अप्रैल रविवार को हुए सिलसिलेवार 8 आत्मघाती बम धमाकों में 10 भारतीयों की भी मौत हो गई। इसमें से 9 भारतीयों के शव भारत लाए जा चुके हैं। इस हमले में मारे गए कम से कम 34 विदेशी नागरिकों की पहचान की जा चुकी है। इनमें दस भारतीयों के अलावा तीन डेनमार्क से और जापान, नीदरलैंड, पुर्तगाल, बांग्लादेश, स्पेन के एक-एक नागरिक थे। चीन, सऊदी अरब, तुर्की के दो-दो नागरिकों के अलावा ब्रिटेन के छह नागरिक भी मृतकों में शामिल थे।

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