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पीएम मोदी ने की जेम्स मारापे के साथ बातचीत, दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ सोमवार को दोनों...
पीएम मोदी ने की जेम्स मारापे के साथ बातचीत, दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ सोमवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की तथा वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशांत द्वीपीय देश की प्राथमिकताओं के लिए भारत के सहयोग को दोहराया। उन्होंने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से भी अलग से मुलाकात की और उनसे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोर्ट मोरेस्बी में इला बीच के किनारे स्थित ऐतिहासिक एपेक हाउस पहुंचे। प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।’’

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मारापे के साथ बातचीत में मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत करने तथा ‘फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कॉरपोरेशन’ के तीसरे शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी के लिए भी अपने समकक्ष का आभार जताया।

एफआईपीआईसी का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था। यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रह है जब चीन क्षेत्र में अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।

बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लिया और व्यापार तथा निवेश, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कदमों और लोगों के बीच परस्पर संबंधों को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।

मारापे के साथ हाथ मिलाते हुए अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जेम्स मारापे और मैंने काफी सार्थक बातचीत की जिसमें भारत और पापुआ न्यू गिनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के हर पहलू पर चर्चा की गयी। हमने वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहयोग के तरीकों पर चर्चा की।’’

बैठक के दौरान मोदी और मारापे ने तमिल भाषा में लिखी काव्य रचना ‘तिरुक्कुरल’ का पापुआ न्यू गिनी की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन भी किया। यह अनुवादित पुस्तक भाषाविद शुभा शशिंद्रन और पापुआ न्यू गिनी के वेस्ट न्यू ब्रिटेन प्रांत के गवर्नर शशिंद्रन मुथुवेल ने लिखी है। पुस्तक में प्रधानमंत्री मारापे का एक कथन भी है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से गवर्नमेंट हाउस में मुलाकात की। डाडे ने देश की पहली यात्रा पर आए मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक गवर्नमेंट हाउस में गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे से उत्साहपूर्ण बातचीत के साथ पापुआ न्यू गिनी में अपने दिन की शुरुआत की। उन्होंने भारत-पापुआ न्यू गिनी के संबंधों और दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी की महत्ता पर जोर दिया।’’

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की महत्ता तथा विकासात्मक साझेदारी समेत विभिन्न मुद्दों पर सार्थक विचार साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाडे के साथ बैठक की तस्वीरें साझा कीं।

मोदी ने कहा, ‘‘पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे से मुलाकात शानदार रही। हमने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’ प्रधानमंत्री मोदी जापान से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे पर भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया और सम्मान के तौर पर मोदी के पैर छुए।

आमतौर पर पापुआ न्यू गिनी सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं करता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह अपवाद रहा और उनका औपचारिक स्वागत किया गया। एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में 14 देशों के नेता भाग लेंगे।

एफआईपीआईसी में कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, टोंगा, तुवालू और वानुआतु शामिल हैं।

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