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रूस में मलेशिया के प्रधानमंत्री से मिले मोदी, जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने मलेशियाई समकक्ष महाथिर मोहम्मद के सामने विवादास्पद...
रूस में मलेशिया के प्रधानमंत्री से मिले मोदी, जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने मलेशियाई समकक्ष महाथिर मोहम्मद के सामने विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया। जाकिर नाइक भारत में एक भगोड़ा है और उसने मलेशिया में शरण ली है।

विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया कि मोदी ने यहां मोहम्मद के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह मामला उठाया।

उन्होंने नाइक के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया के लिए भारत के अनुरोध के संदर्भ में इस मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह तय किया गया कि दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में रहेंगे। हालांकि गोखले ने विस्तार से नहीं बताया लेकिन सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मोदी द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। चूंकि इस तरह के मामलों को नेतृत्व के स्तर पर निपटाया नहीं जाता है लिहाजा  दोनों देशों के अधिकारी इस बात पर चर्चा करेंगे कि नाइक को कानून का सामना करने के लिए जल्द से जल्द भारत कैसे लाया जा सकता है।

इस मामले में वांछित हैं नाइक

जुलाई 2016 में ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में एक आतंकी हमले के सिलसिले में उसके नाम आने के बाद आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों के लिए नाइक भारत में वांछित हैं।

भारत से भागने के बाद मलेशिया में शरण

विवादास्पद 'पीस टीवी ’के संस्थापक 53 वर्षीय नाइक मुंबई में भारत से भागने के बाद 2017 से मलेशिया में रह रहे हैं और वहां की पिछली सरकार ने उन्हें स्थायी निवास प्रदान किया था। वर्तमान मलेशियाई सरकार ने अब तक उसे भारत वापस भेजने का फैसला नहीं किया है, लेकिन उसे अपने सार्वजनिक भाषण देने से रोक दिया है।

मलेशियाई अधिकारियों की निगरानी में है नाइक

नाइक की गतिविधियां मलेशियाई अधिकारियों की निरंतर निगरानी में हैं। उन्होंने हाल ही में कुछ नस्लीय टिप्पणियां कीं, जिसके बाद मलेशिया के गृह मंत्री तन श्री मुहीदीन यासिन ने कहा कि कोई भी देश के कानून से ऊपर नहीं है, भले ही वह जाकिर नाइक हो।

आतंकवाद समेत इन मसलों पर मोहम्मद और मोदी के बीच हुई बातचीत

गोखले ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी और मोहम्मद के बीच बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि मलेशियाई प्रधानमंत्री ने सभी तरह को आतंकवाद की निंदा की और कहा कि उनका देश इस खतरे के खिलाफ है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे के साथ "सामना" करने के तरीकों पर चर्चा की।

गोखले ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित विकास पर भी चर्चा हुई और मोदी ने "प्रभावी शासन और सामाजिक न्याय के वितरण" के उद्देश्य से राज्य के पुनर्गठन के पीछे "औचित्य" की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में अधिक ध्यान पाकिस्तान से निकलने वाले आतंकवाद पर था। दोनों प्रधानमंत्रियों ने मलेशिया के पक्ष में व्यापार असंतुलन के मुद्दे पर भी चर्चा की और मोहम्मद ने इसे संबोधित करने का वादा किया, जिसमें भारत से आयात में वृद्धि भी शामिल है।

दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बैठक को बहुत ही सौहार्दपूर्ण बताते हुए, विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने मोहम्मद से कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। 94 वर्षीय मलेशियाई नेता को मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था।

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