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पत्रकार खशोगी के बेटे ने सऊदी अरब छोड़ा, अमेरिका ने की फैसले की प्रशंसा

सऊदी अरब सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंध हटा लिये जाने और अमेरिका जाने की अनुमति मिलने के बाद पत्रकार...
पत्रकार खशोगी के बेटे ने सऊदी अरब छोड़ा, अमेरिका ने की फैसले की प्रशंसा

सऊदी अरब सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंध हटा लिये जाने और अमेरिका जाने की अनुमति मिलने के बाद पत्रकार जमाल खशोगी के बेटे ने आखिरकार सऊदी अरब छोड़ दिया।

इससे पहले अमेरिका ने सऊदी अरब के उन अधिकारियों का अमेरिकी वीजा रद्द करने की घोषणा की थी कि जो पत्रकार जमाल खशोगी की ‘हत्या’ में कथित तौर पर शामिल हैं। सऊदी अरब ने स्वीकार किया है कि तुर्की के इस्तांबुल में उसके वाणिज्य दूतावास में 59 वर्षीय इस पत्रकार की हत्या हुई।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने संवाददाताओं को बताया कि अमेरिका इस मामले से जुड़े हर महत्वपूर्ण तथ्य की मांग करता रहेगा और अपनी देश की संसद और अन्य देशों के साथ मिलकर अमेरिका उन लोगों को जिम्मेदार ठहराने के लिए काम करेगा जो इस हत्या में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास इस मामले से संबंधित जो जानकारियां हैं, उस पर प्रशासन उचित कार्रवाई कर रहा है।

अमेरिका ने किया खशोगी के बेटे के फैसले का स्वागत

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका इस फैसले का स्वागत करता है। खशोगी की हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैदा हुए विवाद के बीच गुरुवार को यह कदम उठाया गया।

सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में की गई थी खशोगी की हत्या

गौरतलब है कि तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में दो अक्टूबर को खशोगी की हत्या कर दी गई थी। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने हाल ही में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान खशोगी के बेटे सलाह खशोगी के मामले पर चर्चा की थी। उन्होंने तब स्पष्ट किया था कि वाशिंगटन चाहता है कि सलाह अमेरिका लौट आए।

अमेरिका ने खशोगी की हत्या में की कुछ लोगों की पहचान

पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका ने खशोगी की हत्या में शामिल कम से कम कुछ लोगों की पहचान की है। इन लोगों में सऊदी अरब की खुफिया सर्विस, रॉयल कोर्ट और सऊदी विदेश मंत्रालय के लोग हैं।

खशोगी का ताल्लुक पहले सऊदी अरब के शाही परिवार से था लेकिन बाद में वह वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक हो गए। अपनी होने वाली शादी से जुड़ा दस्तावेज लेने के लिए खशोगी दो अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास गए जहां से वह लापता हो गए थे। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोहम्मद बिन सलमान के रुतबे को गहरी चोट पहुंचाई है।

'खशोगी की हत्या मामले को दबाने की सबसे बदतर कोशिशों में एक': ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब के अधिकारियों ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या मामले को 'छिपाने की सबसे बदतर कोशिश' की। चौतरफा घिरने के बाद आखिरकार सऊदी अरब ने कबूल किया है कि वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखने वाले 59 वर्षीय खशोगी की हत्या इस्तांबुल स्थित उसके वाणिज्य दूतावास में की गई थी।

ओवल ऑफिस में मंगलवार को ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया, 'उनकी (सऊदी अरब) बहुत ही खराब मंशा थी। इस मामले को और बदतर बनाया गया। और यह मामले को दबाने की इतिहास की सबसे बदतर कोशिश है। बहुत ही आसानी से। बेहद घटिया करतूत। इसकी कभी कल्पना नहीं की जा सकती थी। किसी ने वास्तव में गड़बड़ी की। और उन्होंने अब तक के सबसे बदतर ढंग से मामले को छिपाने की कोशिश की।'

सऊदी कौंसुल जनरल के घर के बगीचे में मिले पत्रकार खशोगी के शव के टुकड़े

सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में पिछले दिनों महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई। जिसमें बताया जा रहा है कि मारे गए पत्रकार खशोगी के शव के टुकड़े बरामद हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तांबुल में सऊदी कौंसुल जनरल के घर के बगीचे में खशोगी के शव के टुकड़े मिले थे। यह जगह सऊदी वाणिज्य दूतावास से करीब 500 मीटर की दूरी पर है। रिपोर्ट के मुताबिक खशोगी के चेहरे को बुरी तरह से विकृत कर दिया गया था।

 सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की अंतरराष्ट्रीय छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है

इस घटना से सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अंतरराष्ट्रीय छवि को बहुत ही गंभीर नुकसान पहुंचा है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने इस मामले में पूरी जांच करने की बात कही है। सीआईए निदेशक जीना हास्पेल अभी तुर्की में हैं और उनके जल्द अमेरिका लौटने की संभावना है।

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