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एक साल बाद उबर ने माना, हैकर्स ने चुराया था कंपनी के 5.7 करोड़ लोगों का डाटा

हैकर अब सुरक्षा तंत्र में सेंध लगाकर ऐसे व्‍यक्तियों और कंपनियों को निशाना बना रहे हैं जिनके पास...
एक साल बाद उबर ने माना, हैकर्स ने  चुराया था कंपनी के 5.7 करोड़ लोगों का डाटा

हैकर अब सुरक्षा तंत्र में सेंध लगाकर ऐसे व्‍यक्तियों और कंपनियों को निशाना बना रहे हैं जिनके पास संवेदनशील और गोपनीय डेटा है। उबर को भी इन हैकर्स का शिकार होना पड़ा। उबर ने बुधवार को कहा कि हैकर्स ने उसके 5 करोड़ 70 लाख ड्राइवर्स और राइडर्स के डाटा चुराए। हालांकि डाटा चोरी का मामला एक साल पुराना है लेकिन उबर ने इस बात को अब स्वीकार किया है। समाचार एजंसी पीटीआई के मुताबिक, उबर के सीईओ दारा खोस्रोवशाही ने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए था और मैं इसके लिए कोई सफाई नहीं दूंगा।" वहीं उबर ने डाटा खत्म करने के लिए हैकर्स को एक लाख डॉलर (करीब 65 लाख रु.) दिए थे। बता दें कि खोस्रोवशाही ने इसी साल अगस्त में ही उबर ज्वाइन की थी।

उबर के मुताबिक जो फाइलें चुराई गई हैं, उनमें लोगों के नाम, ईमेल एड्रेस, उबर में बैठने वाले राइडर्स के मोबाइल नंबर, ड्राइवर्स के नाम और लाइसेंस शामिल हैं। बता दें कि उबर में लगभग 6 लाख ड्राइवर्स हैं।

हाल ही में आउटलुक में छपे एक लेख में बताया गया कि ऐसे हमलों से वित्तीय नुकसान (ग्राहक का डेटा, आइपी) हो सकता है, कारोबार की निरंतरता पर असर पड़ सकता है और ग्राहक की प्रतिष्‍ठा को नुकसान पहुंच सकता है तथा उसका आत्‍मविश्‍वास कमजोर हो सकता है। माना जाता है कि करीब 30 फीसदी पीड़ित अपना डेटा वापस पाने के लिए फिरौती की रकम देने पर मजबूर हो जाते हैं जिससे उन्‍हें नुकसान होता है। खासकर इसका असर आइटी-आइटीईएस, ई-कॉमर्स, रीटेल और वित्तीय सेवाओं पर पड़ता है जो भारी मात्रा में डेटा का उपयोग करते हैं।

 

 

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