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FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया के समर्थन के बावजूद नहीं मिली राहत

टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स...
FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया के समर्थन के बावजूद नहीं मिली राहत

टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बनाए रखा है। साथ ही उसने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-टेररिस्ट फंडिंग से जुड़े 27 में से 22 बिंदुओं का पालन नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। जिस पर अंतिम फैसला शुक्रवार को लिया जाएगा।

वहीं, एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था। इस लिस्ट से हटाए जाने को लेकर तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को अपना समर्थन दिया लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। पेरिस में एफएटीएफ की चल रही पूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया है। यह बैठक एक सप्ताह चलेगी।

संस्था करें कार्रवाई: भारत

इससे पहले एफएटीएफ ने कहा था कि उसकी सख्ती के बाद भी कई आतंकी गुटों को उनके समर्थकों की ओर से आर्थिक सहायता मिल रही है। इस बीच भारत ने कहा कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को लगातार आर्थिक सहायता मुहैया करा रहा है, इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ संस्था कार्रवाई करें।

मालूम हो, यदि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो वह अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से अलग-थलग पड़ जाएगा। साथ ही उसे किसी भी लेनदेन पर कड़ी जाँच और सुरक्षा उपायों से भी गुजरना पड़ेगा।

‘आतंकवादी विभिन्न माध्यमों का कर रहे इस्तेमाल’

इससे पहले एफएटीएफ ने एक बयान में कहा कि पैसे जुटाने के लिए आतंकवादी विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर रहे है। सोशल मीडिया के माध्यमों से नए समर्थकों को फंसा रहे हैं और उनसे धन और अन्य प्रकार की सहायता ले रहे हैं। मानवीय मदद देने वाले लोग भी आतंकवादियों के शिकार हो रहे हैं। संगठन ने कहा कि वह आतंकियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता पर निगरानी रख रहा है और वित्तीय मदद देने वालों की पहचान भी कर रहा है।

पाकिस्तान अब आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं: इमरान

वहीं, पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा था कि पाकिस्तान अब आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। यह बयान ऐसे वक्त में आया जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफएटीएफ की महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी 'ग्रे' सूची में रखा है। यदि इस बैठक में एफएटीफ पाकिस्तान की रिपोर्ट से संतुष्टं नहीं होता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है।

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