लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने सोमवार को कहा कि उनके देश और इजराइल को लंबित समस्याओं के समाधान के लिये आपस में बातचीत करनी चाहिए क्योंकि युद्ध से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है।
औन की यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इजराइल और उग्रवादी समूह हमास के बीच दो साल से अधिक समय से जारी युद्ध में संघर्ष विराम समझौते की मध्यस्थता के बाद आई है। इजराइल और हमास के बीच यह युद्ध तब शुरू हुआ था जब फलस्तीनी उग्रवादी समूह ने सात अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे।
औन ने कहा, ‘‘लेबनान ने अतीत में अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बीच इजराइल के साथ बातचीत की है।’’ उन्होंने कहा कि इन वार्ताओं के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच 2022 में समुद्री सीमा को लेकर समझौता हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘जब युद्ध से कोई ठोस परिणाम नहीं मिला, तो अधूरे मसलों के समाधान के लिए वही उपाय दोहराने में क्या बाधा है।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में माहौल समझौतों और बातचीत का है।
औन ने कहा, ‘‘हालात शांति और स्थिरता हासिल करने के लिए बातचीत की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए हम कहते हैं कि बातचीत और वार्ता के ज़रिए समाधान निकाला जा सकता है।’’
लेबनान में पत्रकारों के एक समूह से मुलाक़ात के दौरान औन ने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र में चल रही प्रक्रिया से बाहर नहीं रह सकते।’’
इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के एक दिन बाद, लेबनानी समूह हिजबुल्ला ने इजराइली सैन्य चौकियों पर हमले करना शुरू कर दिया था। हिजबुल्ला ने इन हमलों को गाजा के समर्थन में अंजाम दिया था और इसे उसके लिये ‘बैकअप मोर्चा’ बताया था।
इजराइल और हिजबुल्ला के बीच करीब 14 महीने तक संघर्ष जारी रहा जो पिछले साल नवंबर में अमेरिकी मध्यस्थता के बाद बंद हुआ था। हालांकि, इसमें लेबनानी संगठन को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इस संघर्ष में उसके कई राजनीतिक और सैन्य कमांडर मारे गये थे।