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भारत और अन्य देशों के खिलाफ आक्रामक बर्ताव चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा: व्हाइट हाउस

भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है। अमेरिका ने कहा है कि...
भारत और अन्य देशों के खिलाफ आक्रामक बर्ताव चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा: व्हाइट हाउस

भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है। अमेरिका ने कहा है कि चीन भारत के विरुद्ध लगातार आक्रामक है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केली मैक्नेनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाले से कहा कि 'इलाके में भारत समेत दूसरे देशों के प्रति चीन का आक्रामक रवैया उसकी कम्युनिस्ट पार्टी वाली सत्ता का असली चेहरा है।'

प्रेस सचिव केली ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे सरहद विवाद और तनाव के बीच अमेरिका स्थिति पर करीबी निगाह रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि इसका कोई शांतिपूर्ण हल निकले।

मैक्नेनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर कहा, 'भारत-चीन संबंध में हम हालात पर नजर रख रहे हैं। राष्ट्रपति की नजर भी इस पर है और उन्होंने कहा है कि भारत-चीन सीमा पर चीन का जो रुख है, वो चीन के बड़े स्तर पर अपनाए गए आक्रामक रुख का भाग है। चीन की यह हरकतें चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का असली चेहरा हैं।'

पिछले 7 सप्ताहों से पूर्वी लद्दाख के कई हिस्सों में भारतीय और चीनी सेना के जवान आमने-सामने आ गए थे। इसके बाद 15 जून की रात को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच बड़ी हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी। चीनी सेना को भी नुकसान हुआ था, मगर उनकी ओर से अभी तक कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।

गौरतलब है कि इसके पहले कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान अमेरिकी सांसदों ने भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर (एलएसी) चीनी सेना की गतिविधियों को लेकर चिंता जताई थी। हाउस इंटेलीजेंस कमिटी के अध्यक्ष एडम शिफ ने कहा, 'इस पिछले माह में चीन एलएसी पर घातक झड़पों में लिप्त रहा है, जिसमें दर्जनों भारतीय जवानों की जानें गई हैं। वहीं चीनी सेना में भी कुछ सैनिकों की मौतें हुई हैं।'

ब्रूकिंग्स इंस्टिट्यूट की वरिष्ठ फेलो तन्वी मदान ने कमिटी को बताया कि मई की शुरुआत से ही चीनी सेना की ओर से एलएसी पर दोनों देशों के बीच स्थित वास्तविक सीमा पर यथास्थिति को बदलने की लगातार प्रयास किये गए हैं।उन्होंने कहा कि चीनी सेना की यह हरकत और कोरोनावायरस महामारी के चलते भारत, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को लेकर नजरिया प्रभावित हुआ है और होता रहेगा। मदान ने कहा कि भारत सरकार ने चीन को इशारे दिए हैं कि सीमा विवाद, खासकर यथास्थिति को दोबारा लागू न करने पर बडे़ स्तर पर संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चीन को लेकर सार्वजनिक दृष्टिकोण के लिहाज से गिरावट आई है, जबकि भारत में बड़े स्तर पर चीन के विरुद्ध माहौल देखा जा रहा है। वहां यह माना जा रहा है कि चीन के साथ संबंधों का एक बार आकलन करना आवश्यक है।

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