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अलविदा 2017ः पड़ाेस में कहीं उथल-पुथल, कहीं ‘लाल’ सलाम

बीत रहे साल में भी पड़ाेसी मुल्कों के साथ भारत के रिश्तों में तनाव बना रहा। दो महीने से भी ज्यादा समय...
अलविदा 2017ः पड़ाेस में कहीं उथल-पुथल, कहीं ‘लाल’ सलाम

बीत रहे साल में भी पड़ाेसी मुल्कों के साथ भारत के रिश्तों में तनाव बना रहा। दो महीने से भी ज्यादा समय तक डोकलाम में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने रहे। कुलभूषण जाधव को मौत की सजा ने पाकिस्तान के साथ संबंध और बिगाड़ दिए। नेपाल के ऐतिहासिक आम चुनावों में वामपंथी गठबंधन की जीत हुई, जिसका झुकाव चीन की ओर माना जाता है;

पाकिस्तान

भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण पाकिस्तान में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। अप्रैल में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दिए जाने से संबंध और बिगड़े। आईसीजे ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी। जाधव से मिलने की उसकी मां और पत्नी को पाकिस्तान ने इजाजत दी। लेकिन, उनके साथ हुए बुरे बर्ताव से तनाव में कमी की उम्मीदों को झटका लगा। सीजफायर का उल्लंघन और घुसपैठ की कोशिशें भी पाकिस्तान की ओर से सालभर जारी रही।

चीन

डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए।18 जून को गतिरोध की शुरुआत हुई। 28 अगस्त को दोनों देशों ने अपनी सेनाएं पीछे हटाने का निर्णय लिया। वैश्विक मंचों पर भी भारत के प्रयासों में चीन सालभर अड़ंगा डालता रहा। साल के आखिरी महीने में सीमा विवाद पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पांच साल का एक और कार्यकाल मिल गया। वह माओ के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता बन गए हैं।

नेपाल

भारत को अब अपने हिमालयी पड़ोसी देश नेपाल को लेकर नीति में बदलाव की दरकार होगी क्योंकि वहां हाल में हुए आम चुनावों में वाम गठबंधन को एकतरफा जीत मिली और नेपाली कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ हो गया। हिंसक चुनाव प्रचार के दौरान कुछ वामपंथी नेताओं ने तो खुलेआम भारत विरोधी भावनाओं को हवा दी थी। ऐसे में नेपाल की नई सरकार के साथ भारत को सधी कूटनीति का इजहार करना होगा।

म्यांमार

भारत और म्यांमार के बीच करीब 1600 किमी लंबी सीमा है, लेकिन अभी तक दोनों देशों के बीच ज्यादा घनिष्ठ संबंध नहीं रहे। इस लिहाज यह साल से बेहद खास रहा। सितंबर 2017 में पीएम मोदी म्यांमार के दौरे पर गए और दोनों देशों के बीच रक्षा और व्यापार समेत 11 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

बांग्लादेश

अप्रैल में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत पहुंचीं। बीत सात साल में किसी बांग्लादेशी प्रधानमंत्री का यह पहला भारत दौरा था। दो साल पहले ऐतिह‌ासिक भूमि समझौता करने वाले दोनों देश इस साल भी तीस्ता जल बंटवारे के विवाद को सुलझा नहीं पाए।

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