Advertisement

म्यामां के रोहिंग्या समुदाय पर हिंसा अब भी जारी: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मानवाधिकार दूत का कहना है कि म्यामां ने रखाइन प्रांत में रोहिंग्या लोगों का...
म्यामां के रोहिंग्या समुदाय पर हिंसा अब भी जारी: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मानवाधिकार दूत का कहना है कि म्यामां ने रखाइन प्रांत में रोहिंग्या लोगों का नस्लीय सफाया अब भी जारी रखा है।

करीब छह माह पहले यहां बर्बर सैन्य अभियान के बाद बड़े पैमाने पर मुस्लिम अल्पसंख्यकों ने पलायन किया था।

बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों का दौरा करने के बाद मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव एंड्रू गिल्मर ने कहा, ‘‘ म्यामां में रोहिंग्या लोगों का नस्ली सफाया जारी है। मैंने जो कॉक्स बाजार में देखा और सुना मुझे नहीं लगता कि उससे हम कोई और निष्कर्ष निकाल सकते हैं।’’

पिछले साल अगस्त में रखाइन प्रांत में हिंसा फैलने के बाद करीब7,00,000 रोहिंग्या लोगों ने बांग्लादेश स्थित इन शिविरों में पनाह ली।

गिल्मर ने कहा, ‘‘ हिंसा की प्रकृति बदल गई है। पिछले साल की खून-खराबे वाली घटनाओं और सामूहिक बलात्कार की घटनाओं की जगह अब दहशत फैलाने वाले अभियानों औरजबरन भुखमरी ने ले ली है।’’

उन्होंने अपने बयान में कहा कि म्यामां के कुछ शरणार्थियों को वापस लेने की बात के बावजूद भी... यह बात समझ से बाहर है कि निकट भविष्य में कोई रोहिंग्या म्यामां वापस लौट सकता है।

गिल्मर ने कहा, ‘‘ म्यामां सरकार विश्व को यह कहने में मसरूफ है कि वह रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस लेने को तैयार है। वहीं उसके बल उन्हें( म्यामां में रह गए रोहिंग्या लोगों को) बांग्लादेश जाने को मजबूर कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षित, प्रतिष्ठित और स्थायी वापसी मौजूदा स्थितियों में नामुमकिन है।’’

म्यामां सेना लगातार यह दावा करती रही है कि यह अभियान उन रोहिंग्या आतंकवादियों को जड़ से मिटाने के लिए जरूरी, जिन्होंने अगस्त में सीमा पुलिस चौकियों पर हमला किया था। इसमें कई लोग मारे गए थे।

‘डॉक्टर विदाउट बॉर्डर्स’ ( एमएसएफ) ने इस अभियान के पहले चरण में ही कम से कम6,700 रोहिंग्या लोगों के मारे जाने का अंदाजा लगाया है। सैकड़ों रोहिंग्या गांवों को प्रताड़ित किया गया और हाल ही में उपग्रह चित्रण में कम से कम55 गांव पूरी तरह नष्ट दिखे।

(पीटीआई से इनपुट)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad