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अफगानिस्तान में तालिबान ने किया अंतरिम सरकार का एलान; मुल्ला हसन अखुंद होंगे पीएम, बरादर डिप्टी PM

अफगानिस्तान में तालिबान ने मंगलवार को नई सरकार का एलान कर दिया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद तालिबानी...
अफगानिस्तान में तालिबान ने किया अंतरिम सरकार का एलान; मुल्ला हसन अखुंद होंगे पीएम, बरादर डिप्टी PM

अफगानिस्तान में तालिबान ने मंगलवार को नई सरकार का एलान कर दिया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद तालिबानी सरकार के प्रधानमंत्री होंगे। अब्दुल गनी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे। अंतरिम सरकार में सिराज हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री बनाया गया है। वहीं, मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री  और अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है।

अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन ईरान की तर्ज पर किया जाएगा। इसमें शेख हेबतुल्ला अखुंदजा अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता होंगे। इसके अलावा, अफगानिस्तान के नए वित्त मंत्री मुल्ला हेदयतुल्ला बद्री, शिक्षा मंत्री शेख मौलवी नूरूल्ला और सूचना और संस्कृति मंत्री मुल्ला खैरूल्ला खैरकाह होंगे। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री की कमान दी गई है।  

तालिबान ने सरकार में उन तालिबानी नेताओं को तवज्जो दी है जो 20 साल से अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग थी कि गैर तालिबानियों को भी सरकार में शामिल किया जाए लेकिन यह मांग पूरी होती नहीं दिखी।

बीते कुछ महीनों में अफगानिस्तान में हालात काफी तेजी से बदले हैं अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा जमाया तो दूसरी तरफ 31 अगस्त को खत्म हो रही डेडलाइन के तहत अमेरिकी सेना अफगान धरती को छोड़कर अपने देश वापस लौट गई। अफगानिस्तान में बदलते हालात के बीच तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी भी अफगानिस्तान छोड़कर भाग गए। गौरतलब है कि तालिबान द्वारा लंबे वक्त से सरकार बनाने की तैयारी की जा रही थी। हालांकि, दो-तीन बार ऐलान टाल भी दिया गया था। माना जा रहा था कि तालिबान और... और हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर कुछ विवाद चल रहा है।

मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं। उन्होंने ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब माने जाते हैं। 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। नए रक्षा मंत्री तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब हेबतुल्ला के छात्र थे, जिसने पूर्व में उन्हें तालिबान के शक्तिशाली सैन्य आयोग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था।

अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में हैं। अमेरिका ने उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की साजिश में भी वह कथित रूप से शामिल था।

अफगानिस्तान में 3 सितंबर को होने वाले सरकार के एलान को टाला गया और उसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ के दौरे के बाद सरकार में नामों को बदला गया। सिराजुद्दीन हक्कानी को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान पर बढ़ते दबाव के बीच यह घटनाक्रम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के पिछले हफ्ते अघोषित दौरे पर काबुल जाने के कुछ दिन बाद सामने आया है। अपने दौरे के दौरान आईएसआई प्रमुख ने मुल्ला बरादर और हिज्ब-ए-इस्लामी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार से मुलाकात की थी और अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा की थी।

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