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रूसी राजदूत ने कहा कि भारत और रूस के लिए अफगानिस्तान की स्थिति चिंता का विषय, मौजूदा हालात से आतंकवाद बढ़ने का खतरा

रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग क्षेत्र के दूसरे देशों...
रूसी राजदूत ने कहा कि भारत और रूस के लिए अफगानिस्तान की स्थिति चिंता का विषय, मौजूदा हालात से आतंकवाद बढ़ने का खतरा

रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग क्षेत्र के दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। रूस और भारत दोनों की अफगानिस्तान में दिनोंदिन बदलते हालात की पृष्ठभूमि में साझा चिंताएं हैं। ताजा घटनाक्रम के प्रभावों पर रूसी राजदूत ने कहा कि रूस के क्षेत्र और कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने का खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत तथा रूस आतंकवाद के किसी भी खतरे से निपटने के लिए काम करते रहेंगे।

रूसी राजदूत कुदाशेव ने कहा कि रूस चाहेगा कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार हो जो सुरक्षा, स्थिरता सुनिश्चत कर सके। उन्होंने कहा कि काबुल में किसी नयी सरकार को मान्यता देने का मुद्दा अभी प्राथमिकता में नहीं है। अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं और दोनों पक्षों ने वहां के घटनाक्रम पर एक दूसरे से संपर्क साध रखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और रूस दोनों अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंतित हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान की भूमि का क्षेत्र के अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए।’’ अफगानिस्तान में संचालित अनेक आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन के बारे में पूछने पर कुदाशेव ने कहा कि रूस को लगता है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो अफगानिस्तान में सुरक्षित माहौल देखना चाहेगा।

तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे अनेक आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों में वृद्धि की आशंका को लेकर भारत में चिंताएं बढ़ रही हैं।

कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने वरिष्ठ तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई से बीते मंगलवार को दोहा में मुलाकात की थी। बैठक में मित्तल ने स्तानेकजई से कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।

जैसे ही अफगानिस्तान पर तालिबान काबिज हो गया, अब यह डर बढ़ गया है कि अफगानिस्तान इस्लामी आतंकवाद का केंद्र बन सकता है। भारत ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान क्षेत्र का उपयोग भारत विरोधी गतिविधि के लिए किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मांग की है कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने या प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

तालिबान ने पंजशीर प्रांत पर भी कब्जा करने का दावा किया है और अब उम्मीद जताई जा रही हैं कि देश में नई सरकार की घोषणा जल्द ही हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को नई सरकार को स्थापित किया जा सकता है। इस संबंध में तालिबान ने छह देशों को न्योता भी भेज दिया है, जिसमें रूस, चीन, पाकिस्तान, तुर्की, ईरान और कतर जैसे देश शामिल हैं।

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