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'स्वास्दी मोदी' कार्यक्रम में बोले पीएम, भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे शुरू होने से बढ़ेगा कारोबार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन में हुए 'हाउडी मोदी' के तर्ज पर शनिवार को थाईलैंड की...
'स्वास्दी मोदी' कार्यक्रम में बोले पीएम, भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे शुरू होने से बढ़ेगा कारोबार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन में हुए 'हाउडी मोदी' के तर्ज पर शनिवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के निमिबुत्र स्टेडियम में 'स्वास्दी मोदी' कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए आर्टिकल-370 को खत्म किए जाने का खास अंदाज में जिक्र किया। भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने थाईलैंड के साथ भारत के हजारों साल के ऐतिहासिक संबंधों का भी जिक्र किया। नॉर्थ ईस्ट इंडिया एशिया का गेटवे बन रहा है, भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे शुरू होने से कारोबार बढ़ेगा। मोदी ने गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती के मौके पर सिक्का और तमिल ग्रंथ तिरुक्कुल का थाई अनुवाद भी जारी किया।

थाई भाषा के शब्द स्वास्दी का इस्तेमाल अभिवादन के लिए किया जाता है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने थाईलैंड के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि भारत की पिछली 5 साल की उपलब्धियों से दुनियाभर में भारतीय मूल के लोग गर्व कर रहे हैं। अब दुनियाभर में भारतीय मूल के लोग गर्व से बताते हैं कि हम भारतीय मूल के हैं। उन्होंने कहा कि 60 साल बाद भारत में कोई सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उससे भी ज्यादा बहुमत से सत्ता में आई है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड की 3 दिन की यात्रा पर बैंकॉक पहुंचे हैं। वह रविवार को आसियान की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्राचीन स्वर्णभूमि थाईलैंड में आप सबके बीच आकरके ऐसा लग रहा है कि आपने इस स्वर्णभूमि को भी अपने रंग से रंग दिया है। यह माहौल, ये भेष-वूषा हर तरह से अपनेपन का अहसास दिलाती है। अपनापन झलकता है। आप भारतीय मूल के हैं सिर्फ इसलिए नहीं, बल्कि थाईलैंड के कण-कण में, जन-जन में अपनापन नजर आता है। यहां की बातचीत में, खानपान में, परंपराओं में, आर्किटेक्चर में कहीं न कहीं भारतीयता की महक हम जरूर अनुभव करते हैं। पूरी दुनिया ने अभी-अभी दीपावली का त्योहार मनाया है। यहां थाईलैंड में भी भारत के पूर्वांचल से काफी संख्या में लोग आए हैं। और आज पूर्वी भारत में और अब करीब-करीब पूरे देश में सूर्यदेव और छठी मइयां की उपासना का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। मैं छठ पूजा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

'हम भाषा ही नहीं, भावना के स्तर पर नजदीक'

उन्होंने कहा कि भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा, ये दोनों हमारी साझी विरासत हैं। करोड़ों भारतीयों का जीवन जहां रामायण से प्रेरित होता है, वहीं थाईलैंड में रामाकियन की है। भारत की अयोध्या नगरी थाईलैंड में अथुख्या हो जाती है। गरुड़ के प्रति थाईलैंड में अटूट श्रद्धा है। हम भाषा ही नहीं, भावना के स्तर पर भी एक दूसरे के बहुत नजदीक हैं। स्वास्दी का संबंध संस्कृत के स्वस्ति से है यानी कल्याण। यानी आपका कल्याण हो, अभिवादन हो। हमें हर तरफ अपने नजदीकी संबंधों के गहरे निशान मिलते हैं।

'पूरे विश्व भारतीय समुदाय की छवि गर्व की बात'

उन्होंने कहा कि 5 सालों में मुझे दुनिया के कई देशों में जाने का मौका मिला। भारतीय समुदाय से मिलने की कोशिश मैं करता रहता हूं। और आज भी आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका बहुत आभारी हूं। लेकिन जब भी ऐसी मुलाकात हुई है, हर एक में मैंने देखा कि भारतीय समुदाय में भारत और उनके मेजबान देश का अद्भुत संगम नजर आता है। आप जहां भी रहते हैं आपके भीतर भारत रहता है, भारतीय सभ्यता और मूल्य की झलक दिखती है। जब दुनिया के नेता भारतीय समुदाय की तारीफ करते हैं तो मुझे गर्व होता है। वे आपके मेलजोल और शांति से रहने की प्रवृत्ति के कायल नजर आते हैं। पूरे विश्व में भारतीय समुदाय के लोगों की छवि हर हिंदुस्तानी और पूरे भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। इसके लिए दुनियाभर में फैले हुए आप सभी बंधु बधाई के पात्र हैं।

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