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मंजूरी के बावजूद पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोका

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोक दिया गया।...
मंजूरी के बावजूद पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोका

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोक दिया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिसारिया को इस्लामाबाद के पास हसन अब्दाल में स्थित इस गुरुद्वारा में जाने की मंजूरी दी थी, बावजूद इसके उन्हें गुरुद्वारे में नहीं जाने दिया गया। इससे पहले अप्रैल में भी उन्हें गुरुद्वारा जाने से रोक दिया गया था।

शुक्रवार को बिसारिया अपनी पत्नी के साथ सारे डॉक्यूमेंट्स लेकर प्रार्थना के लिए गुरुद्वारा गए थे, लेकिन उन्हें अपनी गाड़ी से ही उतरने नहीं दिया गया। भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब कर अजय बिसरा के गुरूद्वारे में रोके जाने  को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।

 

बिसारिया को इस साल अप्रैल में भी गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोक दिया गया था, उस समय उन्हें इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी की ओर से गुरुद्वारे आने का न्योता दिया गया था, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने 'सुरक्षा चिंताओं' का हवाला देते हुए अजय बिसारिया को गुरुद्वारे में जाने से रोक दिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच डिप्लोमेट विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले इसी साल भारतीय दूतावास की एक टीम को भी यहां जाने नहीं दिया गया था। इस टीम को गुरुद्वारे में सिख तीर्थयात्रियों के एक जत्थे से मिलना था। यह तीर्थ यात्री पाकिस्तान में बैशाली मनाने के लिए भारत से गए थे। 12 अप्रैल को जब तीर्थयात्री वाघा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो उन्हें गुरुद्वारे में जाने से मना कर दिया गया। बाद में इस घटना पर भारत सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

कुछ माह पहले दोनों देश अपने डिप्लोमेट्स और उनके परिवार के साथ उत्पीड़न और धमकी जैसे मामले पर एक-दूसरे से शिकायत कर चुके हैं। पाकिस्तान में राजनयिक अशिष्टता को लेकर भारत कई बार आपत्ति जता चुका है। भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान लगातार 1961 के वियना कनवेक्शन का उल्लंघन करता आया है।

कौन है अजय बिसारिया

1987 बैच के आईएफएस अधिकारी अजय बिसारिया ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान उच्चायोग में भारत के उच्चायुक्त के तौर पर कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह पोलैंड में भारतीय राजदूत थे। 1988-91 में मॉस्को दूतावास में तैनात थे। वहां वो आर्थिक और राजनीतिक शाखा से जुड़े थे। उन्होंने साल 1999-2004 के बीच प्रधानमंत्री के निजी सचिव के रूप में भी काम किया। उन्हें रूसी भाषा में विशेषज्ञता हासिल है। 

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