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मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने घोषित किया वैश्विक आतंकी, चार बार वीटो के बाद चीन हुआ राजी

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है।...
मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने घोषित किया वैश्विक आतंकी, चार बार वीटो के बाद चीन हुआ राजी

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को भारत लगातार वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश कर रहा था। अब उसे कामयाबी मिल गई है। इस मामले में रोड़े अटका रहा चीन पीछे हट गया है और चार बार वीटो करने के बाद वह भारत के साथ आया है। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। फ्रांस ने इस कदम का स्वागत किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर की रैली में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह बड़ी जीत है।

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो कर रहा था। चीन अभी तक चार बार वीटो लगा चुका था लेकिन पांचवीं बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वह राजी हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी। उन्होंने कहा, 'मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है, सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद।' पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अच्छा हुआ कि ऐसा संभव हुआ।

क्या होगा असर

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाद उसकी यात्राओं पर बैन लग जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को उसके फंड्स, संपत्तियों और आर्थिक संसाधनों को पूरी तरह सीज करना होगा।

संयुक्त राष्ट्र से जुड़े किसी भी देश के लोग आतंकी अजहर को किसी तरह की मदद नहीं पहुंचा सकेंगे। यूएन के सभी सदस्य देशों को अपने हथियारों, उसके निर्माण की तकनीक, स्पेयर पार्ट्स समेत आर्म्स से जुड़े किसी भी सामान को उस तक पहुंचने से रोकना होगा। इस कदम के बाद पाकिस्तान पर भी दबाव बनेगा कि वह अपनी जमीन पर मसूद अजहर के कैंपों, मदरसों, आतंकी गतिविधियों, आर्थिक संसाधनों पर रोक लगाए।

चीन ने एक दिन पहले दिखाई थी नरमी

इससे पहले इस प्रस्ताव को लेकर चीन ने एक दिन पहले ही अपना रुख नरम किया था। इस मसले पर अपने पहले के रुख के उलट चीन ने कहा था कि इस मसले को 'सही तरीके' से हल करने का प्रयास किया जाएगा।

अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने बनाया दबाव

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत यह प्रस्ताव लाया गया था। इस बार चीन के अड़ंगे के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने उस पर दवाब बनाया, जिसके बाद चीन ने इस मसले पर अन्य विकल्पों पर विचार करने की बात कही।

कौन है मसूद अजहर

1994 में मसूद अजहर को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था मगर कंधार विमान हाईजैक के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था। भारत से रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम का संगठन बनाया, जिसने अभी तक हिंदुस्तान में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट हमला, 2018 में पठानकोट हमला और 2019 में पुलवामा आतंकी हमला, इनके पीछे मसूद अजहर का ही हाथ है। ये तो वो आतंकी हमले हैं, जिनका ध्यान पूरी दुनिया की तरफ गया लेकिन इसके अलावा भी कश्मीर में रोजाना जो छोटे आतंकी हमले होते हैं या सेना के साथ मुठभेड़ होती हैं उसमें भी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल रहते हैं।

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