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कैसे मलेशिया में GST की वजह से गिर गई सरकार

भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लम्बे समय से चर्चा में बना हुआ है। यहां अब भी इसे लेकर आम सहमति...
कैसे मलेशिया में GST की वजह से गिर गई सरकार

भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लम्बे समय से चर्चा में बना हुआ है। यहां अब भी इसे लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है। सरकार ने भी कई बार टैक्स रेट में बदलाव किए हैं।

वहीं, मलेशिया में जीएसटी इतना बड़ा मुद्दा बना कि वहां इसकी वजह से प्रधानमंत्री को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई।

मलेशिया में हुए आम चुनाव में घोटाले के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक का मुकाबला 92 वर्षीय नेता महातिर मोहम्मद से था।

92 साल के महातिर ने रज्‍जाक की पार्टी बैरिसन नेशनल (बीएन) गठबंधन को चुनावों में करारी शिकस्त दी। सत्ता गंवाने वाले प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने ही अपने शासन में 1 अप्रैल 2015 से मलेशिया में जीएसटी लागू की थी।

क्यों सत्ता में आए महातिर मोहम्मद

महातिर ने न सिर्फ रज्‍जाक पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोपों को मुद्दा बनाया था, बल्‍कि उन्‍होंने सत्‍ता में आने पर जीएसटी हटाने का वादा भी किया था। असल में मलेशिया में 6 फीसदी जीएसटी लागू था। महातिर ने वादा किया था कि पहले वह इसे 4 फीसदी कर देंगे और एक साल के भीतर जीएसटी खत्म कर देंगे। इसका अच्छा-खासा प्रभाव पड़ा।

वहीं, इससे पहले कनाडा में जीएसटी लागू करवाने वाली सरकार के हाथ से सत्‍ता चली गई थी।

रज्जाक ने जीएसटी को बताया था कठिन फैसला

कुछ दिन पहले अपने एक इंटरव्‍यू में प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने जीएसटी लागू करने के फैसले को सबसे कठिन फैसला बताया था। उनके अनुसार उन्‍हें पता था कि जीएसटी लागू होने के बाद कई सामानों और सेवाओं के दाम में बढ़ोतरी होगी, लेकिन देशहित में यह निर्णय जरूरी था।

ऐसे में यह कहा जा रहा है कि मलेशिया की जनता ने जीएसटी हटाने के लिए महातिर को सत्‍ता की चाबी सौंपी है। महातिर ने मलेशिया में चीन के निवेश पर भी दोबारा नजर डालने की घोषणा की है।

115 सीटों पर जीत हासिल की

चुनाव आयोग ने बताया कि महातिर की पाकातान हारापन पार्टी ने चुनाव में 115 सीटों पर जीत हासिल की है, जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक 112 सीटों की तय सीमा से अधिक है। 92 साल के महातिर ने बारिसन नेशनल (बीएन) गठबंधन को चुनावों में करारी शिकस्त दी है। बता दें कि ये पार्टी पिछले 60 सालों से सत्ता में बनी हुई थी।

जीत के बाद बोले महातिर

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जीत के बाद पत्रकारों से मुख़ातिब महातिर ने कहा, ‘हमें किसी तरह का बदला नहीं चाहिए, हम तो कानून का शासन लाना चाहते हैं’। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को आयोजित किया जाए।

इस शपथ ग्रहण के साथ ही महातिर दुनिया के सबसे बुजुर्ग निर्वाचित नेता बन जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह के चलते गुरुवार और शुक्रवार को देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है।

1957 से सत्ता में बारिसन नेशनल

बारिसन नेशनल और इसकी प्रमुख पार्टी, संयुक्त मलेशिया राष्ट्रीय संगठन (यूएमएनओ) 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से सत्ता में थी। लेकिन बीते कुछ वर्षों में उसकी लोकप्रियता में भारी कमी देखने को मिली और उसी का परिणाम है कि इस बार आम चुनावों में पार्टी महज 79 सीटों पर सिमट गई।

2019 में भारत में GST बन सकता है मुद्दा

मोदी सरकार के दावे के अनुसार जीएसटी के जरिए एक देश-एक टैक्स की जो व्यवस्था लागू हुई है, उससे भारत में व्यापार करना आसान हुआ है, टैक्स चोरी रुकी है, कर प्रक्रिया आसान हुई। मोदी सरकार के अनुसार इससे आने वाले दिनों में सरकारी राजस्व में भी काफी बढ़ोतरी देखी जाएगी, जिससे जीडीपी और तेजी से बढ़ेगी। बीजेपी जीएसटी को 2019 की चुनावी जंग के लिए एक बड़ा हथियार मान रही है। हालांकि मलेशिया के चुनावी नतीजों को देखते हुए ये बड़ा दांव बीजेपी के लिए उल्टा भी पड़ सकता है।

वहीं, कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि यदि 2019 में केन्द्र की सत्ता में कांग्रेस वापसी करती है तो वह जीएसटी को दुरुस्त करने के लिए कड़े फैसले ले सकती है। राहुल के अनुसार कांग्रेस सिर्फ सिंगल टियर में जीएसटी लागू करना चाहती है। यानी या तो 18 प्रतिशत टैक्‍स लगे या फिर आम आदमी के जरूरत की ज्यादातर उत्पादों पर जीरो टैक्‍स लगे।

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