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'मिस्ट कैनन' से स्मॉग से लड़ रहा है चीन

देश की राजधानी दिल्ली की तरह ही चीन की राजधानी बीजिंग भी पिछले कुछ सालों से सर्दियों की शुरुआत होते ही...
'मिस्ट कैनन' से स्मॉग से लड़ रहा है चीन

देश की राजधानी दिल्ली की तरह ही चीन की राजधानी बीजिंग भी पिछले कुछ सालों से सर्दियों की शुरुआत होते ही स्मॉग की चपेट में आ जाता है। इस बार भी मंगलवार को बीजिंग जहरीली धुंध से धुंअा-धुंअा था। लेकिन, बुधवार को जब अमेरिकी राष्ट्रपति उसकी जमीन पर उतरे तो आसमान बिलकुल साफ था। आपातकालीन उपायों से चीन ने वायु की गुणवत्ता सुधारते हुए ऐसा किया।

इसके लिए चीन का सबसे कारगर हथियार है 'मिस्ट कैनन'। यह एक मल्टी-फंक्शन डस्ट सेप्रेशन ट्रक होता है जिसके ऊपर विशाल वॉटर कैनन लगा रहता है। इससे 200 फीट ऊपर तक पानी का छिड़काव किया जा सकता है। ज्यादातर दोपहर ढाई बजे से रात दस बजे तक इससे बीजिंग में हवा में पानी की बौछारें की जाती है। पानी की बौछारें धुंध और धूल के साथ मिलकर भारी हो जाती हैं और जमीन पर आ जाती हैं।

चीन ने प्रदूष्‍ाण्‍ा से लड़ने के ‌ल‌िए वेंट‌िलेटर कॉरिडोर बनाने से लेकर एंटी स्मॉग पुलिस तक बनाया है। यह पुलिस जगह-जगह जाकर प्रदूषण फैलाने वाले कारणों जैसे सड़क पर कचरा फेंकने और जलाने पर नजर रखती है। चीन में कोयले की खपत को भी कम करने के प्रयास किए गए हैं जो वहां प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक था। बढ़ते प्रदूषण के कारण बीजिंग में मौजूद फैक्टरियों को नजदीक के हबेई प्रांत में भेजा गया है। सख्ती से सड़कों पर वाहनों के लिए ऑइ-ईवन फॉर्मूला लागू किया गया है। पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने का सरकार अभियान चला रही है। पुराने वाहनों को छोड़कर नई कारें लेने के लिए सरकार लोगों को सब्सिडी भी देती है।

ऐसा नहीं है कि इन उपायों से बीजिंग में प्रदूषण की समस्या ख्‍ात्‍म हो गई। लेकिन, इससे 2014 में पॉल्यूशन कैपिटल के तौर पर कुख्यात होने वाले इस शहर की मुश्किलें काफी हद तक कम जरूर हुई हैं। इसके अलावा प्रदूषण से निपटने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्‍था दुरुस्त की गई है। बीजिंग में सड़कों की मशीनों से सफाई के बाद उनकी बाकायदा धुलाई की जाती है। निर्माण कार्य भी पूरी तरह ढककर किया जाता है। चीन में लोग मोबाइल फोन में एप के जरिए एयर क्वालिटी का स्तर देखने के बाद चेहरे पर मास्क लगाकर बाहर निकलते हैं। घरों में भी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं। स्कूलों में भी बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एयर प्यूरीफायर लगाए गए हैं। ऊर्जा के वैकल्पिक उपायों पर भी सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है। सौर ऊर्जा और रिसाइकिल होने वाली ऊर्जा के उत्पादन व इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

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