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कैटेलोनिया-स्पेन का टकराव और इसका असर

स्पेन-कैटेलोनिया संकट बढ़ता ही जा रहा है। पिछले शुक्रवार को बार्सीलोना संसद ने कैटेलोनिया की स्पेन से...
कैटेलोनिया-स्पेन का टकराव और इसका असर

स्पेन-कैटेलोनिया संकट बढ़ता ही जा रहा है। पिछले शुक्रवार को बार्सीलोना संसद ने कैटेलोनिया की स्पेन से आजादी की घोषणा कर दी। 135 सदस्यों वाले सदन में प्रस्ताव के पक्ष में 70 और विरोध में 10 वोट पड़े थे। इसके जवाब में स्पेन की संसद ने आर्टिकल 155 का प्रयोग किया, जिसमें कहा गया है कि स्पेन किसी स्वायत्त राज्य को सीधे अपने नियंत्रण में ले सकता है।

स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजोय ने कैटलोनिया की संसद को भंग कर उसका सीधा नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया। उन्होंने कैटलोनिया के नेता कार्लोस पुजिमोन्ट और उनकी कैबिनेट को भी बर्खास्त कर दिया है।

शनिवार को प्रधानमंत्री मारियानो ने कहा है कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कैटेलोनिया के शासन की सीधी बागडोर लेने का अभूतपूर्व निर्णय जरूरी था। उन्होंने ऐलान किया कि कैटलोनिया में 21 दिसंबर को चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने वादा किया कि चुनाव स्वतंत्र, कानूनी और स्वच्छ तरीके से कराए जाएंगे।

कैटेलन आजादी आंदोलन क्या है?

कैटेलोनिया स्पेन का एक मजबूत राज्य है। स्पेन की करीब 16 फीसदी आबादी कैटलोनिया में रहती है। कैटेलोनिया की आबादी 75 लाख है और इसकी राजधानी बार्सिलोना है। 25.6 फीसदी स्पेन का निर्यात इसी राज्य से होता है। जीडीपी में 21 फीसदी हिस्सेदारी है। स्पेन का 20.7 विदेशी निवेश इसी तटवर्ती राज्य में आता है। स्पेन पर 123 लाख करोड़ का कर्ज है। कैटेलोनिया के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा इस कर्ज को पाटने में खर्च होता है। 

कैटेलोनिया हर साल स्पेन को 12 अरब डॉलर टैक्स देता है। इस प्रांत के बहुत से लोगों का मानना है कि स्पेन में उनके साथ भेदभाव हो रहा है। पहचान के आधार पर भी वह खुद को स्पेन से अलग मानते हैं।

2015 में कैटेलोनिया में अलगाववादी पार्टियां गठबंधन से सरकार में आई थीं। उन्होंने आजादी के लिए जनमत संग्रह करवाने की बात कही थी। 1 अक्टूबर को जनमत संग्रह हुआ, जिसे स्पेन ने असंवैधानिक घोषित कर दिया। कैटेलन लोगों और स्पेन पुलिस के बीच काफी हिंसक झड़पें भी हुई थीं।

इस वक्त वहां क्या चल रहा है?

कैटेलोनिया पर स्पेन के सीधे नियंत्रण के बाद इस वक्त स्पेन की उप प्रधानमंत्री सोराया सायंज कैटेलोनिया को केंद्रीय मंत्रालयों के द्वारा चला रही हैं। राज्य की 17,000 की संख्या वाली पुलिस फोर्स को भी स्पेन के गृह मंत्रालय के अंतर्गत रखा गया है। फेरान लोपेज को पुलिस का चार्ज दिया गया है। लेकिन अभी नहीं कहा जा सकता कि स्पेन कब तक कैटेलोनिया को अपने मुताबिक चला सकता है क्योंकि विरोध के स्वर भी तेज हो रहे हैं। दावा किया गया था कि जनमत संग्रह में पड़े 41.5 फीसदी वोट में 90 फीसदी लोगों ने कैटेलोनिया के अलग होने का समर्थन किया था।

अलगाववादी अब क्या कर सकते हैं?

कैटेलोनिया के बर्खास्त राष्ट्रपति पुजिमोंट ने घोषणा की है कि मैड्रिड (स्पेन की राजधानी) के सीधे नियंत्रण के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी गणतंत्र के बचाव के लिए बड़े एक्शन की बात कर रहे हैं।

यहां की संसद ने मैड्रिड सरकार को विदेशी सरकार कहा है और सविनय अवज्ञा का आह्वान किया है। अधिकारियों से भी मैड्रिड सरकार के आदेश मानने से मना किया गया है। पुजिमोंट पर विद्रोह का चार्ज लगाने की संभावना है, जिसमें 20 साल की सजा का प्रावधान है। बर्खास्त किए गए पुलिस चीफ ट्रैपेरो देशद्रोह के आरोप का सामना कर सकते हैं। हालांकि यह कोर्ट पर निर्भर करता है।

21 दिसंबर को होने वाले चुनावों से क्या स्थिति सुधरेगी?

इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। एल पीरियडिको न्यूज पेपर द्वारा प्रकाशित एक सर्वे के मुताबिक, इस चुनाव का नतीजा 2015 के चुनाव जैसा ही हो सकता है। इसमें आजादी समर्थक पार्टियों ने मिलकर कैटेलोनिया में सरकार बनाई थी।

कहा जा रहा है कि भले राजनीतिक स्वायत्तता की बात 1930 से शुरू हुई हो लेकिन आइडेंटिटी का यह संघर्ष 300 साल पुराना है। समझौते के आसार कम हैं। आजादी की घोषणा और स्पेन के डायरेक्ट रूल से चीजें और जटिल हुई हैं।

बाकी देश इसे कैसे देखते हैं?

स्पेन भले यूरोपियन यूनियन का सदस्य हो लेकिन यूनियन इसे स्पेन का निजी मामला मानता है। शुक्रवार को यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ट्वीट किया कि स्पेन से हमारी बातचीत हो रही है। मुझे उम्मीद है कि स्पेन इसे तर्कों की ताकत से सुलझाए ना कि ताकत के तर्क से।

यूनाइटेड स्टेट्स स्टेट डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा है कि कैटेलोनिया स्पेन का अभिन्न हिस्सा है और यूएस स्पेन सरकार के अपने देश को मजबूत रखने के संवैधानिक मानदंडों का सम्मान करता है।

इसका क्या असर पड़ेगा?

ज्यादा दिनों तक यह संघर्ष चला तो इससे स्पेन और कैटेलोनिया का ही आर्थिक मोर्चे पर नुकसान ज्यादा नजर आता है। यूरोपियन यूनियन में स्पेन कमजोर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि इसकी वजह से यूरोप के दूसरे अलगाववादी सुरों को बल मिल सकता है। इटली के दो इलाके लोंबार्डी और वेनेटो पहले ही ज्यादा स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं।

(न्यूयॉर्क टाइम्स से इनपुट के साथ)

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