ब्रिटिश एफ-35बी फाइटर जेट ने रविवार, 10 अगस्त 2025 को जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग की। यह घटना भारतीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे के आसपास हुई, जब पायलट ने तकनीकी खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति मांगी। इससे एयरपोर्ट की रनवे लगभग 20 मिनट के लिए बंद रही, जिससे कुछ व्यावसायिक उड़ानों में देरी हुई। हालांकि, इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
यह जेट ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स का हिस्सा था और HMS प्रिंस ऑफ वेल्स एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भर रहा था। यह कैरियर वर्तमान में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभ्यासों में भाग ले रहा है, जिसमें जापान और अमेरिका की सेनाएं शामिल हैं। यह घटना इस बात का संकेत देती है कि अत्याधुनिक तकनीक वाले विमानों में भी कभी-कभी अप्रत्याशित तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यह दूसरा मौका है जब ब्रिटिश एफ-35बी जेट को हाल ही में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी है। इससे पहले, 14 जून 2025 को, एक अन्य ब्रिटिश एफ-35बी जेट ने केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग की थी। वह जेट लगभग 38 दिनों तक भारत में ही रहा, जहां ब्रिटिश इंजीनियरों ने उसकी मरम्मत की। दोनों घटनाओं ने विमान की विश्वसनीयता और संचालन क्षमता पर सवाल उठाए हैं।
एफ-35बी, जिसे "लाइटनिंग" के नाम से भी जाना जाता है, एक पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है जिसे लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित किया गया है। यह विमान शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) क्षमता से लैस है, जिससे यह छोटे एयरफील्ड्स और जहाजों से भी ऑपरेट किया जा सकता है। इसकी कीमत लगभग 88 मिलियन पाउंड (लगभग 918 करोड़ रुपये) है।
जापान में हुई इस घटना ने एक बार फिर से ब्रिटिश एफ-35बी जेट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, खासकर तब जब यह विमान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यासों में भाग ले रहा है। हालांकि, इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह घटना भविष्य में ऐसे विमानों की तकनीकी जांच और मरम्मत प्रक्रियाओं की आवश्यकता को उजागर करती है।