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नेपाली पत्रकार कनक मणि दीक्षित की रिहाई की मांग हुई तेज

गिरफ्तारी के बाद से आईसीयू में भर्ती हिमाल समूह के प्रकाशक, पत्रकार और लेखक की रिहाई के लिए दक्षिण एशिया के पत्रकार-लेखक एकजुट, गिरफ्तारी को बदले की कार्यवाई बताया
नेपाली पत्रकार कनक मणि दीक्षित की रिहाई की मांग हुई तेज

नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार कनक मणि दीक्षित की गिरफ्तारी के विरोध में दुनिया भर से आवाजें बुलंद हो रही हैं। प्रकाशक, पत्रकार और लेखक, हिमाल मीडिया के संस्थापक संपादक के कनक मणि दीक्षित को नेपाल सरकार की भ्रष्टाचार रोकने वाली संस्था ने गिरफ्तार किया और इस समय पर अस्पताल में आईसीयू में है। उनका बल्ड प्रेशर बहुत अधिक है और उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी हुई है। कनक मणि दीक्षित को 22 अप्रैल को नेपाल के पद के दुरपयोग को जांच करने वाले आयोग (सीआईएए) ने भष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तार किया था।

इस गिरफ्तारी के बाद नेपाल, भारत, पाकिस्तान, बांगलादेश सहित दुनिया भर के पत्रकारों, लेखकों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। जिस तरह से वरिष्ठ पत्रकार कनक मणि दीक्षित को गिरफ्तार करके रात भर सेल में रखा और उससे उनकी तबीयत खराब हुई, इसने भी बुद्धिजीवियों में खासा आक्रोश भर दिया है। भारत के तमाम पत्रकार संगठनों, प्रेस कल्बों ने इस व्यवहार की निंदा की और उन्हें रिहा करने की मांग की। यहां जिस संस्था ने उनके ऊपर आरोप लगाया है, उसी के प्रमुख लोकमान सिंह कारकी के खिलाफ वर्ष 2013 में कनक मणि दीक्षित ने गंभीर आरोप लगाए थे। इसलिए भी एक तबका इसे बदले की कार्रवाई के तौर पर देख रहा है। कनक मणि दीक्षित का कहना था कि लोकमान सिंह पर रायामांझी आयोग ने जनता के आंदोलन को कुचलने का दोषी पाया था, इसलिए उन्हें सीआईएए का प्रमुख नहीं बनाया जाना चाहिए। सीआईएए ने दीक्षित को गैरकानूनी ढंग से संपत्ति हासिल करने का आरोप लगाया है।

एक तरफ कनक मणि दीक्षित की स्थिति गंभीर बनी हुई है, वह आईसीयू में ही भर्ती हैं और दूसरी तरफ पूरे दक्षिण एशिया से उन्हें रिहा करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। 

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