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ट्रंप ने की न्यायाधीश की आलोचना, दी खतरे की चेतावनी

सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों को अदालत द्वारा रोक दिए जाने पर राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यायपालिका की आलोचना तेज कर दी है और कहा है कि यदि कुछ होता है तो उसका दोष संघीय न्यायाधीश और अदालत पर लगाया जाना चाहिए।
ट्रंप ने की न्यायाधीश की आलोचना, दी खतरे की चेतावनी

ट्रंप के मुताबिक उन्होंने गृह सुरक्षा मंत्रालय से कहा है कि वह अदालती आदेश के बाद देश में दाखिल होने वाले लोगों की बेहद सावधानीपूर्वक जांच करें।

ट्रंप ने कल ट्वीट किया, यकीन नहीं आता कि कोई न्यायाधीश हमारे देश को ऐसे खतरे में डाल देगा। यदि कुछ होता है तो उसका दोष उन पर और न्याय व्यवस्था पर डाला जाए। लोग भीतर आते जा रहे हैं। यह बुरा है।

ट्रंप ने लिखा, मैंने गृह सुरक्षा को निर्देश दिया है कि वह हमारे देश में आने वाले लोगों की जांच बेहद सावधानी के साथ करे। अदालतें इस काम को बहुत मुश्किल बना रही हैं।

ट्रंप की ओर से यह ये आलोचनात्मक बयान दरअसल सेन फ्रांसिस्को स्थित नाइन्थ यूएस सर्किट अपीली अदालत के एक संक्षिप्त आदेश के बाद आ रहे हैं। इस संक्षिप्त आदेश में प्रशासन के उस अनुरोध को खारिज कर दिया गया है, जिसमें प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगाने वाले सीएटल के न्यायाधीश जेम्स रॉबर्ट के फैसले को दरकिनार करने के लिए कहा गया था।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को इस्लामी आतंकियों से सुरक्षित रखने के लिए ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों पर 90 दिन का यात्रा प्रतिबंध और सभी शरणार्थियों पर 120 दिन का प्रतिबंध जरूरी है।

यात्रा प्रतिबंधों के चलते अमेरिका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और अमेरिका के सहयोगियों ने इस प्रतिबंध की आलोचना की। इन प्रतिबंधों के कारण हजारों लोगों के लिए परेशानी के हालात पैदा हो गए। इनमें से कुछ लोग ऐसे थे, जो वर्षों से शरण मांग रहे थे।

अपने फैसले में न्यायाधीश रॉबर्ट ने सवाल उठाया था कि प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों का हवाला देना कैसे जायज है? रॉबर्ट ने कहा कि उस हमले के बाद से प्रतिबंध से प्रभावित इन सात देशों के लोगों ने अमेरिकी धरती पर कोई हमला नहीं किया है।

ट्रंप के आदेश की संवैधानिकता पर सवाल उठाते हुए न्यायाधीश रॉबर्ट ने कहा कि इसे कल्पना के बजाय तथ्यों पर आधारित होना चाहिए था। शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए और हमलावर रूख अपनाते हुए ट्रंप ने इस कथित न्यायाधीश की राय को हास्यास्पद बताया था।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने कल संघीय न्यायाधीश के फैसले को गलत निर्णय बताया था और संकल्प लिया था कि ट्रंप प्रशासन देश की सुरक्षा के लिए सभी कानूनी तरीके अपनाएगा।

पेन्स ने फॉक्स न्यूज से कहा, हमारा मानना है कि न्यायाधीश ने गलत फैसला किया, बोस्टन की अदालत ने सही निर्णय किया। हम उस आदेश पर रोक लगाने के लिए और हमारे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए हर कानूनी तरीके का इस्तेमाल करने वाले हैं।

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