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राहुल बोले- भारतीय पीएम कमजोर, खड़गे ने कहा- मोदी-मोदी का नारा लगवाना विदेश नीति नहीं; इससे हर भारतीय दुखी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव कर दिया है, जिसका सबसे ज्यादा असर...
राहुल बोले- भारतीय पीएम कमजोर, खड़गे ने कहा- मोदी-मोदी का नारा लगवाना विदेश नीति नहीं; इससे हर भारतीय दुखी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव कर दिया है, जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ेगा। इसको लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है।

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (19 सितंबर 2025) को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत एच1बी वीजा शुल्क को सालाना 100,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया जाएगा। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव विल शार्फ ने कहा कि एच1बी गैर-प्रवासी वीजा कार्यक्रम देश की वर्तमान आव्रजन प्रणाली में सबसे अधिक दुरुपयोग की जाने वाली वीजा प्रणालियों में से एक है।

मामले पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इससे उन उच्च कुशल कामगारों को अमेरिका में आने की अनुमति दी जाती है जो उन क्षेत्रों में काम करते हैं जहां अमेरिकी काम नहीं करते। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि 100,000 डॉलर का शुल्क यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है कि देश में लाए जा रहे लोग वास्तव में अत्यधिक कुशल हों और अमेरिकी कामगारों का स्थान नहीं लें। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी कामगारों की सुरक्षा और यह सुनिश्चित करना है कि कंपनियों के लिए वास्तव में असाधारण लोगों को नियुक्त करने और उन्हें अमेरिका लाने का रास्ता साफ हो। ट्रंप ने वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक की मौजूदगी में ओवल ऑफिस में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, ''हमें कामगारों की जरूरत है, हमें बेहतरीन कामगारों की जरूरत है और इससे यह सुनिश्चित होगा की ऐसा ही हो।''

वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष 281,000 लोगों को प्रवेश मिलता है और वे लोग औसतन प्रति वर्ष 66,000 अमेरिकी डॉलर कमाते हैं और सरकारी सहायता कार्यक्रमों में शामिल होने की उनकी संभा वना पांच गुना अधिक होती है। उन्होंने कहा, ‘‘ तो हम निचले चतुर्थक (बॉटम क्वार्टाइल) वर्ग को, औसत अमेरिकी से नीचे दर्जे पर भर्ती कर रहे थे। यह अतार्किक था, दुनिया का एकमात्र देश जो निचले चतुर्थक वर्ग को भर्ती कर रहा था।’’

लुटनिक ने कहा,‘‘ हम ऐसा करना बंद करने जा रहे हैं, हम शीर्ष पर केवल असाधारण लोगों को ही लेंगे न कि उन लोगों को जो अमेरिकियों से नौकरियां छीनने की कोशिश कर रहे हैं। वे व्यवसाय शुरू करेंगे और अमेरिकियों के लिए नौकरियां पैदा करेंगे।

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