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अमेरिका में हार्वे तूफान में घायल भारतीय छात्र की मौत

जयपुर का निखिल भाटिया और दिल्ली की शालिनी सिंह तैराकी के दौरान आए थे तूफान की चपेट में
अमेरिका में हार्वे तूफान में घायल भारतीय छात्र की मौत

अमेरिका में आए विनाशकारी तूफान हार्वे की चपेट में आए भारतीय छात्र निखिल भाटिया की मौत हो गई है। निखिल उस वक्त तूफान की चपेट में आ गया था जब वह अपनी मित्र शालिनी सिंह के साथ शनिवार को टेक्सास की एक झील में तैराकी करने गया था। जब ये दोनों वहां तैराकी कर रहे थे तभी झील में लहरे उठने लगीं थी। ये दोनों इसमें घिर गए तो लोगों ने इन्हें यहां से बचा कर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था। इसी दौरान निखिल की मौत हो गई जबकि शालिनी की हालत नाजुक बनी हुई है। ये टेक्सास के ए एंड एम विश्वविद्यालय में लोक स्वास्थ्य में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे।

निखिल जयपुर का रहने वाला था जबकि उसकी मित्र शालिनी दिल्ली की रहने वाली है। भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकारी लगातार अस्पताल और भारत में इनके परिवार वालों से संपर्क बनाए हुए हैं। उनके कुछ मित्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ये दोनों झील में तैराकी कर रहे थे तभी अचानक आए तूफान ने उन्हें गहरे पानी में ढकेल दिया। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची ब्रयान पुलिस ने इन्हें बाहर निकाला। ब्रयान के मेयर एंड्र्यू नेल्सन के अनुसार मेडिकल सहायता देने वाले लोगों के पहुंचने से पहले पुलिस ने इनका प्राथमिक उपचार किया। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि मौसम खराब होने के बाद भी ये दोनों तैराकी के लिए क्यों गए थे। ह्यूस्टन स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी मेडिकल जरूरतों और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वाणिज्य दूतावास कार्यालय के अनुसार निखिल भाटिया की मां डॉ. सुमन भाटिया यहां पहुंच चुकी हैं। 

अमेरिका में आए हार्वे तूफान की वजह से भारी तबाही मची हुई है। यह तूफान अब तक 30 लोगों की जान ले चुका है। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है। ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में करीब 200 भारतीय छात्र पढ़ते हैं। इन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है। भारतीय महावाणिज्य दूतावास इनके रहने और भोजन की व्यवस्था कर रहा है। वाणिज्य दूत अनुपम राय भी पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। राय ने कहा कि छात्रों ने फेसबुक के माध्यम से उनसे संपर्क किया। रोड पर पानी भरे होने और इनके ट्रैफिक के लिए बंद होने के बाद भी उन्होंने उस अपार्टमेंट में जाकर छात्रों से मुलाकात की जहां ये रहते हैं। ह्यूस्टन के आसपास करीब एक लाख भारतीय अमेरिकी रहते हैं। (एजेंसी)

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