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‘अमेरिकी मीडिया ट्रंप का बेईमान विरोधी बन गया है’

अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के पूर्व अध्यक्ष न्यूट गिंगरिच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अनुरोध किया है कि व्हाइट हाउस में मीडिया रिपोर्टरों के लिए रोज होने वाली प्रेस ब्रीफिंग को बंद कर दें क्योंकि अमेरिकी मीडिया एक भ्रष्ट संस्‍थान और अमेरिकी राष्ट्रपति का बेईमान विरोधी बन गया है। गिंगरिच के अनुसार व्हाइट हाउस के मीडिया रूम को बंद करने से देश के सामने यह संदेश जाएगा कि मीडिया एक भ्रष्ट संस्‍थान है और उन्हें (ट्रंप को) ऐसे लोग निशाना बना रहे हैं जो उनकी छवि खराब करना चाहते हैं।
‘अमेरिकी मीडिया ट्रंप का बेईमान विरोधी बन गया है’

 

ट्रंप के बड़े समर्थक माने जाने वाले ‌गिंगरिच ने कहा, ‘मैं अमेरिकी न्यूज मीडिया से व्यक्तिगत रूप से नाराज हूं। मुझे लगता है कि ये विध्वंसकारी और घिनौना है और वर्तमान में ये देश के सामने एक बड़ा खतरा है।’ एक बयान में गिंगरिच ने कहा कि प्रेस को नजदीकी कॉफीशॉप में निर्वासित कर दिया जाना चाहिए और व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव को सीधे अमेरिकी जनता से सवाल आमंत्रित कर जवाब देना चाहिए। यही नहीं ट्रंप को मीडिया को एक बेईमान विरोधी मानना चाहिए जो कि रिपोर्टर होने का दिखावा करते हैं।

गिंगरिच ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह किसी भी गोपनीय दस्तावेज को सार्वजनिक कर दे। उन्होंने यह भी कहा कि सदियों से अमेरिकी राष्ट्रपति अपने सीने में दबी गोपनीय सूचनाओं को विदेशी अधिकारियों से साझा करते रहे हैं। वरिष्ठ अमेरिकी नेता ने कहा कि रिपोर्टरों को ऐसी कोई खबर नहीं छापनी चाहिए जिसके साथ वो सूत्र का नाम न दें सकें। ट्रंप की कम्युनिकेशन टीम को बेहतरीन करार देते हुए उन्होंने मीडिया से कहा, ‘तुम लोग पागल हो’। गिंगरिच ने कहा कि यहां ऐसे लोग हैं जो ये सब बकवास पढ़कर सोचते हैं कि हमें डरना चाहिए। आपके पास रक्षा क्षेत्र में मैट्टिस, केली और टिलरसन हैं और मुझे लगता है कि आइजनहावर के बाद यह सबसे अच्छी टीम है।

गौरतलब है कि खुद ट्रंप भी पहले यह कह चुके हैं अमेरिकी न्यूज मीडिया अमेरिकी जनता का दुश्मन है। इस आरोप को मीडिया ने बड़े पैमाने पर खारिज किया है। व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट एसोसिएशन ने कहा है कि व्हाइट हाउस में मीडिया ब्रीफिंग को बंद करने से सरकार के स्तर पर जवाबदेही, पारदर्शिता और अमेरिकी जनता के उस अवसर में कटौती होगी जिसके तहत वो ये देखते हैं कि अमेरिकी व्यवस्‍था में कोई भी सवालों से ऊपर नहीं है। गौरतलब है कि ट्रंप पर गोपनीय जानकारी रूसी अधिकारियों के साथ साझा करने का आरोप लगा है और मीडिया ने ही इसकी खबर दी है। (एजेंसी)

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