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सिद्धू की तारीफ में बोले पीएम इमरान खान, पाकिस्तान में चुनाव लड़ें तो जीत जाएंगे

भारत के बाद आज पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित...
सिद्धू की तारीफ में बोले पीएम इमरान खान, पाकिस्तान में चुनाव लड़ें तो जीत जाएंगे

भारत के बाद आज पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे की नींव प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को रख दी। इस मौके पर उनके साथ पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी और हरसिमरत कौर भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा भी मौजूद थे।

इस मौके पर इमरान खान ने एक बार फिर से दोनों देशों के बीच शांति की पहल पर जोर दिया। उन्होंने इस मौके पर सिद्धू की तारीफ करते हुए कहा, मैंने सुना है कि जब सिद्धू पाकिस्तान में मेरी शपथ ग्रहण समारोह में आए थे, उसके लिए हिंदुस्तान में उनकी बहुत आलोचना हुई। मुझे ये नहीं पता कि उनकी आलोचना क्यों हुई। वह तो सिर्फ भाईचारे और शांति की बात कर रहे थे। इमरान ने इस मौके पर तो यहां तक दावा कर दिया कि अगर सिद्धू पाकिस्तान आकर भी चुनाव लड़ें तो वह यहां से जीत जाएंगे।

'हम जबतक आगे नहीं बढ़ेंगे तो जंजीर नहीं टूटेगी'

इमरान खान ने कहा कि जब मैं सियासत में आया तो ऐसे लोग से मिला जो बस अपने लिए ही काम करते थे, आवाम को भूल जाते थे। एक दूसरे किस्म का राजनेता नफरतों के नाम पर नहीं बल्कि काम के नाम पर राजनीति करता था। उन्होंने कहा कि आज जहां पाकिस्तान-हिंदुस्तान खड़ा है, 70 साल से ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ गलतियां हुईं लेकिन, हम जबतक आगे नहीं बढ़ेंगे तो जंजीर नहीं टूटेगी।

'पाकिस्तान में हिंदुस्तान खड़ा है'

इस मौके पर इमरान ने कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं और हम दोनों देश एक दूसरे के दुश्मन नहीं हो सकते हैं और जब हम दुश्मन नहीं हो सकते तो दोस्ती ही हमारे बीच बचती है। सिद्धू की तारीफ करते हुए कार्यक्रम में इमरान खान भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि आज लग रहा है कि पाकिस्तान में हिंदुस्तान खड़ा है।

अगले साल जब आप यहां आएंगे तो आपको खुशी होगी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कार्यक्रम में कहा, मैंने जो सिख समुदाय में खुशी देखी वो अगर मैं मुसलमान को समझाऊं कि जैसे मुस्लिम मदीना से 4 किलोमीटर  दूर खड़े हैं और वो उस पार जा नहीं पाए लेकिन अब ये सपना पूरा हुआ है, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। अगले साल जब आप यहां आएंगे तो आपको खुशी होगी।

इमरान ने कहा, मुझे इनका क्रिकेट और कमेंट्री याद है, लेकिन वो सूफी कलाम में भी इतने महारथी हैं ये जानकर काफी हैरान हूं। उन्होंने कहा कि मैंने 21 साल क्रिकेट खेला और 22 साल सियासत की। क्रिकेट के समय में मैं दो तरह के खिलाड़ियों से मिला, एक वो था जो हमेशा मैदान पर हारने से डरता था इसलिए वो कोई रिस्क नहीं लेता था और वो दूसरा खिलाड़ी हमेशा जीतने की सोचता था, हारने से नहीं डरता था। और हमेशा दूसरा खिलाड़ी ही चैंपियन बनता था, हारने से डरने वाला खिलाड़ी कभी बड़ा नहीं बनता।

सब भूला जा सकता हैइमरान

इमरान ने कहा कि अगर फ्रांस-जर्मनी एक साथ आ सकते हैं, तो फिर पाकिस्तान-हिंदुस्तान भी ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने भी एक-दूसरे के लोग मारे हैं, लेकिन फिर भी सब भूला जा सकता है।

पाक पीएम ने कहा कि हमेशा कहा जाता था कि पाकिस्तान की फौज दोस्ती नहीं होने देगी, लेकिन आज हमारी पार्टी-पीएम-फौज एक साथ है। उन्होंने कहा कि हमारा मसला सिर्फ कश्मीर का है, इंसान चांद पर पहुंच चुका है लेकिन हम एक मसला हल नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये मसला जरूर हल हो जाएगा, इसके लिए पक्का फैसला जरूरी है।

हिंदुस्तान एक कदम आगे बढ़ाएगा तो हम दो कदम आगे बढ़ाएंगे

इमरान खान ने कहा कि अगर हिंदुस्तान एक कदम आगे बढ़ाएगा तो हम दो कदम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि जब पिछली बार सिद्धू वापस गए तो इनकी काफी आलोचना हुई, लेकिन एक इंसान जो शांति का पैगाम लेकर आया है वो क्या जुर्म कर रहा है। हमारे दोनों के पास एटमी हथियार हैं, तो इनके बीच जंग हो ही नहीं सकती है। दोनों देशों के बीच जंग का सोचना पागलपन है।

जब फ्रांस और जर्मनी साथ हैं फिर हम क्यों नहीं

इमरान खान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान दोनों तरफ से गलतियां हुईं हैं। जब फ्रांस और जर्मनी साथ हैं फिर हम क्यों नहीं?  उन्होंने कहा कि क्या हम अपना एक मसला हल नहीं कर सकते? कोई ऐसी चीज नहीं जो हल नहीं हो सकती। इरादा बड़ा होना चाहिए। ख्वाब बड़े होने चाहिए।

'हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे, मेरा यार इमरान जीवे'

पाकिस्तान में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू बोले कि हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे। उन्होंने कहा कि मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे। सिद्धू ने कहा कि सभी को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, तभी शांति कायम होगी। उन्होंने कहा कि अब खून-खराबा बंद होना चाहिए, दोस्ती का पैगाम आगे बढ़ना चाहिए। अब तक बहुत नुकसान हो गया है।

भावुक हुईं हरसिमरत बादल

हरसिमरत कौर बादल ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज हमारी कौम के लिए ऐतिहासिक दिन है, हर सिख की यही मांग थी, जो 70 साल नहीं हो पाया, वो अब पूरा हुआ है। जिसके हाथ में सेवा लिखी थी, उसी के हाथों ये काम पूरा हुआ है। गुरु नानक साहब ने अपना आखिरी समय आपकी धरती पर बिताया, लेकिन 4 किलोमीटर का ये फासला पूरा करने में 70 साल लग गए।

उन्होंने कहा कि यहां मेरा कोई दोस्त, कोई जानने वाला नहीं लेकिन एक सिख होने के नाते मेरी अरदास पूरी हुई है। हरसिमरत बादल अपनी बात कहते हुए भावुक हुईं। हमारी पार्टी 7 महीने से इस मांग को पूरा करने में लगी थी, हमारी कैबिनेट ने इसका फैसला लिया और आज ये सपना पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो भारत-पाकिस्तान के बीच की नफरत क्यों नहीं दूर हो सकती है।

गुरु नानक जी की 550वीं जयंती से पहले उठाया गया ये कदम

यह कदम अगले साल गुरु नानक जी की 550वीं जयंती से पहले उठाया गया है। भारत ने भी कहा है कि वह गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक गलियारा विकसित करेगा जिससे गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।

इस उद्धाटन समारोह के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नवजोत सिंह सिद्धू को भी न्यौता दिया था। इमरान के न्यौते को स्वीकारते हुए सिद्धू मंगलवार को यहां पहुंच गए थे। कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए अमरिंदर सिंह और सुषमा स्वराज को भी पाकिस्तान ने आमंत्रित किया था। नवजोत सिंह इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, भारत सरकार की तरफ से इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और हरसिमरत कौर बादल जाएंगे।

मैं तो सिख हूं और हम तो झप्पी के लिए जाने जाते हैं: सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू ने कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कहा, '28 नबम्बर को गुरू नानक जी के वास्ते मैं कांटों के रास्तों पर चलकर पाकिस्तान जा सकता हूं। मैं तो सिख हूं और हम तो झप्पी के लिए जाने जाते हैं ऐसे में जनरल बाजवा से झप्पी भी काम कर गई। मैं तो उसकी झप्पी करूंगा जो मेरे नानक के वास्ते हैं।'

सोमवार को भारत में रखी गई करतारपुर गलियारे की आधारशिला

सोमवार को ही डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारा का भारत की सरजमीं पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आधारशिला रखा था। इस कॉरिडोर के निर्माण से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेक सकेंगे।

जानें क्यों खास है करतारपुर साहिब

पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है। सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के आखिरी 18 साल यहां गुजारे। करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी।

यहीं हुई थी सबसे पहले लंगर की शुरूआत

यहीं पर सबसे पहले लंगर की शुरूआत हुई थी। नानकदेव जी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का सबक दिया था। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरुदासपुर में भारतीय सीमा के डेरा साहिब से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है।

करतापुर कॉरिडोर बनने से क्या होगा फायदा

करतापुर कॉरिडोर बनने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म होगा। भारत के करोड़ों सिख गुरु नानक की समाधि के दर्शन कर पाएंगे। सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी, सिर्फ टिकट लेना होगा। कॉरिडोर खुलने से भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसा बढ़ेगा।

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