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अंदरखाने

सियासी दुनिया की हलचल
सुब्रमण्यम स्वामी

‘‘भारत चीन के सामने कमजोर दिखता रहा है (देपसांग में 2013 से और लद्दाख के अन्य हिस्से में अप्रैल 2020 से) और अब तालिबान के सामने कमजोर दिख रहा है। यह हमारी राष्ट्रीय एकता और छवि के लिए बुरा है’’

सुब्रमण्यम स्वामी, राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता

 

स्थिरता के बरक्स

राज्य मं‌‌त्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो मंत्री पद के दावेदारों ने नई हरकत शुरू कर दी। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय विश्नोई तो कभी-कभी सरकार के खिलाफ कुछ कह देते थे लेकिन किसी दूसरे विधायक ने कभी कुछ नहीं बोला। लेकिन हाल में विश्नोई के निवास पर पांच विधायकों ने मुलाकात की। ये सभी विधायक मंत्री पद के दावेदार माने जाते थे। इस मुलाकात के बाद खासकर दूसरे खेमे से अटकलें तेज हो गई हैं कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। अब इस अस्थिरता का फायदा किसे हो सकता है, यह समय बताएगा।

आमने-सामने दो कैप्टन

पंजाब में दो कैप्टन आमने-सामने हैं। एक सरकार के कैप्टन अमरिंदर सिंह, और दूसरे कांग्रेस के कैप्टन नवजोत सिंह सिद्धू। पंजाब कांग्रेस की कमान संभाले महीनाभर भी नहीं हुआ कि सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर के बरक्स अपनी सरकार खड़ी करने में जुट गए हैं। पंजाब सरकार के सचिवालय से महज तीन किलोमीटर दूर पंजाब कांग्रेस भवन को सिद्धू ने एक तरह से सचिवालय का रूप दे दिया है। चार कैबिनेट मंत्रियों से सरकार के कामकाज की समीक्षा के साथ विधायकों के अलग गुटों से बैठकों के दौर जारी है। सिद्धू ने कैप्टन की आंख के किरकिरी विधायक परगट सिंह को महासचिव बनाया और संगठन में तमाम करीबियों को आगे लाने में जुटे हैं। सिद्धू ब्लॉक स्तर पर भी अपने करीबियों को काबिज करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस में ऐसा पहली बार हुआ है कि ऐसी कवायद में कैप्टन अमरिंदर सिंह हाशिए पर हैं। सिद्धू की सफाई यह है कि हर फेरबदल आलाकमान की मंजूरी से हो रहा है।

मुश्किल से मिली थी कलेक्टरी

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में आई बाढ़ के बाद स्थिति का जायजा लेने गए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर कीचड़ उछाले जाने की घटना से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेहद नाराज हुए। फौरन कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित कई लोगों को हटा दिया गया। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कलेक्टर साहब का हुआ। उन्होंने काफी प्रयास करके कुछ समय पहले ही छोटे जिले की कलेक्टरी हासिल की थी। वे कोशिश कर रहे थे कि लंबा समय यहीं बिताएंगे, लेकिन कीचड़ उछाले जाने की घटना ने उनके सभी मनसूबों पर पानी फेर दिया। राज्य में कलेक्टरी के लिए जिस तरह की मारामारी चल रही है, उसके मद्देनजर अब जल्द कलेक्टरी मिलना संभव दिख नहीं रहा है।

अध्यक्ष जी का तनाव

अध्य‍क्ष जी इन दिनों तनाव में हैं। उम्र के साथ बीमारी भी परेशान कर रही है। जेल से थोड़ी राहत मिली है मगर जल्द ही दूसरे केस में अंदर जाने का डर है। घर और पार्टी दोनों की चिंता सता रही है। बड़े बेटे ने कार्यक्रम शुरू किया तो पार्टी की बागडोर संभाल रहे छोटे भाई को ही पोस्टर से आउट कर दिया। बड़े पुत्र की टिप्पणी से प्रदेश अध्यक्ष भी बिदके हुए हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रदेश कार्यालय में झंडा फहराने नहीं पहुंचे। बीते विधानसभा चुनाव में सत्ता हाथ में आते-आते फिसल गई। अध्यक्ष जी को डर सता रहा है कि लालटेन की रोशनी कहीं मंद न पड़ जाए।

सियासी नहीं व्यावसायिक

कुछ लोग झारखंड में तख्तापलट की साजिश में थे। आरोप संगीन था तो मीडियावालों को भी मसाला मिल गया। कुछ लोग पकड़े भी गए। बहादुर पुलिस ने दिल्ली से महाराष्ट्र तक के तार जोड़ दिए। सीसीटीवी फुटेज भी जुटा लिए। मगर अब तक फुटेज में दिखने वाले नेताओं के नाम घोषित नहीं किए गए। नाम आएगा तो मुकदमा भी चलेगा। पार्टी के भीतर तूफान मचा रहा, एक दूसरे को शक की नजर से देख रहे हैं। दरबारी लाल ने बड़ी गंभीर मुद्रा बनाते हुए कहा कि सब खेल है। शराब का धंधा जो न कराये।

नए हनुमान

लंबा कुर्ता और छोटा पायजामा पहनने वाले ऐतिहासिक पार्टी के नेताजी इन दिनों खुद को हनुमान बताने में जुटे हुए हैं। राम भक्त हनुमान। सहयोगी पार्टी के मुख्य मंत्री को राम और खुद को हनुमान बता रहे हैं। उनके राम-हनुमान संवाद को लेकर पार्टी में लोग खूब चटकारे ले रहे हैं कि विवाद में नाम आने के बाद उनकी बेचैनी बढ़ी हुई है। इलाके में अधिकारियों की पोस्टिंग तो राजा साहब की सहमति से ही होगी। जरा-सी खटास से दिक्कत हो सकती है। वैसे, मंत्री का भी एक पद खाली है।

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