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अखंड परिक्रमा

9 नवंबर को भारतीय सीमा से करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया
पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब

इक्क ओंकार, सत नाम, सत श्री अकाल की अरदास जब सीमा के आर-पार एक साथ गूंजी तो पल भर को लगा जैसे अकाल पुरख की जय -जयकार में कालक्रम के सारे घटनाक्रम, अतीत की सभी स्याह-सफेद झांकियां मिट गईं और नई सुबह का आगाज हुआ। आखिर, यह प्रकाश-पर्व उस महान संत, सच्चे बादशाह का था, जो 550 साल पहले इसी धरती पर अवतरित हुआ और सद्भाव, प्रेम, भाईचारे, सेवा-भाव, करुणा, नेकनीयती की ऐसी अलख जगा गया, जो बेमिसाल था। गुरु नानकदेव निराकार भक्ति परंपरा के उन संतों में हैं जिन्होंने त्याग, बलिदान और समाज में समभाव की ऐसी प्रथा कायम की, जो आज सिख धर्म के रूप में स्‍थापित है। समाज में अलख जगाने के लिए उन्होंने लंबी-लंबी यात्राएं और लंबे-लंबे प्रवास किए। जहां-जहां उन्होंने प्रवास किया, वह सब अब पवित्र तीर्थस्‍थल हैं। उनके आखिरी 18 वर्ष करतारपुर के प्रवास में गुजरे। संयोग और कालक्रम में वह करतारपुर अब पाकिस्तान में है। यह गुरु का आशीर्वाद ही है कि इस गुरु पूर्णिमा को उनकी 550वीं जयंती पर दोनों देशों में तीर्थस्‍थलों को जोड़ने की सहमति बनी और करतारपुर कॉरिडोर तैयार हो गया। यह कॉरिडोर इस पार के पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक साहिब से उस पार पंजाब के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ता है।

यकीकन यह ऐतिहासिक क्षण था और पूरा कॉरिडोर जगमगा उठा। यह नजारा अद्‍भुत था। यह इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। भारत और पाकिस्तान दोनों ओर हुए आयोजनों की अविस्मरणीय तसवीरों के कुछ अक्स इन पन्नों पर नुमायां हैं। ये तसवीरें सिर्फ अपने सौंदर्य को ही जाहिर नहीं करतीं, बल्कि हमेशा गुरु का वह संदेश भी देती रहेंगी, जो हमें निरभऊ, निरवैर, अकाल मूरत, गुर प्रसाद की याद दिलाती रहेंगी। आशा है, यह भावना चिरस्‍थायी बने और हमें हमेशा सद्भभाव, करुणा, प्रेम और सेवाभाव की प्रेरणा देती रहे। सत श्री अकाल!

करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

 

गुरदासपुर में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 

गुरदासपर में पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्वागत करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 

 

लंगर छकते प्रधानमंत्री

 

 

 

9 नवंबर को पहले दिन 500 श्रद्धालु दर्शन के लिए करतारपुर रवाना

 

करतारपुर साहिब के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी 

रौशनी से नहाए गुरुद्वारे का खूबसूरत नजारा

गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर अटारी-वाघा सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब

दरबार साहिब के सामने प्रार्थना करते लोग

हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस गुरुद्वारे में दर्शन के लिए पहुंचे

पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग के बाहर ‘इक्क ओंकार’

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