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खबर चक्र

चर्चा में रहे जो
बिहार की पूर्व मुख्यंत्री राबड़ी देवी

लो कर लो बात। 15 साल से मटर छील रहे थे क्या? 15 साल बाद नीतीश जी और सुशील जी को महसूस हुआ कि बिहार में बेरोजगारी है। तेजस्वी तुम लोग को अब मुद्दा आधारित राजनीति सिखाएगा। राबड़ी देवी

 

किस्मत के मारे गुप्तेश्वर पांडे

गुप्तेश्वर पांडे

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार के पुलिस महानिदेशक रहे गुप्‍तेश्‍वर पांडे अपने बयानों से सुर्खियों में आ गए थे। बिहार चुनाव को देखते हुए उन्होंने राजनीति में आने का भी फैसला कर लिया। विधायक बनने की आस में पांडे जी ने वीआरएस लेकर जदयू का दामन थामा। आस थी कि बक्‍सर या बक्‍सर जिले के ही ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिल जाएगा। लेकिन सारी तैयारी फेल हो गई। गठबंधन में बक्‍सर सदर की सीट भाजपा के खाते में और ब्रह्मपुर की सीट मुकेश सहनी की पार्टी को चली गई। चर्चा यह रही कि पांडे जी भाजपा में शामिल हो बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं, मगर वहां दाल नहीं गली। जले पर नमक यह कि भाजपा ने बक्‍सर से पूर्व सिपाही परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दे दिया। यानी पूर्व सिपाही ने पूर्व डीजीपी को पटकनी दे दी। पांडे जी को वैद्यनाथ महतो के निधन से खाली हुई वाल्‍मीकिनगर संसदीय सीट से भी निराशा हाथ लगी। जदयू ने वहां वैद्यनाथ महतो के पुत्र सुनील को उतारा। राजनीति में किस्मत हमेशा पांडे जी के साथ खेल करती रही है। 2009 में भी वे इस्‍तीफा देकर भाजपा के टिकट पर बक्‍सर से संसदीय चुनाव लड़ना चाहते थे। एक हद तक सब फाइनल हो गया था, मगर अटलजी के खास लालमुनि चौबे का पत्‍ता वे साफ नहीं करा पाए।

तनिष्क विज्ञापन विवाद

विवाद के बाद हटाया गया विज्ञापन

बढ़ते विवाद के बाद आखिरकार टाटा ग्रुप के ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क को अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा है। ब्रांड को सोशल मीडिया पर नए विज्ञापन के चलते लोगों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ा। इस विज्ञापन का प्लॉट अंतरजातीय विवाह था, जिसकी वजह से विवाद शुरू हुआ। तनिष्क के इस विज्ञापन में एक हिंदू लड़की को मुस्लिम परिवार की बहू के रूप में दिखाया गया है। उसकी गोदभराई यानी बेबी शावर का कार्यक्रम किया जा रहा है। हिंदू संस्कृति को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम परिवार सभी तरह के रस्मो-रिवाज के साथ कार्यक्रम करता है। विज्ञापन के अंत में गर्भवती महिला अपनी सास से पूछती है, “मां, ये रस्म आपके घर में नहीं होती है न?” इस पर उसकी सास जवाब देती है, “पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न?” वीडियो में हिंदू-मुस्लिम परिवार को एकजुट दिखाने की कोशिश की गई है। विरोधियों का कहना है कि यह लव-जेहाद को बढ़ावा देता है। बढ़ते विरोध के बीच गुजरात के कच्छ जिले के गांधीधाम में स्थित तनिष्क के एक शोरूम ने अपने गेट पर हाथ से लिखा एक माफीनामा भी चिपकाया, जिसमें कंपनी के विवादास्पद विज्ञापन के लिए शोरूम ने हिंदू समुदाय के लोगों से माफी मांगी है। हालांकि बाद में माफीनामे को हटा दिया गया।

फिर चली हिमालयन क्वीन

हिमालयन क्वीन ट्रेन

कोविड-19 की वजह से बंद पड़ी हिमालयन क्वीन एक बार फिर पटरियों पर चल पड़ी है। सात महीने से बंद पड़े हैरिटेज ट्रैक पर ट्रेन का परिचालन 15 अक्टूबर से शुरू कर दिया गया है। ब्रिटिश काल में बने 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर पहली बार 1903 में ट्रेन चलाई गई थी। यह ट्रेन कालका से शिमला तक जाती है। इस हैरिटेज ट्रैक पर 20 स्टेशन और 103 सुरंगों के अलावा 800 पुल और 900 पहाड़ी मोड़ हैं। सैलानियों के बीच मशहूर हिमालयन क्वीन कालका से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर चलाई जा रही है। शिमला से इसे 10 बजकर 40 मिनट पर चलाया जा रहा है। कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए यात्रियों को दो घंटे पहले स्टेशन पहुंचना होगा। हिमालयन क्वीन के चलने के बाद निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। खास तौर से कोविड-19 के बाद से पर्यटन उद्योग को बुरी तरह से नुकसान हुआ है। अनलॉक की प्रक्रिया के तहत हिमाचल सरकार ने अंतरराज्यीय बसों को भी चलाने का फैसला किया है। इस शुरूआत के बाद दूसरी औद्योगिक गतिविधियों के भी पटरी पर आने की उम्मीद है।

स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी

स्टेन स्वामी

मानवाधिकार कार्यकर्ता 83 वर्षीय फादर स्‍टेन स्‍वामी की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों के साथ-साथ सामाजिक, सांस्‍कृतिक संगठनों में गहरी नाराजगी है। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आठ अक्‍टूबर की रात को एनआइए की टीम उन्‍हें रांची के नामकुम बगइचा स्थित आवास से गिरफ्तार करने के बाद अगले दिन मुंबई लेकर गई। वहां एनआइए की अदालत में स्‍टेन स्‍वामी और गौतम नवलखा सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। इसके बाद उन्हें न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

मूलरूप से केरल के रहने वाले स्‍टेन स्‍वामी पिछले कोई पांच दशक से झारखंड में रहकर माओवादी के नाम पर जेल में बंद 3000 लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे आदिवासियों के मुद्दे, विस्‍थापन, भूमि अधिग्रहण को लेकर भी संघर्ष करते रहे हैं। स्‍टेन स्‍वामी का कहना है कि एनआइए उन्हें माओवादी समर्थक बताकर फंसा रही है। दलितों और पिछड़ों की आवाज उठाने वाले स्‍टेन स्‍वामी की गिरफ्तारी का झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे भाजपा का छिपा एजेंडा बताया है। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने विरोध की हर आवाज दबाने की यह जिद कैसी है। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव ने भी स्टेन की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया। गिरफ्तारी के बाद विभिन्न सामाजिक संगठनों ने रांची के अल्‍बर्ट एक्‍का चौक पर मानव श्रृंखला बना कर तथा बिरसा समाधि पर अनशन कर विरोध प्रदर्शन भी किया है।

बीच बहस में

महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की 434 दिन बाद रिहाई हुई। उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंद किया गया था। रिहाई के बाद मुफ्ती ने कहा, दिल्ली दरबार ने असंवैधानिक-अलोकतांत्रिक तरीके से जो छीना है, उसे वापस लिया जाएगा।

फारूक अब्दुल्ला

फारूख अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला एक इंटरव्यू से विवादों में आ गए। दावे के अनुसार फारूक ने उम्मीद जताई कि एक दिन चीन के सहयोग से 370 को दोबारा, पुरानी अहमियत के साथ लागू किया जा सकेगा। हालांकि बाद में उनकी पार्टी ने इसका खंडन किया।

खुशबू

खुशबू

तमिल अभिनेत्री खुशबू सुंदर ने भाजपा का दामन थाम लिया है। पहले वह कांग्रेस में राहुल गांधी की करीबी मानी जाती थीं। 2019 में लोकसभा का टिकट नहीं मिलने से वह नाराज चल रही थीं। वह 2014 में एआइएडीएमके छोड़ कांग्रेस में आई थीं।

जो छोड़ गए दुनिया

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