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“कोई मिशेल ओबामा को बताएगा कि डोनाल्ड जे. ट्रंप इस खूबसूरत ह्वाइट हाउस में नहीं होता अगर उनके पति ने वैसा काम न किया होता।”

ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

 

बिहार के मौसमी सियासी पक्षी

किसी जमाने में रामकृपाल यादव और श्याम रजक राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के विश्वासपात्र सियासी सिपहसालार माने जाते थे, लेकिन बाद में दोनों की राहें जुदा हो गईं। राम ने भाजपा का दामन थाम लिया तो श्याम जनता दल-यू के नीतीश कुमार की शरण में चले गए। राम तो अभी भी भाजपा में हैं, लेकिन श्याम की अपने पुराने घर में वापसी हुई है। श्याम बिहार में काबीना मंत्री थे, लेकिन कई महीनों से अपनी ही सरकार से खफा थे। चर्चा थी उनके मंत्रालय में उनसे ज्यादा अहमियत विभागीय सचिव को दी जा रही थी। ऐसी अफवाहों का बाजार भी गर्म था कि आगामी विधानसभा चुनाव में पटना जिले के फुलवारीशरीफ क्षेत्र से उनका टिकट कट सकता है, जहां से वे कई बार चुनाव जीत चुके हैं। श्याम का मानना है कि पार्टी बदलने से उनके चुनाव जीतने की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनके क्षेत्र में वोट उन्हें मिलता है, न कि किसी दल को।

यह तो वक्त बताएगा कि श्याम की लालू के घर वापसी अगले चुनाव में क्या गुल खिलाएगी, लेकिन चर्चा भी आम है एक पुराने दलित नेता के बाहर होने से जनता दल-यू इसलिए बेपरवाह है, क्योंकि कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, ज‌िन्होंने अभी-अभी महागठबंधन छोड़ा है, नीतीश से फिर गलबहियां कर सकते हैं। मांझी और श्याम दोनों महादलित जातियों से आते हैं, जिनका राज्य में मत प्रतिशत लगभग 15 प्रतिशत है। देखना दिलचस्प होगा कि किस महादलित नेता के चुनाव के पूर्व पाला बदलने से कौन से समीकरण बदलते हैं। बहरहाल, नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू है।

राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायक, महेश्वर यादव, अशोक कुशवाहा और प्रेमा चौधरी, लालू की पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाकर जनता दल-यू में शामिल हो गए हैं। जैस-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, सियासत के मौसमी पक्षियों की संख्या बढ़ती जाएगी।

सीखने के जज्बे की कोई उम्र ज्यादा नहीं

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पढ़ाई का सिलसिला छूटे 25 साल हो गए हों फिर कोई आगे की पढ़ाई शुरू करे तो उसके जज्बे को सलाम करना चाहिए। उसमें भी शिक्षा मंत्री हो तो कहना ही क्या। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कुछ ऐसा ही किया है। डुमरी से विधायक महतो दसवीं पास हैं। 1995 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। अब इस साल 10 अगस्त को बोकारो जिला के नवाडीह प्रखंड मुख्यालय स्थिति देवी महतो स्माारक इंटर कॉलेज में दाखिला लिया। उनके नामांकन का छींटा पड़ोसी बिहार में भी पहुंचा। वहां के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर जगरनाथ महतो के बहाने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके बेटों पर चुटकी ली। कहा, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से प्रेरणा लेनी चाहिए। लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों को फिर से स्कूल-कॉलेज में दाखिला क्यों नहीं लेना चाहिए।

अमेरिकी चुनाव का तमिलनाडु कनेक्शन

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तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले के पिंगनाडु गांव में अचानक जश्न-सा माहौल है। कारण: आगामी राष्ट्रपति के चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने भारतीय मूल की अमेरिकी, सीनेटर कमला हैरिस के नाम की अपनी पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषणा की है। जब खबर उनके पुश्तैनी मातृक गांव पहुंची, तो वह उनकी तस्वीरों से पट गया। दरअसल, कमला के नाना पीवी गोपालन का जन्म यहीं हुआ था लेकिन वे बाद में अमेरिका चले गए। आज कमला को कोई रिश्तेदार इस गांव में नहीं रहता है, लेकिन उनके रिश्तों की जड़ें अभी भी गहरी हैं। तभी तो वहां के ग्रामीणों ने “पीवी गोपालन की नातिन विजयी हो” जैसी शुभकामनाएं से भरे संदेश वाले पोस्टर लगाए हैं। डेमोक्रेट गेराल्डाइन फेरारो और रिपब्लिकन सारा पॉलिन के बाद उपराष्ट्रपति पद का टिकट पाने वाली कमला पहली एशियाई-अफ्रीकी-अमेरिकी मूल की महिला हैं। पिछले साल तक वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस में थीं। कमला की उम्मीदवारी पर बाइडेन ने कहा है कि वे बहादुर योद्धा और अमेरिका के सबसे बेहतरीन नौकरशाहों में से एक है। बाइडेन ने ट्वीट किया, “मैं गर्व महसूस कर रहा हूं जब वे इस अभियान में मेरी सहयोगी होंगी।” हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि कमला से ज्यादा भारतीय तो उनके समर्थक हैं। देखा जाए, इस चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का मत किसके पक्ष में जाता है।

भोजपुरी गायकों के निशाने पर रिया चक्रवर्ती

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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में कानूनी रस्साकशी के बीच भोजपुरी इंडस्ट्री लगातार अश्लील गानों के जरिए बॉलीवुड की सलमान खान, करण जौहर जैसी हस्तियों के साथ-साथ अभिनेत्रियों को टारगेट कर रही है। गानों में गाली और अश्लील शब्दों के जरिए सुशांत की पूर्व गर्लफेंड रिया चक्रवर्ती को रेप और फांसी पर लटकाने की बात की जा रही है। सोशल मीडिया और यूट्यूब पर उपलब्ध इन ऑडियो गानों को लाखों लोगों ने देखा है और इसके कमेंट सेक्शन में इन सितारों के खिलाफ भद्दी-भद्दी बातें लिखी जा रही हैं। इस पर अब राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी संज्ञान लेकर जवाब-तलब किया है। सुशांत ने 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। सुशांत की मौत के बाद बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद पर बहस के सुर तेज हुए तो वहीं सलमान खान, करण जौहर, महेश भट्ट, आलिया भट्ट समेत कई अभिनेता-अभिनेत्रियों पर इस घटना में संलिप्तता के आरोप लगने लगे। फिलहाल इस पूरे प्रकरण में सुशांत की एक्स-गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती सुर्खियों में हैं।

ऐसा नहीं है कि सुशांत की मौत के बाद हीं भोजपुरी इंडस्ट्री ने गानों के जरिए किसी को टारगेट किया हो। इससे पहले भी भारत-चीन सीमा तनाव के दौरान शहीद हुए 20 जवानों को लेकर भोजपुरी में “तेरी क्या औकात चाईना बीस के बदले सौ मारेंगे...” और “बहुत हो गया सबक सिखा दो मोदी जी” जैसे सैकड़ों गाने बनाए गए और इसे इंटरनेट पर लाखों व्यूज मिले। दिल्ली के लक्ष्मीनगर में भोजपुरी गानों की रिकॉर्डिंग के लिए दर्जनों स्टूडियो हैं। वहां के सिंगर राजा बाबू बताते हैं, “वर्तमान में चल रहे मुद्दों पर गाने बनाने से इंटरनेट पर बढ़िया रिस्पॉन्स मिलता है। गानों के ट्रेंड करने से यूट्यूब के सब्सक्राइबर बढ़ते हैं। सुशांत मामले के बाद हम बिहारियों में बॉलीवुड को लेकर बहुत आक्रोश है। इसलिए हम लोग इस तरह के गाने लिख रहे हैं।”

बीच बहस में

व्लादिमीर पुतिनः कोरोना के खिलाफ जंग में कई देश वैक्सीन बनाने की होड़ में जुटे हैं, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह दावा करके सारी दुनिया में सनसनी मचा दी कि उनके देश ने वैक्सीन तैयार कर ली है। उनके अनुसार, ये वैक्सीन दो महीने तक परीक्षण के बाद तैयार की गई है। अनेक पश्चिमी देशों में पुतिन के दावों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन पुतिन के अनुसार, ये वैक्सीन उनकी बेटी को भी दी गई है। बस यह पता नहीं है की वैक्सीन मारिया पुतिना को दी गयी है या येकातेरीना पुतिना को।

मुकुल रॉयः आगामी विधानसभा चुनाव के एक वर्ष पहले पश्चिम बंगाल में चर्चा जोरों पर है कि मुकुल रॉय भाजपा छोड़कर वापस तृणमूल कांग्रेस में आना चाहते हैं। ममता बनर्जी की पार्टी के नवनियुक्त प्रवक्ता कुणाल घोष ने ऐसी अटकलों को तूल दिया है। मुकुल खंडन कर चुके हैं, लेकिन घोष दावे पर कायम हैं। सियासी पंडितों के अनुसार, मुकुल रॉय की अगले चुनाव में अहम भूमिका होगी। बस यह पता चलना शेष है कि किस पार्टी की ओर से होगी: भाजपा या तृणमूल की?  

संजय दत्तः अपने 61वें जन्मदिन के चंद दिनों बाद अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म सड़क 2 के प्रदर्शन के कुछ सप्ताह पूर्व संजय दत्त के फेफड़े के कैंसर से जूझने के खबर आई है। संजय का पूरा जीवन और करिअर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। 2016 में आर्म्स एक्ट में पांच साल की सजा काटकर लौटे अभिनेता ने पिछले कुछ वर्षों में भूमि, कलंक और प्रस्थानम जैसी बड़ी फिल्में कीं, पर वे बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। 

राम गोपाल वर्माः राम गोपाल वर्मा किसी जमाने में शिवा, रंगीला, सत्या और कंपनी जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे अमेरिकी पोर्नस्टार मिया मल्कोवा के साथ क्लाइमेक्स और अप्सरा रानी के साथ थ्रिलर जैसी छोटी फिल्में बनाकर खुश हैं। विवादों पर विवादास्पद फिल्म बनाने में उनका कोई सानी नहीं है। हाल में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद भाई-भतीजावाद के मुद्दे पर टीवी पर बॉलीवुड की अप्रत्याशित खिंचाई देखकर हैदराबाद में बसे तमतमाए फिल्मकार ने अपनी नई फिल्म की घोषणा कर दी है। नाम है अर्णब: न्यूज प्रोस्टीट्यूट!

जो छोड़ गए साथ

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