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मुंबई क्रूज मामला: आरोपों के जाल में एनसीबी

आर्यन की गिरफ्तारी के बाद जांच अधिकारी समीर वानखेड़े पर प्रमुख गवाह के ही गंभीर आरोप लगाने से मामला उलझा
समीर वानखेड़े

मायानगरी मुंबई इन दिनों नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के कारण चर्चा में है। मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन और उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट की गिरफ्तारी के बाद सबसे ज्यादा चर्चा एनसीबी के मुंबई जोन के डायरेक्टर समीर वानखेड़े की हो रही है। उनकी छवि बॉलीवुड के लिए ‘विलेन’ के रूप में बनती दिख रही है। वानखेड़े की अगुवाई में एनसीबी ने 2 अक्टूबर को मुंबई-गोवा क्रूज में छापा मार कर आर्यन-अरबाज समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन अब वे खुद जांच के घेरे में आ गए हैं। क्रूज मामले में एनसीबी के ही गवाह प्रभाकर सेल और एनसीपी नेता तथा महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह के अनुसार पांच सदस्यों की टीम इसकी जांच कर रही है। इस सिलसिले में बुधवार को भी वानखेड़े से पूछताछ हुई। हालांकि ज्ञानेश्वर सिंह के अनुसार जब तक उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिलते तब तक वही क्रूज मामले के जांच अधिकारी रहेंगे।

एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल ने दावा किया है कि उसने के.पी. गोसावी और सैम डिसूजा के बीच सौदेबाजी की बातचीत सुनी थी।

एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल ने दावा किया है कि उसने के.पी. गोसावी और सैम डिसूजा के बीच सौदेबाजी की बातचीत सुनी थी।

प्रभाकर सेल ने एक हलफनामे में दावा किया है कि उसने क्रूज मामले में गवाह के.पी. गोसावी और सैम डिसूजा नाम के शख्स के बीच 18 करोड़ रुपये की सौदेबाजी की बातचीत सुनी थी। इसमें से आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। सेल के अनुसार एक मुलाकात में शाहरुख की मैनेजर पूजा ददलानी भी मौजूद थीं। सेल का यह भी आरोप है कि जब आर्यन और अन्य लोगों को एनसीबी ने हिरासत में लिया था, तब उससे नौ-दस सादे पन्नों पर दस्तखत लिए गए थे। बतौर गवाह दस्तखत करने के लिए गोसावी ने ही उसे एनसीबी दफ्तर बुलाया था। आर्यन को हिरासत में लेने के बाद उनके साथ के.पी. गोसावी की सेल्फी पिछले दिनों वायरल हुई थी। सेल, गोसावी का बॉडीगार्ड बताया जाता है।

एनसीबी ने सेल के आरोपों के जवाब में कहा है, “मुंबई जोनल यूनिट के एक गवाह का हलफनामा सोशल मीडिया के माध्यम से उनके संज्ञान में आया है।” वानखेडे का पक्ष साफ करते हुए एनसीबी ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की बात कही है। सेल के आरोपों के बाद वानखेड़े 24 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे। हालांकि उन्होंने कहा कि “कोई समन नहीं भेजा गया है, मैं निजी काम से राजधानी आया हूं।”  

भाजपा के प्रदेश महासचिव और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले आउटलुक से कहते हैं, “गवाह का यह बयान जबरदस्ती मीडिया के सामने दिलवाया गया है। पुलिस उसके परिवार पर दबाव बना रही है।” लेकिन शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने एजेंसी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “गवाह का खुलासा चौंकाने वाला है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहले ही कहा था कि यह राज्य को बदनाम करने की साजिश है।”

एनसीपी नेता नवाब मलिक भी वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाते आ रहे हैं। पिछले दिनों उनके आरोपों की फेहरिस्त में ‘लेटर बम’ भी शामिल हो गया है। मलिक ने 25 अक्टूबर को ट्विटर पर एनसीबी के एक अधिकारी के हवाले से कई पन्नों की चिठ्ठी साझा की, जिसमें वानखेड़े पर 26 मामलों में आरोपियों को झूठा फंसाने का आरोप है। इनमें ज्यादातर बॉलीवुड से जुड़ी शख्सीयतें हैं। चिट्ठी में जानबूझ कर ड्रग्स रखवाने से लेकर वसूली तक का दावा किया गया है। चिट्ठी में मलिक के दामाद समीर खान, अरमान कोहली, सोहेल शेख समेत विदेशी नागरिकों को भी ड्रग्स मामले में षडयंत्र के तहत फंसाने और गिरफ्तार करने का आरोप है। मलिक, वानखेड़े को नौकरी से निकलवाने और जेल भिजवाने तक की बात कह चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि “वानखेड़े परिवार के साथ मालदीव और दुबई गए और बॉलीवुड के लोगों से वसूली की।”  

एनसीपी नेता नवाब मलिक वानखेड़े पर लगातार आरोप लगा रहे हैं, जिसमें विदेश यात्रा से लेकर अभिनेत्री पत्नी को फायदा पहुंचाने की बात है

एनसीपी नेता नवाब मलिक वानखेड़े पर लगातार आरोप लगा रहे हैं, जिसमें विदेश यात्रा से लेकर अभिनेत्री पत्नी को फायदा पहुंचाने की बात है

मलिक ने वानखेड़े के जन्म से संबंधित एक दस्तावेज ट्वीट करते हुए कहा, “समीर दाऊद वानखेड़े की जालसाजी यहां शुरू हुई।” हालांकि, वानखेड़े ने अपने जन्म से जुड़े सभी आरोपों को खारिज किया है। मलिक का नाम लिए बिना वानखेड़े ने सेशन कोर्ट में हलफनामा भी दायर किया। उन्होंने लिखा, “कुछ लोग मुझे व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं। मुझ पर और मेरे परिवार पर आरोप लगाए जा रहे हैं।” आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वे सभी सवालों-आरोपों का जवाब कोर्ट में देंगे। हालांकि नवाब मलिक ने कहा है कि वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर इस मामले की जांच एसआइटी से कराने की अपील करेंगे। आउटलुक ने वानखेड़े से कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

मलिक के आरोपों पर भाजपा नेता बावनकुले कहते हैं, “यह छटपटाहट उनके दामाद समीर खान को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किए जाने के कारण है। कोर्ट को फैसला करना है। केंद्र या भाजपा इसमें कही भी नहीं है। जांच एजेंसी स्वतंत्र है, उसे पता है कि कैसे कार्रवाई करनी है।”

नवाब मलिक, वानखेड़े के परिवार पर भी कई आरोप लगा चुके हैं। उनका कहना है कि वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर को फायदा पहुंचाने और बॉलीवुड में नाम कमाने के लिए इंडस्ट्री में भय पैदा किया जा रहा है। इस पर सफाई देते हुए वानखेड़े की पत्नी क्रांति ने कहा, “समीर वानखेड़े इन सब विवादों से बाहर आ जाएंगे क्योंकि जीत सच की ही होती है। जो आरोप लगे हैं, वे साबित नहीं हो पाएंगे।” क्रांति रेडकर ने आगे कहा, “हमें बहुत तकलीफ होती है। दूसरे राज्यों से कोई आता है और हमें धमकाता है। समीर वानखेड़े विरोधी लोग हमें बहुत तकलीफ देते हैं। हमें लटका दिया जाएगा, जला दिया जाएगा, ऐसी धमकियां मिलती हैं। हमें जान का खतरा है।” वानखेड़े ने 24 अक्टूबर को मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा, “कृपया यह सुनिश्चित करें कि मुझे गलत उद्देश्यों से फंसाने के लिए कोई कानूनी कार्रवाई न की जाए।” उन्होंने विदेश यात्रा के दौरान वसूली के आरोप पर कहा, “मैं अपने बच्चों के साथ गया, अनुमति लेकर गया और अपने पैसे लेकर गया था।”

गिरफ्तारी पर सवाल

इस बीच, आर्यन की गिरफ्तारी में एनसीबी की दलीलों को कानून के जानकार ‘बेतुका’ बता रहे हैं। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले का केस लड़ रहे सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विकास सिंह आउटलुक से कहते हैं, “आर्यन को एक दिन भी जेल में रखना कानूनन गलत है, क्योंकि उनके पास ड्रग्स बरामद नहीं हुई है।”  सिंह के अनुसार शाहरुख खान को सही एक्सपर्ट नहीं मिला, इसलिए उनका बेटा जेल में है। पहले दिन ही मामला उलझ गया जब उनके वकील सतीश मानशिंदे ने सेशन कोर्ट के बदले स्पेशल कोर्ट के सामने जमानत की अर्जी दी। सिंह का मानना है कि मानशिंदे को जमानत के लिए हाइकोर्ट या सेशन कोर्ट जाना चाहिए था, क्योंकि ट्रायल के दौरान स्पेशल कोर्ट का अधिकार सीमित हो जाता है।

हाइकोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आर्यन की गिरफ्तारी को मनमाना करार दिया। उन्होंने दलील दी कि एनसीबी को आर्यन के पास कोई ड्रग्स नहीं मिली, न ही उसकी मेडिकल जांच करवाई गई, जिससे पता चले कि उसने ड्रग्स ली थी। रोहतगी ने कहा, “जांच एजेंसी को गिरफ्तारी का सही आधार बताना चाहिए। एनसीबी ने निचली अदालत में रिमांड के लिए जो आवेदन दिया, उससे ऐसा लगता है कि आर्यन के पास बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद की गई।”

पूछताछ के लिए एनसीबी कोर्ट जाते आर्यन खान

पूछताछ के लिए एनसीबी कोर्ट जाते आर्यन खान

जस्टिस नितिन डब्लू सांबरे की एकल पीठ के सामने अरबाज मर्चेंट के वकील अमित देसाई ने एनसीबी के षड्यंत्र के आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “यदि तीन अनजान लोग एक ही काम के लिए आ रहे हैं तो उसे षड्यंत्र नहीं कहा जा सकता।” उन्होंने कहा कि आर्यन और उनके दोस्त के बीच वाट्सऐप चैट का एनसीबी ने गलत मतलब निकाला है। यह चैटिंग ऑनलाइन पोकर के बारे में हुई थी। देसाई ने इस बात का भी जिक्र किया कि विशेष अदालत ने इसी मामले में उड़ीसा के दो युवकों को जमानत दे दी जबकि एनसीबी ने उनके खिलाफ भी वही आरोप लगाए थे, जो अरबाज और आर्यन के खिलाफ लगाए।

अरबाज के पास बहुत कम मात्रा में ड्रग्स बरामद हुई थी, इसलिए एनसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विकास सिंह इसे एनसीबी का सिर्फ सुर्खियों में रहने का ‘खेल’ मानते हैं। साल 2008 बैच के आइआरएस अधिकारी वानखेड़े को लेकर वे कहते हैं, “यह सब सिर्फ चर्चा में आने के लिए किया जा रहा है। इससे कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। इस मामले से हर तरफ सिर्फ एनसीबी की ही चर्चा है।”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी एनसीबी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा,  “मुंबई पुलिस हेरोइन पकड़ती है जबकि एनसीबी हीरोइन (एक्ट्रेस) पकड़ती है।” दरअसल, सुशांत सिंह मामले के बाद एनसीबी रिया चक्रवर्ती, सारा अली खान, दीपिका पादुकोण समेत कई बॉलीवुड स्टार से पूछताछ कर चुकी है। अब आर्यन मामले के बाद से बीते दिनों में अभिनेत्री अनन्या पांडे से एनसीबी तीन बार (26 अक्टूबर तक) ऑफिस बुलाकर पूछताछ कर चुकी है। एनसीबी का  दावा है कि अनन्या और आर्यन के बीच ‘ड्रग्स सप्लाई’ से संबंधित चैट हुई थी। जबकि अनन्या का कहना है कि उसने कभी ड्रग्स का सेवन या सप्लाई किया ही नहीं है।

दरअसल, सुशांत से लेकर आर्यन मामले तक एनसीबी पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। कोर्ट में भी इसकी फजीहत हो चुकी है। सुशांत मामले में जब ड्रग्स का एंगल सामने आया तो एनसीबी ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती समेत कई पर कार्रवाई की थी। लेकिन हाइकोर्ट ने एजेंसी को फटकार लगाते हुए कई आरोपों को नकार दिया था और रिया को जमानत दे दी थी। अभी केस की वर्तमान स्थिति क्या है, एनसीबी इस बात पर कोई जानकारी नहीं दे पा रही है। कुछ दिनों पहले आउटलुक के पूछने पर समीर वानखेड़े ने कहा था, “कार्रवाई जारी है। मामला कोर्ट में है।” अब आर्यन मामले में तमाम आरोपों के बाद हर कोई पूछ रहा है कि कौन सच्चा है और कौन झूठा।

बॉम्बे हाइकोर्ट के बाहर आर्यन खान को जमानत देने की गुहार लगाने वाले पोस्टर लेकर खड़े अभिनेता शाहरुख खान के प्रशंसक

बॉम्बे हाइकोर्ट के बाहर आर्यन खान को जमानत देने की गुहार लगाने वाले पोस्टर लेकर खड़े अभिनेता शाहरुख खान के प्रशंसक

क्या कहता है कानून

एनडीपीएस एक्ट 1985 के मुताबिक यदि आरोपी के पास से कोई सबूत बरामद नहीं हुआ है, तो वह अपराध नहीं है। ड्रग मामले की पूरी वैधता आरोपी से बरामद की गई सामग्री पर आधारित होती है।

किन परिस्थितियों में कितनी सजा

अगर रिकवरी नहीं हुई है तो कोई जुर्म नहीं बनता। एक दिन की भी सजा या जेल नहीं हो सकती। कम मात्रा में मिलने पर एक साल की सजा और अधिक मात्रा में मिलने या किसी पैडलर, गिरोह के साथ संबंध होने पर दस साल या उससे भी अधिक सजा का प्रावधान है। रिकवरी के मुताबिक सजा बढ़ती जाती है। 

(जैसा सुशांत का केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने बताया)

बॉलीवुड के लिए विलेनबने वानखेड़े

2013 में वानखेड़े कुछ महीने के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में थे। तब अनुराग कश्यप, विवेक ओबेरॉय, राम गोपाल वर्मा जैसी कई शख्सियतें सर्विस टैक्स न देने के आरोप में जांच के दायरे में आई थीं। साल 2006 में आंध्र प्रदेश में इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ अपनी सर्विस शुरू करने वाले समीर 2008 में आइआरएस बने। 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीता था। लेकिन टीम को नकली ट्रॉफी मिली थी। क्योंकि असली ट्रॉफी मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम में फंसी थी। उस समय वानखेड़े एयरपोर्ट कस्टम्स में असिस्टेंट कमिश्नर थे। रिया मामले में भी वानखेड़े ने ही कार्रवाई की थी। नवंबर 2019 में वानखेड़े ने एनसीबी के लिए आवेदन दिया था। 31 अगस्त 2020 को उन्होंने डेपुटेशन पर जिम्मा संभाला।

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