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भारत भर से आईं चिट्ठियां
पिछले अंक में प्रकाशित पाठकों की प्रतिक्रियाएं

पुरस्कृत पत्र

शांतिपूर्ण हों संबंध

आउटलुक 13 जुलाई के अंक में ‘हर पड़ोसी मोर्चे पर दबाव बढ़ा’ लेख पढ़ा। हाल के दिनों में भारत-नेपाल, चीन  संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है। दोनों ही देशों के साथ हमारा सीमा विवाद है। इस बीच नेपाल सरकार ने भारतीय मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसका कहना है कि भारतीय मीडिया नेपाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। नेपाल के साथ संबंधों में गिरावट भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे चीन को नेपाल में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिल रहा है। नेपाल की अति महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति को देखते हुए भारत को कोशिश करना चाहिए कि दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंध हों। चीन के साथ भी हमें संबंध मधुर रखना चाहिए। पड़ोसी देश के साथ विवाद भारत के विश्वगुरु बनने के सपने में बाधा बन सकता है।

शेषमणि शर्मा | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश

एसईजेड का हो उपयोग

आउटलुक हिंदी के 27 जुलाई अंक की आवरण कथा बहुत अच्छी लगी। टिकटॉक के बहाने इसमें चीनी ऐप और चीन के साथ व्यापार की अच्छी पड़ताल की गई है। अब देश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को अधिकतम प्रोत्साहन देने और विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाया जाना जरूरी है। भारत के अब तक निर्यात मोर्चे पर पीछे रहने का एक बड़ा कारण सेज का अपने मकसद में कामयाब न होना भी है।

शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी | फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश

चुनाव की सुगबुगाहट

आउटलुक के 27 जुलाई अंक में, यशवंत सिन्हा का साक्षात्कार पढ़ा। साल के अंत में बिहार में चुनाव होने हैं। ऐसे में जरूरी है कि बिहार की बुनियादी जरूरतों और समस्याओं पर ध्यान दिया जाए। पिछले 27 साल से बिहार में कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। कोरोना के चलते लगातार मजदूरों के लौटने से रोजगार का संकट बढ़ गया है। जनता अब वही सरकार चुने, जो इन मसलों पर पूरा ध्यान दे सके।

रोहित शर्मा | दिल्ली

राजनीति का अपराधीकरण

अपराधी को जब तक कड़ा दंड नहीं मिलता, उसके हौसले बुलंद रहते हैं। विकास दुबे के कारनामे राजनैतिक मिलीभगत का नतीजा है। दुबे के नेताओं के साथ संबंधों की जांच जरूरी है, ताकि कल फिर कोई नया विकास दुबे पैदा न हो।

अमृतलाल मारू | धार, मध्य प्रदेश

पुलिस सुधार

पुलिस की छवि में सुधार के लिए जरूरी है सभी बीट कॉन्स्टेबल को उसके क्षेत्र में हो रहे अवैध कामों की रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी दी जाय। और उसकी निगरानी सीनियर स्तर के प्रत्येक अधिकारी के जिम्मे हो। अवैध काम को बंद कराने के लिए क्या कदम उठाए गए, इसकी भी गोपनीय रिपोर्ट तैयार हो। ऐसा करने से सुधार की किरण दिख सकती है।

सुरेन्द्र कुमार | गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

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