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इंटरव्यू/माधुरी दीक्षितः ‘अब स्त्रियां सिर्फ कैरिकेचर भर नहीं’

पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचने से लेकर दमदार भूमिकाएं निभाने तक अभिनेत्रियों ने सुनहरे परदे पर लंबा सफर तय किया
माधुरी दीक्षित

1990 के दशक में सह-अभिनेताओं से ज्यादा कमाई करने वाली सुपरस्टार माधुरी दीक्षित ने 1984 में करियर की शुरुआत अबोध फिल्म से की। तेजाब, हम आपके हैं कौन जैसी फिल्मों से वे शिखर पर पहुंच गईं। शादी के बाद वे अमेरिका चली गईं और 12 वर्ष बाद बॉलीवुड लौटीं। उन्होंने ओटीटी पर फेम गेम के साथ शुरुआत की और अब वे प्राइम वीडियो पर आई पहली इंडियन अमेजन ओरिजिनल मूवी मजा मा में गुजराती पत्नी और मां की भूमिका में हैं। आउटलुक के लिए निवेदिता से उन्होंने महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से बात की। संपादित अंश:

मजा मा में संतुष्ट पारिवारिक सदस्य की भूमिका में हैं। अपनी भूमिका के बारे में कुछ कहना चाहेंगी?

संपूर्णता या संतुष्टि छलावा मात्र है। मेरी राय में हर किसी की जिंदगी में कुछ ऊंच-नीच है। हां, संपूर्ण होने की कोशिश रहती है, आप संतुष्ट होना चाहते हैं मगर संतुष्टि बस एक विचार है। यह एक ख्याल है हकीकत नहीं। हालांकि मजा मा में पल्लवी पटेल की अदाकारी में मुझे बड़ा मजा आया। यह बड़ी सुंदर भूमिका है, कई परतों वाली।

फिल्म में एक लाइन है, ‘मैं मां हूं, वाइफ हूं मगर आइ हैव माइ ओन आइडेंटीटी टू’, जो आपने मायानगरी के सफर में खूबसूरती से हासिल किया। अमेरिका से लौटने के बाद जो काम किया है, उससे संतुष्ट हैं?

मैं खुशनसीब हूं कि जैसा काम मैं चाहती हूं, वैसी ही भूमिकाएं कर रही हूं। मैं इससे ज्यादा की इच्छा नहीं कर सकती। मुझे फेम गेम करने में मजा आया और मैं इस फिल्म में काम करके भी खुश हूं। सबसे खुशी की बात यह है कि अब ऐसी पटकथाएं लिखी जा रही हैं, जिनमें स्त्रियां सिर्फ कैरिकेचर नहीं हैं या न ही पीडि़त या प्रतिशोधी हैं। मैं सोचती हूं आखिरकार स्त्रियों को फिल्म वालों ने भी व्यक्ति मान ही लिया। नए लेखकों के बारे में यही बहुत सुंदर बात है। फिल्मों में महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छा वक्त है।

फिल्म इंडस्ट्री में इन तीन दशकों में क्या बदला क्या नहीं?

मैंने जब काम शुरू किया तो मनोरंजन का एकमात्र साधन फिल्में थीं। बतौर एक्टर मुझे सिर्फ अपनी फिल्मों में काम करना पड़ता था, प्रमोशन काफी कम था और फिर हम प्रीमियर नाइट में जाने लगे, बस इतना ही। लेकिन अब आपके सामने कई रास्ते खुल गए हैं, आप इंस्टाग्राम, ट्विटर पर हो सकते हैं। फिर, यह या वह कर सकते हैं। मतलब कि आज बहुत सारी चीजें हैं जो स्टार आज कर रहे हैं। एक मायने में जिंदगी आज पहले से कुछ ज्यादा मुश्किल हो गई है।

पहले यह बेहद अराजक किस्म की इंडस्ट्री थी, मगर आज इंडस्ट्री काफी संगठित है। हालांकि उसके साथ आपसे कई चीजें करने की उम्मीद की जाती है। इस मायने में अब यह मुश्किल है, मगर मैं सोचती हूं कि महिलाओं के लिए जैसी भूमिकाएं लिखी जा रही हैं, उनका जवाब नहीं। मैं देखती हूं कि कई तरह के विषय पर आजकल काम होता है।

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