Advertisement

फटाफट लोन बड़ी कमाई

फिनटेक कंपनियों ने टेलीकॉम और एफएमसीजी सेक्टर की तरह लोन का भी सैशे और छोटा रिचार्ज मॉडल बाजार में उतारा
डिजिटल दौर में ग्राहकों को आधे से एक घंटे में मिल जाता है पैसा

डिजिटल दुनिया ने लोन लेने के तरीके को भी बदल दिया है। कंपनियों ने ग्राहकों की अब छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए “सैशे, छोटा रिचार्ज” की तरह लोन देने का मॉडल अपना लिया है। यानी आपको अब 1500-2000 रुपये का लोन मिल जाएगा। वह भी 15, 20 दिन के लिए। यह सारा काम आपके मोबाइल पर हो जाएगा, न किसी से मिलना और न किसी ऑफिस का चक्कर लगाना, सब कुछ डिजिटल। इसके लिए देश में फिनटेक कंपनियों का एक पूरा इकोसिस्टम तैयार हो गया है, जो पूरी तरह से डिजिटल कस्टमर को टारेगट कर रही हैं। कंपनियों की नजर 54 करोड़ इंटरनेट यूजर्स पर है, जो धीरे-धीरे डिजिटल दुनिया के आदी हो चुके हैं। वे हर काम डिजिटल ही करना चाहते हैं। इसीलिए कंपनियों ने इन्हें “न्यू-टू-क्रेडिट” का नाम दिया है। कंपनियों के अनुसार असल में अभी देश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग है, जो सीधे तौर पर फाइनेंशियल सेक्टर से नहीं जुड़ पाया है। मसलन, उसके पास न तो क्रेडिट हिस्ट्री है और न ही उसका कोई सिविल स्कोर है। ऐसे में उसे जरूरत पर आसानी से बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इस कैटेगरी में असगंठित क्षेत्र के वेतनभोगी, छोटे दुकानदार, छात्र आदि शामिल हैं।

जून में फिक्की और पीडब्ल्यूसी की फिनटेक सेक्टर पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, “भारत में डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन 20.2 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जो 2023 तक 64.8 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। और डिजिटल लोन 197.3 अरब डॉलर तक का स्तर छू लेगा।” कंपनियों के अनुसार देश की अभी केवल 20-22 फीसदी आबादी ऐसी है जिसके पास अपनी क्रेडिट हिस्ट्री है। ऐसे में अब कंपनियों की नजर उन 80 फीसदी लोगों पर हैं।

पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) रघुवीर गाखर ने बताया, “हमारी कंपनी कैशबीन ब्रांड के तहत ग्राहकों को पर्सनल लोन की सुविधा दे रही है। इसके तहत 1500 से 60 हजार रुपये का लोन मिनटों में मिल जाता है। जिस पर उसे 33 फीसदी का सालाना ब्याज चुकाना होता है। खास बात यह है कि लोन हम 15 दिन से लेकर 62 दिनों तक के लिए देते हैं। यानी ग्राहक अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को बेहद आसानी से पूरी कर सकते हैं।” अगर कोई ग्राहक लोन लेना चाहता है तो वह कंपनी से कैसे संपर्क करेगा, इस पर रघुवीर कहते हैं, “उसे कैशबीन ऐप को डाउनलोड करना है। उसके बाद वह लोन के लिए आवेदन कर सकता है।”

15-20 मिनट में मिल जाएगा

रघुवीर के अनुसार, “जब भी कोई ग्राहक लोन के लिए आवेदन करता है, तो हम मोबाइल फोन पर ही उसकी केवाईसी (नो योर कस्टमर) कर देते हैं। इसके लिए पैन, आधार डिटेल आदि ली जाती है। उसके बाद ग्राहक का सिविल स्कोर चेक किया जाता है। इन प्रक्रियाओं के बाद हम लोन की राशि 15-20 मिनट में ग्राहक के बैंक खाते में ऑनलाइन जमा कर देते हैं। ” लोन के लिए कंपनी 8-9 फीसदी प्रोसेसिंग फीस लेती है। ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस ज्यादा होने के सवाल पर रघुवीर कहते हैं, “देखिए एक तो हम ऐसे ग्राहकों को भी लोन देते हैं, जिन्हें दूसरे चैनल से लोन आसानी से नहीं मिल पाता है, ऐसे ग्राहकों पर जोखिम भी रहता है। जहां तक प्रोसेसिंग फीस की बात है तो सारा प्रोसेस डिजिटल है, ऐसे में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर काफी खर्च आता है। एक बात और समझनी चाहिए कि लोन की अवधि 15-62 दिनों की ही है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति 15 दिन में लोन चुकाता है तो प्रभावी ब्याज दर एक से 1.5 फीसदी ही आती है।  इसके साथ ही जो नियमित ग्राहक बन जाते हैं, जिनका लोन चुकाने का रिकॉर्ड अच्छा होते हैं, उन्हें हम प्रोसेसिंग फीस में छूट भी देते हैं।”

ऐसी ही कंपनी क्रेडिटबी के सीईओ मधुसूदन एकामबरम के अनुसार, “देश में अभी भी 20-22 फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जिनका क्रेडिट ब्यूरो के तहत रिकॉर्ड है। जाहिर है, देश की एक बड़ी आबादी अभी भी ऐसी है जो संगठित फाइनेंशियल सेक्टर से बाहर है। ऐसे ग्राहक को हम “न्यू-टू-क्रेडिट” कहते हैं। इन ग्राहकों को हम छोटे-छोटे लोन देकर धीरे-धीरे बैंकिंग सेक्टर के लिए तैयार कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि क्रेडिटबी के 10 लाख ऐसे ग्राहक हैं, जिनकी आज क्रेडिट हिस्ट्री और उनका सिबिल स्कोर है। हमारे ग्राहकों में छोटे दुकानदार से लेकर वेतन भोगी आदि शामिल है। क्रेडिट बी शुरूआती  तौर पर 5000 रुपये का लोन देती है। फिर जैसे-जैसे कस्टमर का रिकॉर्ड अच्छा होता जाता है, हम उसके लिए लोन की राशि जरूरत के आधार पर बढ़ा देते हैं। हम अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन देते हैं। और लोन चुकाने की अवधि 3, 6, 9 और 12 महीने की होती है। यानी ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार, इन चारों में से कोई भी विकल्प चुन सकता है।”

18-40 उम्र के ज्यादा ग्राहक

कंपनियां डिजिटल लोन के लिए ऐसे ग्राहकों को टारगेट कर रही हैं, जो टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हो, ऐसे में उनके निशाने पर 18-40 उम्र के ज्यादातर लोग हैं। इसमें वह वेतन भोगी, छोटे दुकानदार और छात्रों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज देने की जोर दे रही है। कंपनियां ऐसे ग्राहकों को मुख्य रूप से पर्सनल लोन दे रही हैं। रघुवीर के अनुसार कैशबीन को करीब 2 करोड़ ग्राहकों ने डाउनलोड किया है। जिसमें से एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने हमारी सुविधा का लाभ उठाया है। ज्यादातर ग्राहक 18-40 उम्र के है। इसमें छात्रों की संख्या बेहद ज्यादा है। इसके अलावा वेतन भोगी लोग है। वेतन भोगी लोगों में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें एडवांस में वेतन की जरूरत होती है। इसी तरह छात्र अब सब कुछ डिजिटल चाहते हैं, उन्हें ऐप पर अगर छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पैसे मिल जाए, तो इससे अच्छा क्या है? कंपनी की पहुंच पूरे देश में हो चुकी है लेकिन सबसे ज्यादा ग्राहक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में है। कंपनी ने इसके अलावा “नैनो पे” प्रोडक्ट लांच किया है। जिसमें ग्राहक को हम क्रेडिट कार्ड की तरह 30 दिन की ब्याज मुक्त पेमेंट सुविधा देते हैं। इसके बाद ग्राहकों को ब्याज के साथ राशि चुकानी पड़ती है। नए ग्राहक को 2-4 फीसदी प्रोसेसिंग फीसदी देनी होती है। जबकि पुराने ग्राहकों को कंपनी फीस में छूट देती है। अपने लोन पर ग्राहकों को 14-26 फीसदी तक ब्याज चुकाना पड़ता है।

इसी तरह मधुसूदन कहते हैं, “क्रेडिटबी प्रमुख रूप से ऐप के जरिए ग्राहकों को पर्सनल लोन की सुविधा देती है। इसके अलावा हमनें ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ साझेदारी की है। जहां पर ग्राहकों को “नो कॉस्ट ईएमआइ” आदि का फायदा मिलता है। अभी कंपनी के ग्राहकों की औसत उम्र 27 साल है और ग्राहकों की औसत मासिक आय 28 हजार रुपये हैं। उसके ग्राहक प्रमुख रूप से मेट्रो शहरों में हैं, जिसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के ज्यादातर ग्राहक शामिल हैं। कंपनी के 24 लाख एक्टिव ग्राहक हैं।”

कोविड ने घटाई रफ्तार

कोविड-19 का बिजनेस पर कैसा असर हुआ है, इस पर मधुसूदन कहते हैं, कि कोविड के पहले हम औसतन हर महीने 800 करोड़ रुपये का लोन दे रहे थे। जो कि घटकर अभी 150 करोड़ रुपये हो गया है। बीच में अप्रैल-जून तक हमने कोई नया लोन नहीं दिया है। लेकिन अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। हमें उम्मीद है कि फरवरी 2021 तक ही , हम पिछले साल फरवरी की स्थिति में पहुंचेंगे। जहां तक मोरेटेरियम सुविधा का सवाल है तो मई में हमारे कुल ग्राहकों में से 30 फीसदी ने मोरेटोरियम का लाभ लिया था। जो कि अगस्त में घटकर 15 फीसदी रह गया है। हमारा अनुमान है कि दिसंबर तक यह संख्या 8 फीसदी ही रह जाएगी। वहीं कैशबीन के रघुवीर का कहना है, “कोविड-19 ऐसा संकट है, जिसका आभास किसी को नहीं था। यह एक नए तरह की चुनौती है। इसका असर बिजनेस पर सीधे तौर पर हुआ है, लेकिन अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है।

साफ है कि देश में अभी तक बैंकिंग सुविधाओं से अछूते लोगों के लिए फिनटेक इंडस्ट्री एक बड़े मौके के रूप में उभर रही है, जिसका फायदा ग्राहकों के साथ-साथ कंपनियों को भी मिल रहा है। लेकिन यहां पर आरबीआइ की भूमिका सबसे अहम है, क्योंकि ज्यादातर डिजिटल लोन लेने वाले ग्राहक, ऐसे हैं जो अभी पूरी तरह से बैंकिंग सुविधाओं से परिचित नहीं है। ऐसे में ग्राहकों की जागरूकता को बढ़ाना और उनके अधिकारों की रक्षा सबसे अहम उद्देश्य होना चाहिए।

Advertisement
Advertisement
Advertisement