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28 नवंबर 2022 · NOV 28 , 2022

ट्विटर: आजाद या कैद में है पंछी?

इलॉन मस्क के अस्थिर मिजाज और फैसलों पर यू-टर्न करने की आदत से ट्विटर के भविष्य को लेकर संशय
इलॉन मस्क के कब्जे में आया ट्विटर

वाकया 21 दिसंबर 2017 का है। टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क ने एक ट्वीट में कहा था, “वह ट्विटर से प्यार करते हैं।” जवाब में एक अमेरिकी पत्रकार ने लिखा, “फिर आपको इसे खरीद लेना चाहिए।” मस्क ने पूछा, “दाम कितना होगा?” अब मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर खरीद लिया है। सुनने में भले ही सपने जैसा लगे लेकिन मस्क की राह आसान नहीं थी। सौदा पूरा होने की प्रक्रिया में मस्क को लंबी कानूनी माथापच्ची करनी पड़ी। जनवरी 2022 से मस्क ने ट्विटर के शेयर खरीदना शुरू किया था। अप्रैल 2022 आते-आते ट्विटर में उनकी हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी हो गई। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि मस्क ट्विटर का ‘होस्टाइल टेकओवर’ कर सकते हैं। हुआ भी यही।

मस्क-ट्विटर सौदे में पहला विवाद तब हुआ जब ट्विटर के निवेशकों ने मस्क की हिस्सेदारी को लेकर न्यूयॉर्क की अदालत में केस कर दिया। उनका मानना था कि मस्क ने सस्ती दर पर शेयर खरीदने के लिए ट्विटर में अपनी हिस्सेदारी का खुलासा करने में देरी की। कोर्ट का निर्णय आता उससे पहले मस्क ने अपनी सिक्योरिटी और एक्सचेंज फाइलिंग में यह दर्ज कर एक विवाद को जन्म दे दिया कि वे ट्विटर को 43 अरब डॉलर में खरीद लेंगे। ट्विटर ने इसे अफवाह करार दिया। उसके बाद मस्क ने ट्विटर पर लिखा, उनके पास ‘प्लान बी’ भी है। मस्क ने ट्विटर  के शेयरधारकों के साथ गुप्त बैठक की और 54.20 डॉलर प्रति शेयर यानी 44 अरब डॉलर में ट्विटर-मस्क सौदा पट गया।

ट्विटर-मस्क सौदे में दिलचस्प मोड़ तब आया जब मस्क ने ट्विटर से स्पैम/फर्जी खातों का विवरण देने के लिए कहा। मस्क के अनुसार, ट्विटर पर अधिकतम पांच फीसदी खाते ही फर्जी होने चाहिए थे। ट्विटर यह बताने में नाकाम रहा और मस्क ने सौदा रोक दिया। इसके बाद ट्विटर ने मस्क के खिलाफ डेलावेयर चांसरी कोर्ट में मुकदमा दायर किया। अगर मस्क इस सौदे से बाहर निकलते तो उन्हें करीब एक अरब डॉलर का हर्जाना भरना पड़ता। मस्क केस हारते दिख रहे थे, लेकिन अचानक 4 अक्टूबर को 54.20 डॉलर प्रति शेयर के प्रस्तावित मूल्य पर वे ट्विटर को खरीदने के लिए राजी हो गए।

अधिग्रहण के बाद ट्विटर

ट्विटर के बारे में पहले से ही चर्चित था कि यह जितना पैसा नहीं कमाता उससे ज्यादा विवाद बटोरता है। मालिक बनने के बाद इलॉन मस्क ने यह कहकर चौंका दिया कि ब्लू टिक के लिए हर महीने आठ डॉलर देना होगा। ब्लू टिक ट्विटर खाते की प्रामाणिकता को दर्शाता है, जो आमतौर सेलिब्रिटी, खिलाड़ी, राजनेता, शिक्षाविद या पत्रकारों को मिलता है। ब्लू टिक सिस्टम को बेतुका और सामंती बताते हुए उन्होंने कहा कि अब शक्ति ताकतवर के पास नहीं बल्कि जनता के हाथ में होगी। इस फैसले के बाद ट्विटर जगत दो धड़ों में बंट गया। इसके लिए सार्वजनिक रूप से मस्क की आलोचना हो रही है। प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक स्टीफन किंग ने भी इस पर नाराजगी जताई। स्टीफन ने ट्विटर छोड़ने की धमकी तक दे डाली। मशहूर कॉमेडियन एरिक आइडल ने कहा, “इसके जरिये इलॉन अब पैसा कमाना चाहेंगे। अगर मुझसे वे पैसा लेंगे तो मैं इससे अलग हो जाऊंगा।” मशहूर ग्राफिक डिजायनर रॉब शेरिडन भी इस जमात में शामिल हैं।

इन आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए मस्क का कहना है कि ट्विटर केवल विज्ञापन की बदौलत नहीं चल सकता है। बोट्स और ट्रोल्स को हराने के लिए यह जरूरी है। अपने चिर परिचित वनलाइनर ट्वीट में उन्होंने लिखा, “शिकायत करते रहो, लेकिन ब्लू टिक का 8 डॉलर लगेगा।”

घाटे के सौदे से मुनाफे की चाह?

ब्लू टिक के लिए पैसा वसूलने के फैसले पर मस्क का कहना है कि अब ट्विटर खास और सामान्य लोगों में भेद नहीं करेगा। ट्विटर खरीदने को लेकर उनकी शुरुआती हिचकिचाहट की वजह फर्जी खाते और बॉट्स नहीं थे, बल्कि उनका अप्रत्याशित यूटर्न कर्ज और बढ़ते घाटे को देखते हुए था। अंतिम तिमाही की आय रिपोर्ट में ट्विटर ने 34.4 करोड़ डॉलर का घाटा दर्ज किया था। ट्विटर की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा विज्ञापन से आता है, लेकिन मस्क के ट्विटर खरीदने की बात फैलने से विज्ञापन कम मिलने लगे थे।

मीडियाराडार के आंकड़ों के अनुसार, मई में ट्विटर के पास 3,900 विज्ञापनदाता थे। अगस्त में यह संख्या 2,300 हो गई। मस्क के अधिग्रहण के बाद संख्या में और गिरावट देखी गई। जनरल मोटर्स ने घोषणा की कि उसने अपने विज्ञापन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। वे देखना चाहते हैं कि कंपनी किस दिशा में जा रही है। इसके अलावा, ऑडी, लेम्बोर्गिनी, बेंटले जैसी बड़ी कंपनियां ने भी ट्विटर पर विज्ञापन रोक लिए हैं।

ट्विटर टाइमलाइन

पहली बार इस मामले को रिपोर्ट करने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार टिफनी सू का मानना है कि कंपनी में हो रही छंटनी के कारण विज्ञापनदाता पीछे हट रहे हैं। मस्क ने कमान संभालते ही सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफओ नेड सेगाल और लीगल अफेयर पॉलिसी हेड विजया गाड्डे को निकाल दिया है। इसके अलावा उन्होंने 50 फीसदी कर्मचारियों को भी निकालने का निर्णय लिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर के सात हजार कर्मचारियों में से 3500 को ईमेल भेज कर जाने को कहा गया है। इस पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त, वोल्कर तुर्क ने मस्क को खुला पत्र लिखा है। इससे आहत ट्विटर के संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी ने माफी मांगी कि इस स्थिति के लिए वे जिम्मेदार हैं। 

मस्क अपने फैसले पर अडिग हैं। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने बताया कि कंपनी रोजाना 40 लाख डॉलर का नुकसान उठा रही है। दुर्भाग्य से ऐसे में छंटनी के सिवाय कंपनी के पास कोई विकल्प नहीं है।

यू-टर्न के उस्ताद मस्क

ट्विटर को खरीदने से पहले उन्होंने जो बातें की थीं वे अब उन सभी से पीछे हटते जा रहे हैं। अप्रैल में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि ट्विटर के जरिये पैसा कमाना उनका लक्ष्य नहीं है, लेकिन जैसे ही उन्होंने ट्विटर पर कब्जा जमाया वे ब्लू टिक के लिए पैसे मांगने लगे और कर्ज के नाम पर आधे से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया। मस्क ने पहले यह भी कहा था कि उनके प्लेटफॉर्म पर नफरती लोग और फर्जी खबरों के लिए कोई जगह नहीं होगी लेकिन उनके मालिक बनने के बाद से ही ट्विटर पर फेक न्यूज और हेट स्पीच में बढ़ोतरी देखी गई है। मोंटेक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि मस्क के अधिग्रहण के 12 घंटे में ही करीब पांच हजार बार आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट हुए हैं। काले, अल्पसंख्यकों और समलैंगिकों के खिलाफ किए जाने वाले ट्वीट में करीब 500 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मस्क के अस्थिर मिजाज और यू-टर्न की आदत ने जानकारों में ट्विटर के भविष्य को लेकर संशय पैदा कर दिया है। ऊपर से मस्क के रोजाना आ रहे विवादास्पद ट्वीट इस आशंका को बल दे रहे हैं कि ट्विटर सुरक्षित हाथों में है भी या नहीं। चिड़िया वाकई आजाद हुई है या...?

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