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ड्रग्स मामला: नशे पर सियासी कुहरा

शाहरुख के बेटे की गिरफ्तारी और मुंद्रा बंदरगाह पर भारी मात्रा में हेरोइन पकड़े जाने से फिर ड्रग्स मामले सुर्खियों में
हिरासत में आर्यन खान

वाकया 1997 का है। बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख खान पत्नी गौरी खान के साथ टॉक शो रान्डिवु विद सिमी ग्रेवाल (सिमी ग्रेवाल के साथ हंसी-ठट्ठा की अड्डेबाजी) में पहुंचे थे। कुछ महीने पहले ही बेटे आर्यन का जन्म हुआ था। सिमी ग्रेवाल ने कुछ चुटकी ली तो शाहरुख मजाकिया लहजे में कह गए, ‘‘हां, मैं चाहता हूं कि मेरा बेटा वह सारे गलत काम करे, जो मैं जवानी में नहीं कर पाया। लड़कियों के पीछे भागे, ड्रग्स वगैरह ले।’’ विडंबना देखिए कि दो दशक से कुछ ज्यादा वक्त बाद वह हंसी-ठट्ठा, हल्का-फुल्का मजाक शाहरुख और उनके 23 वर्षीय बेटे आर्यन के गले संकट बनकर आ पड़ा है। हालांकि इसमें सियासत के रंग भी उभरे हैं और उससे पहले गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर ईरान से आए दो कंटेनरों में पाए गए 3,000 किलो हेरोइन का मामला भी है, जिसके बाद अब मुंद्रा बंदरगाह ने कहा है कि आगे से वह ईरान, अफगानिस्तान से आए कंटेनरों को नहीं उतरने देगा। सो, मामले में भाजपा और महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल राकांपा में आरोप-प्रत्यारोप जारी है।

लेकिन पहले देखें मुंबई का मामला क्या है। 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रही क्रूज शिप पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने छापा मारा और वहां रेव पार्टी से बिजनेसमैन के बेटे अरबाज मर्चेंट, दिल्ली की मॉडल मुनमुन धमेचा और आर्यन खान के साथ कई लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में 9 अक्टूबर तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था। एनसीबी के मुताबिक मौके पर कोकीन, मेफेड्रोन, चरस और हाइड्रोपोनिक वीड जैसे नशीले पदार्थ और 1.33 लाख रुपये जब्त किए गए।

आर्यन और उनके कई साथी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं। कथित ड्रग्स कनेक्शन मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और अभिनेता सलमान खान का काला हिरण मामला लड़ने वाले वकील सतीश मानशिंदे आर्यन का केस लड़ रहे हैं। 8 अक्टूबर को मुंबई की एक अदालत में जमानत को लेकर सुनवाई हुई लेकिन आर्यन को निराशा हाथ लगी। वकील मानशिंदे की दलील थी कि आर्यन के पास ड्रग्स नहीं मिली। 13 अक्टूबर की सुनवाई में एनसीबी ने कहा, शुरुआती जांच में पता चला है कि आर्यन बड़ी ड्रग्स चेन का हिस्सा हैं, भले ही छापे के समय उनके पास ड्रग्स नहीं मिली। एक व्यक्ति को जमानत से जांच प्रभावित हो सकती है। आर्यन के दूसरे वकील अमित देसाई ने कहा कि एनसीबी के छापे के समय तो आर्यन क्रूज पर भी नहीं थे। उन्हें और अरबाज मर्चेंट को पार्टी में जाते समय पकड़ा गया। आर्यन के पास ड्रग्स नहीं मिली, जबकि अरबाज के पास छह ग्राम चरस थी। इस पर एनसीबी ने कहा कि आर्यन वर्षों से अरबाज को जानते हैं और उससे तथा उसके डीलरों से ड्रग्स खरीदते रहे हैं।

नवाब मलिक

राकांपा के नवाब मलिक का आरोप है कि पूरी कार्रवाई भाजपा से प्रेरित है, एनसीबी के गवाह भाजपा कार्यकर्ता है

अब देश के सबसे बड़े बंदरगाह मुंद्रा में हेरोइन की खेप का मामला देखें। इसका संचालन अडाणी समूह करता है। वहां बड़े करीने से सजाए हजारों कंटेनरों के बीच ईरान से आए दो कंटेनर भी दबे थे। शिपमेंट पर नजर रखने वाले राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआइ) के अधिकारियों के मुताबिक ये ईरान के बंदर अब्बास से आए और गुजरात के कच्छ में भेजे जाने थे। लेकिन इसे भेजने वाले के नाम से अधिकारियों की दिलचस्पी जगी। यह थी दक्षिण अफगानिस्तान के कंधार में स्थित फर्म हसन हुसैन लिमिटेड। अधिकारियों ने 15 सितंबर को कंटेनर खोले तो सफेद रंग के सैकड़ों सिंथेटक बैग दिखे। टैल्क पाउडर के नीचे तीन टन अफगान हेरोइन थी। यह देश में पकड़ी गई ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप थी। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, यह मुंबई के 12 करोड़ लोगों को नशे में धुत होने के लिए काफी है।

दोनों मामलों से सियासी अरोप-प्रत्यारोप भी उभर आए। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री तथा राकांपा नेता नवाब मलिक ने इसे भाजपा से प्रेरित कार्रवाई बताया। उनका आरोप है कि मुंबई में छापे के दौरान के दौरान वहां मौजूद मनीष भानुशाली और किरन गोसावी जैसे शख्स अंदर की जानकारी जांच एजेंसी को दे रहे थे। उन्हें इस मामले में गवाह बनाया गया है। ये दोनों भाजपा के कार्यकर्ता हैं। मलिक ने दो प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनके भाजपा से संबंधों की तस्वीरें दिखाईं और यह भी दिखाया कि कैसे ये लोगों को बाहर ला रहे हैं।

लेकिन, एनसीबी मुंबई के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने सफाई दी, ‘‘2 अक्टूबर को की गई रेड नियमों के मुताबिक थी और जांच के बाद ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। दोनों स्वतंत्र गवाहों मनीष भानुशाली और किरन गोसावी को एनसीबी ऑपरेशन से पहले नहीं जानती थी।’’ गोसावी पर पहले से कई मामले दर्ज हैं। इस पर एनसीबी का कहना है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी।

एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े आउटलुक से कहते हैं, ‘‘मामला न्यायालय में है। इसलिए कुछ कहना ठीक नहीं है। मैं किसी राजनीतिक पार्टी के बयान पर बोलना नहीं चाहूंगा। इस मामले में कुल 9 गवाह बनाए गए हैं, सिर्फ दो की ही चर्चा क्यों।’’

एनसीबी के मुताबिक, सितंबर में ही उसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी गैंगस्टर चिंकू पठान को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से 10 लाख रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी। वानखेड़े कहते हैं, ‘‘साल भर में 12 बड़े सप्लायर-पैडलर का भांडाफोड़ किया गया है। 13 महीने में 300 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। करोड़ों की ड्रग्स बरामद हुई है।’’

मलिक के आरोपों पर महाराष्ट्र के भाजपा महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले कहते हैं, ‘‘कोर्ट को फैसला करना है। जांच का काम एजेंसी का है। राज्य सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। पहले भी मामले आते थे, पर अब गंभीरता से कार्रवाई हो रही है।’’

दरअसल, पिछले साल सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले के बाद से इंडस्ट्री में ड्रग्स कनेक्शन की फेहरिस्त लगातार लंबी होती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, देश में तकरीबन 10 लाख करोड़ रुपये का नशे का गोरखधंधा है। जाने-माने फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री कहते हैं, ‘‘अब समय आ गया है कि बॉलीवुड हस्तियां नशीली दवाओं का दुरुपयोग और खुद को ग्लैमराइज करना बंद करें।’’ वे कहते हैं, ‘‘ऐसा नहीं कि यह सिर्फ इसी इंडस्ट्री तक सीमित है। इसका सेवन करने वाले पूरे देश में सभी वर्गों में फैले हैं। फिर बॉलीवुड को ही क्यों दोषी ठहराया जाता है?’’ हालांकि, मुंबई के चर्चित पूर्व पुलिस प्रमुख जुलिओ रिबेरो का मानना है कि एनसीबी का काम ड्रग का इस्तेमाल करने वालों को पकड़ना नहीं है। उन्होंने बीते साल आउटलुक से सुशांत मामले के बाद कहा था, ‘‘मेरी राय में लोगों को गिरफ्तार करने की जगह उन्हें काउंसलिंग देने की जरूरत है, ताकि वे ड्रग का सेवन छोड़ सकें।’’

मनीष भानुशाली

मनीष भानुशाली

आर्यन की गिरफ्तारी के बाद शाहरुख के पक्ष और उनके खिलाफ इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के बयान भी आए। करण जौहर, फरहान खान, सलमान खान, नीलम कोठारी, सीमा खान जैसी हस्तियां शाहरुख के बांद्रा स्थित घर ‘मन्नत’ पहुंचीं।

बहरहाल, दूसरी हकीकत यह है कि ड्रग्स मामलों में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, सारा अली खान तक से एनसीबी पूछताछ कर चुकी है लेकिन अभी इन मामलों की क्या स्थिति है, उसकी कोई जानकारी नहीं है। वानखेड़े कहते हैं, ‘‘जांच जारी है। मामला कोर्ट में है।’’ लेकिन मौजूदा मामले में सियासी रंग उभरना चिंताजनक है। इसके पहले सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या और रिया चक्रवर्ती के मामलों में सियासी छिछालेदर देश देख चुका है। सियासी मकसद से कुछ आरोपों को दबाने और कुछ को उछालने का सियासी खेल तो बंद होना ही चाहिए।

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