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लॉकडाउन नहीं होता तो एक लाख लोग होते संक्रमित

आज तक ऐसे संकट का सामना किसी ने नहीं किया
सत्येंद्र जैन

देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में दिल्ली दूसरे नंबर पर है। करीब 1.5 करोड़ आबादी पर गहरा संकट है। वह संक्रमण के खतरे के साथ आर्थिक गतिविधियां ठप होने से भी परेशान है। ऐसे में दिल्ली सरकार कोविड-19 से लड़ने के लिए कितनी तैयार है, इस पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्रशांत श्रीवास्तव से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:

महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में सबसे ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आए हैं। यह कितनी बड़ी चुनौती है?

यह बहुत बड़ा संकट है, आज तक ऐसे संकट का सामना किसी ने नहीं किया है। जहां तक दिल्ली में ज्यादा मामले की बात है, दिल्ली की स्थिति को समझना होगा। यहां पर देश-विदेश से लोग आते हैं। प्रवासी लोग भी काफी रहते हैं। ऐसे में स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन अभी तक नियंत्रण में है। हमने 2,400 (12 अप्रैल तक) से ज्यादा लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।

दिल्ली में तेजी से हॉटस्पॉट बढ़ रहे हैं, क्या स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है?

अभी (12 अप्रैल) तक 43 हॉटस्पॉट की पहचान हुई है। हमने 20 से शुरुआत की थी। क्राइटेरिया सख्त करने की वजह से हॉटस्पॉट की संख्या बढ़ी है। पहले हम एक क्षेत्र में छह संक्रमित पाए जाने पर, उसे हॉटस्पॉट घोषित करते थे, अब इसे घटाकर तीन कर दिया गया है। संभव है, आने वाले दिनों में हॉटस्पॉट और बढ़ें। फिलहाल मकसद संक्रमण रोकना है।

दिल्ली सरकार ने फिलहाल कितने संक्रमित लोगों के इलाज के लिए इन्‍फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है?

दिल्ली इस समय तक 30 हजार तक संक्रमित लोगों के लिए तैयार हो चुकी है। इसके लिए हमने अस्पतालों और दूसरी व्यवस्थाओं के जरिए तैयारी कर ली है। साथ ही लगातार हम अपनी क्षमता बढ़ाते जा रहे हैं।

पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) की काफी किल्लत है, क्या दिल्ली के पास पर्याप्त उपलब्धता है?

हमने केंद्र सरकार से दो लाख पीपीई की मांग की थी, लेकिन 13 अप्रैल तक 12 हजार ही मिल पाई है। सरकार ने 37 हजार देने की बात कही थी, उम्मीद है कि जल्द ही ये हमें मिल जाएंगी। हम दूसरे संसाधनों के जरिए पीपीई की उपलब्धता बढ़ा रहे हैं।

दिलशाद गार्डन को लेकर दावा है कि अब वहां संक्रमण नहीं है, क्या दूसरे जगहों पर स्थिति सुधरी है?

वहां पिछले 14 दिनों में संक्रमण का कोई नया मामला नहीं आया है। हमने वहां पर एक-एक घर में लोगों की जांच की, लोगों को क्वारंटाइन किया। इसकी वजह से संक्रमण की चेन को रोक पाएं। इस वजह से हम कह सकते हैं कि वहां संक्रमण रुक गया है। जहां तक दूसरे हॉटस्पॉट की बात है तो कई जगहों पर स्थिति सुधरी है, लेकिन हमें कम से कम दो हफ्ते इंतजार करना होगा। उसके बाद ही संक्रमण पर कुछ कह पाने की स्थिति में होंगे।

दिल्ली में जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में संक्रमण बढ़ा है, क्या कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति है?

अभी तक कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति नहीं है। अगर ऐसा होता तो किसी क्षेत्र से एक दो मामले नहीं आते। एक ही क्षेत्र से 100-200 मामले सामने आते। हमने टेस्टिंग भी बढ़ा दी है। ऐसे में, कम्युनिटी संक्रमण के निष्कर्ष तक पहुंचने की जरूरत नहीं है।

लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है, दूसरे विकल्प भी तलाशने चाहिए?

कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए अभी लॉकडाउन ही सबसे बेहतर विकल्प है। जैसा कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट है, उसके आधार पर दिल्ली में लॉकडाउन नहीं होता, तो एक लाख लोग संक्रमित होते। अगर हम लॉकडाउन नहीं करते तो इस स्थिति में कौन सी अर्थव्यवस्था चला पाते। इससे बेहतर है पहले लोगों की जान बचाई जाए।

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