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बॉलीवुड की रिया से दूरी

बीते एक साल में सुशांत प्रकरण की गुत्थी उलझती गई, जांच एजेंसियां अब तक कुछ भी ठोस सामने लाने में नाकाम रही हैं
सुशांत केस की जांच के दौरान बांद्रा थाने में सीबीआइ की टीम

एक प्रमुख प्रकाशन समूह ने 2020 में रिया चक्रवर्ती को पिछले साल की ‘सबसे आकर्षक महिला’ के खिताब से नवाजा था। लेकिन, उनके अभिनेता-प्रेमी सुशांत सिंह राजपूत के मुंबई में एक किराए के अपार्टमेंट में मृत पाए जाने के एक साल बाद भी बॉलीवुड ने उनसे दूरी बनाई हुई है। मीडिया ट्रायलों में 28 वर्षीया अभिनेत्री को पिछले साल 14 जून को संदिग्ध परिस्थिति में मृत पाए गए उनके लिव-इन पार्टनर की मौत का जिम्मेदार माना गया था। वे एक महीना सलाखों के पीछे भी रहीं। अब मीडिया ट्रायल भले खत्म हो गया हो, किसी ने भी उन्हें नए प्रोजेक्ट के लिए साइन नहीं किया है।

जिन लोगों ने सुशांत के दुखद अंत से पहले और बाद में उनके साथ काम करने का वादा किया था, उन्होंने भी उनसे दूरी बना ली है। उनकी एकमात्र फिल्म चेहरे को भी रिलीज का इंतजार है, जिसे उन्होंने लॉकडाउन से पहले पूरा कर लिया था। अमिताभ बच्चन-इमरान हाशमी अभिनीत इस फिल्म को इसी साल अप्रैल में सिनेमाघरों में आना था, लेकिन कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आखिरी वक्त में फिल्म की रिलीज टाल दी गई। तब तक यह साफ हो गया था कि निर्माता उनके विवादों में आ जाने के कारण उनकी भूमिका की कोई पब्लिसिटी नहीं करना चाहते थे। फिल्म के पहले ट्रेलर में उनकी अनुपस्थिति पर जब चर्चाएं शुरू हुईं तो दूसरे ट्रेलर में वे बस पलक झपकने जितनी देर ही नजर आईं। बाद में निर्माता आनंद पंडित ने साफ किया कि फिल्म के व्यावसायिक लाभ के लिए रिया की स्थिति का अनावश्यक फायदा उठाना नहीं चाहते थे।

ट्रेड विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्य रूप से दो वजहों से कोई भी फिल्म निर्माता रिया के समर्थन में सामने नहीं आया। पहला नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) में उनके खिलाफ चल रहे मामले और दूसरा, सुशांत प्रशंसकों की प्रतिकूल प्रतिक्रिया का डर। पिछले वर्ष सड़क 2 से महेश भट्ट की निर्देशक के रूप में लंबे समय से वापसी का इंतजार था। लेकिन फिल्म को सिर्फ इसलिए बुरी तरह ट्रोल किया गया क्योंकि सुशांत की मृत्यु के बाद भट्ट ने रिया का समर्थन किया। ट्रेलर को भी यू-टयूब पर लाखों लोगों ने नापसंद किया। यही वजह है कि रिया को साइन करने के इच्छुक फिल्मकारों ने अपनी योजनाएं अनिश्चितकाल के लिए टाल दीं।

सीबीआइ ने अभी तक सुशांत मामले में जांच बंद नहीं की है, जबकि एनसीबी अपने आरोप पत्र में रिया को ड्रग से संबंधित मामले में आरोपी नामित कर चुकी है। जाहिर है, इस मामले की लंबी सुनवाई चलने के आसार हैं, जिसका खामियाजा रिया को अपने करियर में उठाना पड़ सकता है।

इन सबके बीच पिछले साल, सलमान खान की दबंग 3 का सह-निर्माण करने वाले अभिनेता-निर्माता निखिल द्विवेदी ने कहा था, ‘‘यह सब (मामले) खत्म हो जाने पर वे रिया के साथ काम करना चाहेंगे।’’ उन्होंने भी अपनी योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। लेखक-निर्देशक रूमी जाफरी को भी फरवरी 2020 में रिया और सुशांत के साथ एक फिल्म शुरू करनी थी। लेकिन वह फिल्म भी गर्त में चली गई है। जाफरी कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कहते हुए उम्मीद जताते हैं कि रिया जोरदार वापसी करेंगी।

लेकिन अदालत में मामले कई साल चलते हैं। ऐसे में अगर हर निर्माता अंतिम फैसले की प्रतीक्षा करता रहे, तो किसी भी अभिनेता का करिअर बर्बाद हो सकता है, चाहे वह कितना भी प्रतिभाशाली क्यों न हो। यह सच है कि फिल्म निर्माण में बहुत पैसा लगा होता है और इस व्यवसाय में भावनाओं की कोई भूमिका नहीं होती, लेकिन बॉलीवुड कभी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले अभिनेताओं के प्रति इतना उदासीन नहीं रहा।

1993 में मुंबई ब्लास्ट केस में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद संजय दत्त के पास फिल्मों के ऑफर की कोई कमी नहीं थी। निर्माता उनके जेल से लौटने का इंतजार करते थे। सलमान खान पर भी पिछले कुछ साल में कई आरोप लगे लेकिन वे अब भी सुपरस्टार बने हुए हैं। बेशक, रिया न तो संजय दत्त हैं और न ही सलमान खान, जो बॉलीवुड के चर्चित परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। रिया बाहरी हैं। जाहिर है, जब तक अदालत उनके खिलाफ मामलों में अंतिम फैसला नहीं सुनाती, तब तक उन्हें फिल्म बिरादरी से किसी भी समर्थन की उम्मीद किए बिना अपनी लड़ाई अकेले लड़नी होगी।

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