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मौत पर मंडराता रहस्य

सुशांत सिंह राजपूत की हत्या या आत्महत्या की उलझी गुत्थी की जांच पर भिड़े बिहार और महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश में जांच को लेकर ठनी, सुशांत के पिता के.के. सिंह (बीच में)

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने कथित अवसाद के कारण आत्महत्या की या किसी साजिश के तहत उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया? क्या उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान ने भी खुदकुशी की, या उनकी भी निर्मम हत्या की गई? महज छह दिन के अंतराल में दोनों घटनाओं के तार क्या जुड़े हैं? क्या दिशा अपनी मौत के पहले किसी पार्टी में फिल्म इंडस्ट्री की कुछ हस्तियों और रसूखदार लोगों के साथ मौजूद थीं? वहां उनके साथ क्या हुआ? क्या सुशांत दिशा की मौत से संबंधित कुछ रहस्योद्धाटन करने वाले थे? सुशांत की गर्लफ्रेंड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की भूमिका इस केस में क्या है? क्या उन्होंने वाकई अपने परिजनों के साथ मिलकर सुशांत के पैसों का गबन किया?

दिशा सालियान और सुशांत दोनों की मौत पर है परदा

ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन्होंने सुशांत की हत्या या आत्महत्या को देश की सबसे बड़ी और पेचीदा ‘क्राइम मिस्ट्री’ बना दिया है। देश और विदेश में सुशांत के लाखों चाहने वालों ने उन्हें इंसाफ दिलाने की मुहिम चला रखी है। उनके अनुसार, मुंबई पुलिस ने सुशांत केस की पड़ताल में घोर लापरवाही बरती है, जिसकी पेशेवराना अंदाज के लिए तुलना अक्सर स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती है। मीडिया में भी इस केस का ट्रायल बदस्तूर जारी है।  

यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। पांच अगस्त को इस केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मुंबई पुलिस से जांच के दौरान की गई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार की इस केस को सीबीआइ को सौंपने की अनुशंसा मान ली गई है। गौरतलब है, महाराष्ट्र सरकार सुशांत केस को सीबीआइ को सौंपने का लगातार विरोध कर रही है। उसका मानना है कि मुंबई पुलिस पेशेवर तरीके से जांच कर रही है। इस मुद्दे पर उसकी बिहार सरकार से ठन भी गई है, क्योंकि पटना पुलिस ने भी स्वतंत्र रूप से इस केस की जांच शुरू कर दी है।

देश के इतिहास में संभवतः यह पहला मौका है, जब दो राज्य किसी मौत की जांच के मुद्दे पर इस तरह आमने-सामने आ गए हैं। यह सब आखिर हुआ कैसे? जिस मौत को प्रथम दृष्टया खुदकुशी का मामला बताकर मुंबई पुलिस ने जांच शुरू की और अगले डेढ़ महीनों से ज्यादा तक यही मानती रही, वह मामला इतने जटिल रूप में कैसे बदल गया?

दरअसल मुंबई के बांद्रा में पिछले 14 जून को 34 वर्षीय अभिनेता अपने फ्लैट में मृत पाए गए। इसके बाद इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए वहां की पुलिस ने जांच शुरू की। बताया गया कि पिछले कुछ महीनों से वे डिप्रेशन का इलाज करा रहे थे और दवा भी ले रहे थे। उनकी मौत से आहत उनके कुछ प्रशंसकों ने बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद और गुटबाजी को सुशांत के अवसाद और बाद में उनकी मौत का कारण माना। उनका कहना था कि पिछले साल छिछोरे जैसी सुपरहिट फिल्म देने के बाद भी सुशांत के पास कोई नई फिल्म नहीं थी। यही नहीं, यह भी आरोप लगाया गया कि फिल्म इंडस्ट्री के कतिपय बड़े निर्माता उन्हें ‘बाहरी’ होने के कारण आगे बढ़ने नहीं देना चाहते थे। शेखर कपूर जैसे मशहूर फिल्मकार ने भी इसके संकेत दिए, जो सुशांत के साथ अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म पानी बनाना चाहते थे। सोशल मीडिया पर जब बॉलीवुड के अंदर भाई-भतीजावाद के खिलाफ स्वतःस्फूर्त दिखने वाली मुहिम चलने लगी, तो मुंबई पुलिस ने इसे आधार बनाते हुए आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट और संजय लीला भंसाली सहित कई चर्चित हस्तियों से पूछताछ शुरू की।

इस केस में अचानक नया मोड़ तब आया, जब दिवंगत अभिनेता के पिता के.के. सिंह की शिकायत पर सुशांत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके कुछ परिजन के खिलाफ पटना पुलिस ने स्थानीय राजीव नगर थाने में एफआइआर दर्ज की। उन्होंने रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने और करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाया। उनका कहना था कि मुंबई पुलिस इस केस की सही तरीके से जांच नहीं कर रही है। इस एफआइआर के दर्ज होने के बाद बिहार पुलिस ने फौरन एक चार-सदस्यीय टीम जांच के लिए मुंबई रवाना कर दी।

महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को यह नागवार गुजरा। उनका मानना था कि इस मामले की जांच बिहार पुलिस के अधिकार क्षेत्र के बाहर है, क्योंकि घटना मुंबई में हुई है। उनका तर्क था कि कानूनन पटना पुलिस सुशांत के पिता की शिकायत पर दर्ज एफआइआर मुंबई पुलिस को भेजती, क्योंकि इस केस से संबंधित जांच यहां चल रही है। हालांकि बिहार पुलिस की अपनी दलील है। उनका कहना है कि मुंबई पुलिस अभी तक सुशांत की मृत्यु को मात्र आत्महत्या मान कर जांच कर रही है और इस संबंध में उन्होंने एक भी एफआइआर दर्ज नहीं की है। उनका दावा था कि सुशांत के पिता ने अपने पुत्र के निधन से संबंधित केस पटना में दर्ज किए हैं, इसलिए बिहार पुलिस का यह दायित्व बनता है कि वह इसकी गंभीरतापूर्वक तहकीकात करे।

इसके बाद मामले ने बड़े विवाद का रूप ले लिया। बिहार के पुलिस महानिरीक्षक गुप्तेश्वर पांडेय ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस पटना से गई टीम के साथ सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसे जरूरी कागजात साझा करने से भी इनकार कर दिया और जांच के लिए उनकी टीम को मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराईं। मुंबई पुलिस के कथित असहयोगात्मक रवैये के मद्देनजर बिहार पुलिस ने बाद में एक आइपीएस अधिकारी, पटना मध्य के सिटी एसपी विनय तिवारी को मुंबई भेजने का फैसला किया। उन्हें उम्मीद थी कि वरिष्ठ अधिकारी के जाने से दोनों राज्यों की पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो जाएगा। लेकिन तिवारी के मुंबई पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही बृहन्मुम्बई नगर निगम (बीएमसी) ने उन्हें चौदह दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया। यही नहीं, उनके हाथ पर इस अवधि में बाहर न निकलने के आशय वाली मुहर भी लगा दी, ताकि वे कहीं आ-जा न सकें। बिहार पुलिस ने इसे अपने अधिकारी को नजरबंद करने की संज्ञा दी। इधर, रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटना में उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआइआर को मुंबई स्थानांतरित करने की गुहार लगाई। इसके बाद बिहार और महाराष्ट्र की सरकारों ने भी इस संबंध में उनकी दलीलें सुनने के लिए कैविएट दायर की।

रिया सुशांत के साथ लिव-इन रिलेशन में थीं। लेकिन उनकी मौत के मात्र छह दिन पहले ही वे उन्हें छोड़कर अपने घर वापस आ गई थीं। सुशांत के परिवार ने उन पर आरोप लगाया है कि वे सुशांत को उनसे मिलने और बातचीत नहीं करने देती थीं। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच, सुशांत के पिता के अनुरोध पर बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने केंद्र से इस केस को सीबीआइ को सौंपने की अनुशंसा कर दी।

इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई हुई तो केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को सूचित किया कि सीबीआइ जांच की बिहार सरकार की अनुशंसा स्वीकार कर ली गई है। खबरों के अनुसार, सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मुंबई पुलिस को कहा कि एक आइपीएस अधिकारी को क्वारंटीन करने से गलत मैसेज गया है। कोर्ट ने मुंबई पुलिस को, सुशांत केस से संबंधित जांच की प्रगति संबंधी रिपोर्ट तीन दिनों में पेश करने का भी आदेश दिया। इसके साथ ही, सर्वोच्च न्यायालय ने रिया को तत्काल किसी भी तरह की मोहलत नहीं दी। अब सारी नजरें उच्चतम न्यायलय के अगले आदेश पर हैं।

सुशांत की मौत के मामले में परिजन और प्रसंशक आशान्वित हैं कि सीबीआइ जांच दिवंगत अभिनेता के मौत के रहस्य को उजागर करेगी। हालांकि अपनी एफआइआर में सुशांत के पिता ने रिया और उसके परिजनों पर सुशांत को आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए आरोपित किया है। अभिनेता के कई प्रशंसक उनकी ‘हत्या’ को उनकी मौत से छह दिन पहले हुई उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की कथित आत्महत्या से जोड़ रहे हैं। हालांकि दिशा के पिता ने मुंबई पुलिस को लिखे पत्र में की गई जांच से कोई असंतोष नहीं जताया है। सोशल मीडिया में ऐसे कई आरोप लग रहे हैं कि दिशा ने आत्महत्या से पहले सुशांत के साथ कुछ राज साझा किए थे, जिसे वह उसकी मौत के बाद दुनिया को बताना चाहते थे और इसी वजह से उनकी ‘हत्या’ कर दी गई।

मुंबई पुलिस के अधिकारी हालांकि इससे इत्तेफाक नहीं रखते। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना का कहना है कि आगामी बिहार चुनाव के मद्देनजर सुशांत की मौत को राजनैतिक रंग दिया जा रहा है, ताकि जद-यू और भाजपा गठबंधन को इसका फायदा मिल सके। सुशांत की मौत पर रोज नए खुलासे हो रहे हैं और अफवाहों का बाजार गर्म है। अब जब सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज कर ली है, लोगों को एक युवा और चर्चित अभिनेता की मौत की निष्पक्ष जांच की उम्मीद है, जो इस गुत्थी को जल्द से जल्द सुलझा कर केस को तार्किक परिणति तक पहुंचा सके।    

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