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दिल्ली धमाकाः अल फलाह तार

विश्वविद्यालयों पर नजर रखने वाली संस्था नैक (एनएएसी) का कहना है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी का नवीनीकरण नहीं कराया है
फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी

दिल्ली के लाल किला बम विस्फोट में एक नाम का बार-बार जिक्र आ रहा है, वह है, अल फलाह यूनिवर्सिटी। सभी संदिग्ध डॉक्टर किसी न किसी तरह इसी विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं। इस विश्वविद्याल का मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी है। 61 साल का सिद्दीकी पहले चिट फंड का काम करता था। पैसे की धोखाधड़ी में वह तीन साल जेल की सजा काट चुका है। सिद्दीकी के खिलाफ उस समय 15 से ज्यादा एफआइआर दर्ज हुई थीं। सिद्दीकी के भाई सऊद अहमद के नाम पर नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में आइपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 और 409 (आपराधिक न्यास का उल्लंघन), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआइआर दर्ज हैं। उस पर 7.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी का गंभीर आरोप था।

मध्य प्रदेश के महू के रहने वाले सिद्दीकी ने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली है। 1992 में उसने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी शुरू की जहां वह 1994 तक रहा। उसकी दोनों बहनें और दोनों बेटे दुबई में रहते हैं। अरबी भाषा के शब्द अल फलाह का अर्थ सफलता या समृद्धि होता है। हरियाणा के फरीदाबाद में चलने वाली इस यूनिवर्सिटी को अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट चलाता है, जिसका अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी है। सिद्दीकी नौ और कंपनियों का डायरेक्टर है, जो इनवेस्टमेंट, शिक्षा, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा, निर्यात और कंसल्टेंसी से जुड़ा है।

शकील, उमर और शाहीन सईद तीनों के तार अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं

शकील, उमर और शाहीन सईद तीनों के तार अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं

विश्वविद्यालयों पर नजर रखने वाली संस्था नैक (एनएएसी) का कहना है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी का नवीनीकरण नहीं कराया है। यूनिवर्सिटी का दावा था कि नैक से उसे यूनिवर्सिटी का एक्रीडिटेशन मिला है, जबकि इसकी समय-सीमा समाप्त हो चुकी थी, जिसका नवीनीकरण ही नहीं कराया गया। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी ने कश्मीर से बर्खास्त दो डॉक्टरों को बिना जांच नौकरी पर रखा, यह भी जांच का विषय है। इनमें 2023 में आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाला डॉ. नासिर और दिल्ली में विस्फोट करने वाला डॉ. उमर है, जिसे अनंतनाग हास्पिटल से बर्खास्त कर दिया था। सिद्दीकी की अगुआई वाला अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी और अल फलाह मेडिकल रिसर्च सेंटर फरीदाबाद का संचालन करती है। 1997 में इंजीनियरिंग कॉलेज से शुरूआत करने वाली इस यूनिवर्सिटी का कैंपस 78 एकड़ में है।

 

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