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उत्तराखंड: देवभूमि में आप के मंसूबे

आम आदमी पार्टी की बढ़ती गतिविधि से सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की पेशानी पर बल
आप पार्टी सांसद भगवंत मान (बीच में)

दिल्ली चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने देवभूमि उत्तराखंड में भी सियासी दस्तक देकर हलचल मचा दी है। आप 2022 के विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। आप नेताओं के उत्तराखंड में लगातार हो रहे दौरों में लोगों की बढ़ती भागीदारी ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। आप नेताओं ने तो भाजपा सरकार पर सीधा हमला शुरू कर दिया है। उत्तराखंड में 2022 के मार्च में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इस समय राज्य में विधानसभा की 70 सीटों में से 57 पर भाजपा, 11 पर कांग्रेस और दो पर निर्दलीयों का कब्जा है। माना जा रहा था कि 2022 का चुनाव भी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा। लेकिन कुछ माह पहले आप मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अचानक एलान कर दिया कि उनकी पार्टी 2022 में सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी।

हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल की इस घोषणा को तवज्जो नहीं दी। लेकिन आप पार्टी ने अपना काम शुरू कर दिया है। दिल्ली के विधायक दिनेश मोहनिया को प्रदेश प्रभारी बनाकर उत्तराखंड भेज दिया गया है। मोहनिया ने प्रदेश भऱ में दौरे शुरू कर हर क्षेत्र में लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कई बड़े चेहरों और पूर्व नौकरशाहों को पार्टी में शामिल किया है। आप पार्टी का सियासी कुनबा बढ़ा, तो दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी उत्तराखंड के दौरे शुरू कर दिए हैं। मनीष कुमाऊं और गढ़वाल के दौरे कर चुके हैं। इनकी सभाओं में भीड़ भी जुट रही है। मनीष के बाद पंजाब से आप पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कुमाऊं में किसान न्याय यात्रा निकाली। जसपुर से खटीमा तक निकाली गई इस किसान न्याय यात्रा में खासी भीड़ जुटी थी क्योंकि यह पूरा क्षेत्र किसान बाहुल्य है।

अहम बात यह भी है कि आप पार्टी के नेता अपनी सभाओं और मीडिया के सामने सूबे की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि विकास के केजरीवाल मॉडल ने दिल्ली में स्कूल, बिजली, पानी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए काम मील के पत्थर हैं। पिछले माह देहरादून के दौरे पर आए आप पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार जीरो वर्क गवर्मेंट है। यहां तक कि उन्होंने उत्तराखंड की रावत सरकार पर हमला करते हुए आमहित में किए गए कोई पांच काम गिनाने की चुनौती तक दे डाली। उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री मदन कौशिक ने इस चुनौती को स्वीकर किया और कहा कि सिसोदिया समय और तारीख तय कर लें। वे पांच नहीं पांच सौ काम गिनाने को तैयार है।

बहस यहीं नहीं रुकी। सिसोदिया ने भी समय, स्थान और तारीख तय कर कौशिक को खत लिखकर खुली बहस का आमंत्रण दे डाला। सिसोदिया तो तय समय पर पहुंचे उन्होंने कौशिक का एक घंटे इंतजार भी किया लेकिन कौशिक मौके से नदारद रहे। सिसोदिया ने चुटकी लेते हुए कहा, “उत्तराखंड सरकार ने कुछ किया ही नहीं, तो मंत्री जी खुली बहस में आखिर क्या गिनाते।” उधर काबीना मंत्री मदन कौशिक ने सिसोदिया को लिखा एक पत्र मीडिया में जारी किया। इसमें कौशिक ने लिखा है, “आपने कथित दिल्ली मॉडल को सामने रखते हुए उत्तराखंड मॉडल के साथ सार्वजनिक बहस का निमंत्रण दिया है। उत्तराखंड भाजपा और उत्तराखंड सरकार आपके इस निमंत्रण का स्वागत करती है। भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता आपसे बहस कर सकता है।” अपने खत में कौशिक ने आप नेताओं को होप सेलर और टूरिस्ट पॉलिटिशियन भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना हजारे द्वारा खड़े किए गए भ्रष्टाचार विरोधी जिस आंदोलन से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ आज आपकी पार्टी उन मूल्यों से बहुत दूर आ गई है। कौशिक ने दिल्ली की कई समस्याओं का जिक्र भी अपने खत में किया। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता औऱ विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने यहां तक कह दिया कि आप नेता उत्तराखंड में सैर सपाटे के लिए आते हैं। ऐसे लोगों के लिए भाजपा सरकार के मंत्री और नेताओं के पास समय ही नहीं है।

आप नेता दीपक बाली ने कहा कि पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा बेचैन हो रही है। चार साल में भाजपा सरकार ने उत्तराखंड में कोई काम नहीं किया। आप ने दिल्ली में जिस तरह से काम किया है, उसी तरह का काम यहां भी करने की बात पार्टी कर रही है। उत्तराखंड के लोग भाजपा और कांग्रेस से आजिज आ चुके हैं और बदलाव चाहते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के प्रति रुझान बढ़ रहा है।

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