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मूवी, मैजिक और मस्ती

गर्मी बीत गई और गर्मी की छुट्टियां भी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मौज-मस्ती भी विदा हो गई। मानसून की दस्तक से सब कुछ खिल जाता है। टिप-टिप बूंदों से लेकर गुलाबी ठंडक तक ऐसा कौन सा काम है जिसे मुल्तवी किया जाना मुश्किल है। यकीनन फिल्म देखना। 'रीयल मूवी बफ॑’ लोगों के लिए आने वाले छह महीने समझिए लॉटरी लगने के दिन हैं। एक्शन, इमोशन, ड्रामा, साइंस फिक्शन, कॉमेडी, थ्रिलर, रोमांस बस गिनते जाइए। कुछ फिल्में, जिनमें कोई पसंदीदा हीरो सालों बाद दिखाई देगा। कुछ के ट्रेलर लुभा रहे हैं। 70 एमएम के पर्दे पर रोमांच इंतजार कर रहा है। इस लिस्ट को संभाल कर रख लीजिए और हां मार्कर से मनपसंद तारीख को हाईलाइट करना बिलकुल मत भूलिए।
इन ‌स‌ितारों पर रहेगी नजर

21 जुलाई: मुन्ना माइकल,

बरेली की बर्फी

निर्देशक : अश्विनी अय्यर तिवारी (बरेली की बर्फी), साबिर खान (मुन्ना माइकल)

निर्माता : जंगली पिक्चर्स, बी आर स्टूडियो (बरेली की बर्फी), विकी राजानी (मुन्ना माइकल)

कलाकार : आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, कृति सेनन (बरेली की बर्फी), टाइगर श्रॉफ, नवाजुद्दीन सिद्दीकी (मुन्ना माइकल)

इस हक्रते तो मारा-मारी रहेगी भाई लोग। बरेली की बर्फी जाएं या मुन्ना माइकल। सिंपल हेड-टेल वाला ओरिजनल सिक्का उछालने का। एक फिल्म शनिवार को तो दूसरी रविवार को। देखनी तो दोनों पड़ेंगी। निल बटे सन्नाटा वाली अश्विनी छोटे शहरों की पृष्ठभूमि में जादू-सा रचती हैं। इस बार उन्होंने उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे में आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव और कृति सेनन को लेकर बरेली की बर्फी नाम से फिल्म बनाई है। आयुष्मान खुराना एक छोटा-सा प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं और उनके यहां नौकरी करते हैं राजकुमार राव। इन दोनों के बीच हैं कृति सेनन। जाहिर सी बात है यह लव ट्रेंगल होगा। लेकिन इसे मजेदार ढंग से दिखाया गया है। उत्तर प्रदेश के कस्बे में बरेली की बर्फी कैसी बनी है स्वादिष्ट या बेस्वाद यह तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा। अपनी पहली फिल्म निल बटे सन्नाटा से अश्विनी अय्यर तिवारी ने उम्मीद जगाई थी।

इसी हफ्ते टाइगर श्रॉफ अपने डांस मूव्स से दर्शकों को मुन्ना माइकल बन कर लुभाएंगे। नवाजुद्दीन सिद्दीकी और टाइगर मिल कर क्या करते हैं यह देखना भी कम दिलचस्प नहीं होगा। यह कहानी एक ऐसे लड़के की है जो सड़के पर पला बढ़ा है। मुन्ना नाम का यह लड़का बचपन से ही माइकल जैक्सन का दीवाना है। मुन्ना की मुलाकात गैंगस्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी से होती है और वह मुन्ना को डांस के लिए प्रेरित करता है। एक गैंगस्टर और एक डांसर की जोड़ी, वाह क्या बात है। टाइगर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फैन फॉलोइंग मिल कर कुछ तो कमाल करेगी ही।

28 जुलाई: मुबारकां, इंदु सरकार

निर्देशक : अनीस बज्मी (मुबारकां), मधुर भंडारकर (इंदु सरकार)

निर्माता : अश्विन वर्दे, मुराद खेतानी, बलविंदर सिंह जुनेजा (मुबारकां), भरत शाह (इंदु सरकार)

कलाकार : अनिल कपूर, अर्जुन कपूर, एलिना डीक्रूज (मुबारकां), अनुपम खेर, नील नितिन मुकेश, कीर्ति कुल्हारी (इंदु सरकार)

अनीस बज्मी कॉमेडी बनाएंगे तो देखना तो बनता ही है। एवर ग्रीन अनिल कपूर और बेचारे अकेले मुंडे अर्जुन कपूर के साथ एलिना डीक्रूज भी और अथिया शेट्टी भी। अब ये तो आपको देख कर ही जानना होगा कि ये लव ट्रेंगल-शेंगल टाइप की कोई कहानी है क्या। लव-शव भले ही न हो लेकिन ये है ग्रैंड पंजाबी वेडिंग की कहानी। अर्जुन कपूर इसमें डबल रोल निभा रहे हैं और अनिल कपूर जो वास्तव में भी उनके चाचा हैं, फिल्म में भी उनके चाचा बने हैं। कहानी लंदन की है जिसमें कॉमेडी का शानदार तड़का है और ड्रामा, रोमांस के साथ शादी सिचुएशन में बहुत सारी गफलत और ढेर सारा प्यार है। अगर फैमिली कॉमेडी ड्रामा में मन न लगे तो इसी हक्रते आपके पास राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार देखने का भी ऑप्शन है। सरकार और सरकार राज टाइप फिल्मों से अलग यह इंदिरा गांधी सरकार के उस वञ्चत पर चोट करती है जब देश में आपातकाल लागू हुआ था। 'अब देश में गांधी के मायने बदल गए हैं’ जैसे संवाद, नसबंदी के 'टारगेट’ और संजय गांधी की भूमिका में नील नितिन मुकेश गजब दिख रहे हैं। आपातकाल के 21 महीने की यह कहानी देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके दिवंगत बेटे संजय गांधी के जीवन के इर्द-गिर्द बुनी गई है। इस कहानी में यदि कांग्रेस विरोधी निजी 'बू’ आए तो आश्चर्य नहीं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है, 'इंदु सरकार फिल्म के लिए गांधी परिवार की एनओसी लेना जरूरी नहीं है।’ कहानी में असली ट्विस्ट तो यही है, समझे!

 

4 अगस्त: जब हैरी मेट सेजल

निर्देशक : इम्त‌ियाज अली

निर्माता : गौरी खान

कलाकार : अनुष्का शर्मा, शाहरुख खान

ये शाहरूख खान भी न! बस क्या कहें। जब देखो बांहें फैलाए रोमांस ही करते रहते हैं। बांहें फैला कर रोमांस करना उनका लकी चार्म है। वैसे इस फिल्म में तो बहुत सारे लकी चार्म हैं। शाहरुख-अनुष्का की चलने वाली जोड़ी, इम्त‌ियाज अली का फेवरेट शब्द 'जब’, विदेश की शानदार लोकेशंस और बढ़‌िया गाने। शाहरुख खान एक टूरिस्ट गाइड हैं जो विदेश में छुट्टियां मनाने आई एक लड़की से मिलते हैं। हैरी यानी शाहरुख और सेजल यानी अनुष्का मिलेंगे तो कुछ-कुछ तो होगा ही। सेजल गुजरात से विदेश घूमने आती हैं। अब यह न कहना कि देश का प्रधानमंत्री गुजराती है तो फिल्म में गुजराती लड़की फिट कर दी। 'गुजराती लड़कियां अकेले घूमने का माद्दा रखती हैं’, ऐसा हम नहीं कह रहे, डायरेक्टर इम्त‌ियाज ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था। फिल्म का नाम तो पता चल ही गया होगा। अरे अभी भी नहीं समझे, फिल्म का नाम भी मैं ही बताऊं। चलो क्या याद रखोगे, जब हैरी मेट सेजल। अब तो कॉर्नर वाली दो सीट पक्की। है न!

 

11 अगस्त: टॉयलेट एक प्रेम कथा

निर्देशक : श्रीनारायण सिंह

निर्माता : वायकॉम मोशन पिक्चर्स

कलाकार : अक्षय कुमार, भूमि पेडनेकर

जब देश के प्रधानसेवक इस फिल्म के पोस्टर को ट्वीट कर रहे हैं तो मित्रों इस फिल्म को देखना चाहिए कि नहीं देखना चाहिए। देखना चाहिए न, तो फिर टाइम से टिकट बुक कर लेना। अखबारों में आजकल खबरें छपती रहती हैं कि फलां लड़की ने ससुराल में टॉयलेट न होने की वजह से विदाई से इनकार किया। तो यह समझ लीजिए कि एक लड़का जिसकी शादी बड़ी मुश्किल से हुई और उसकी बीवी सिर्फ इसलिए घर छोड़ दे कि शौचालय नहीं है! यही कहानी है इस फिल्म की। इस फिल्म से हो सकता है घर में संडास की महत्ता वे लोग भी समझ जाएं जो अभी तक समझ नहीं पा रहे हैं। मित्रों, देश में सफाई रहनी चाहिए कि नहीं रहनी चाहिए। इस देश में सबके घर संडास होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। जब होना चाहिए तो बनवाते काय नहीं हो रे। खिलाड़ी कुमार (अक्षय) और दम लगा के हइशा वाली भूमि पेडनेकर की प्रेम कहानी इसी संडास के आसपास घूमती है। फिल्म का नाम संडास नहीं है रे बाबा, फिल्म का नाम टॉयलेट एक प्रेम कथा है। अब ये मत पूछियो कि टॉयलेट में प्रेम कहां से आया। वो तो निर्देशक श्रीनारायण सिंह ही बताएंगे।

 

18 अगस्त:

हसीना: द क्वीन ऑफ मुंबई

निर्देशक : अपूर्व लखिया

निर्माता : नाहिद खान

कलाकार : श्रद्धा कपूर, शर्मन जोशी

अपूर्व लखिया यदि फिल्म बनाएंगे तो और क्या बनाएंगे? डॉन नहीं तो डॉन की बहन। लगता है बंदे का बचपन किसी असलहे के कारखाने में ही बीता है। डॉन पर फिल्म बनाना मुश्किल ही नहीं नामुकिन होगा शायद, तभी तो उसकी बहन पर फिल्म बन रही है। श्रद्धा कपूर के पान खाए दांत और लगभग खूंखार लुक देख कर लग रहा है कि दाउद की बहन हसीना पार्कर के जीवन पर बन रही यह फिल्म कमाल करेगी। श्रद्धा ने इस किरदार के लिए बहुत मेहनत की है। वह चार बच्चों की मां बनी हैं और मोस्ट वांटेड दाउद इब्राहिम की बहन की भूमिका में वह लेडी डॉन वाले टफ लुक के साथ हैं। एक वक्त ऐसा भी था जब दाउद की कंपनियां जिन्हें डी कंपनी कहे जाने का चलन है को हसीना पार्कर ने ही संभाला जैसे भाई संभालता था। श्रद्धा कपूर फिल्म के एक हिस्से में 40 साल की महिला का किरदार निभाएंगी जो उनके लिए खुद भी चुनौतीपूर्ण था। हसीना पार्कर की शादी 17 साल की उम्र में हो गई थी। बाद में पति इब्राहिम पार्कर के साथ मिल कर वह डी कंपनी का काम देखा करती थी। 

 

1 सितंबर: बादशाहो

निर्देशक : मिलन लथुरिया

निर्माता : भूषण कुमार

कलाकार : अजय देवगन, इमरान हाशमी

नाम भले ही इस फिल्म का बादशाहो हो पर इसमें बादशाह यानी शाहरुख नहीं हैं। इसमें तो अपने फ्लॉप शिवाय काजोल के हसबैंड अजय देवगन हैं। बहुत दिनों बाद इमरान हाशमी को भी दर्शक देख पाएंगे। मिलन लथुरिया देखते हैं दो फ्लॉप लोगों के साथ इस फिल्म में क्या कर पाते हैं। वैसे इसमें छह बदमाशों की टोली पर दर्शकों को तीन घंटे बांधे रखने की जिम्मेदारी है। चूंकि इस फिल्म की कहानी भी आपातकाल के दौरान की है और दर्शक पहले ही इंदु सरकार देख चुके होंगे। एक ही विषय पर यदि दो कहानियां आती हैं तो फिर ट्रीटमेंट महत्वपूर्ण हो जाता है। फिल्म का टीजर बता रहा है कि यह तो गुंडे टाइप की फिल्म होने वाली है। छह लड़के, दो नायिकाएं, एक सोने से भरा ट्रक और कुछ पुलिस वाले। अब कहानी का अंदाजा आप इसी से लगा लीजिए। इतना तय है कि राजनैतिक परिदृश्य पर यह फिल्म उथल-पुथल नहीं मचाएगी।

 

15 सितंबर: सिमरन

निर्देशक : हंसल मेहता

निर्माता : टी सीरीज

कलाकार : कंगना रणौत, सोहम शाह

हंसल मेहता इस बार अपने फेवरेट हीरो राजकुमार राव के बिना फिल्म बना रहे हैं। यह तो अपने आप में खबर है। लेकिन खबर यह भी तो है कि नकचढ़ी कंगना इस बार

क्वीन के बजाय सिमरन बनी हैं। फिल्म की कहानी का जरा भी अंदाजा न हो इसके लिए हंसल मेहता ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। फिल्म का टीजर रिलीज करते वक्त भी कंगना का सिमरन लुक ही सामने लाया गया है। मस्त-मौला, थोड़ी-सी झल्ली, थोड़ी-सी मजाकिया टाइप सिमरन ही अलग-अलग शॉट्स में दिखाई पड़ती हैं। न कोई गाना न कोई संवाद। देखते हैं एक लडक़ी की कहानी परदे पर कैसे फिल्माई जाती है या उसके जीवन का कौन सा पहलू है जो दर्शकों को बांध लेगा। 

 

22 सितंबर: भूमि

निर्देशक : उमंग कुमार

निर्माता : टी सीरीज

कलाकार : संजय दत्त, अदिति राव हैदरी

संजय दत्त के तो लगता है ग्रह ही खराब हैं। बड़ी मुश्किल से एक फिल्म मिली है पर लगता है इसकी रिलीज से पहले ही कोर्ट उन्हें फिर से अंदर न कर दे। उमंग कुमार बड़ी शिद्दत से भूमि बना रहे हैं। बिना किसी पचड़े के बस यह ठीक-ठाक रिलीज हो जाए तो भी बहुत है। यह एक पिता-बेटी और बदले की कहानी है।

 

29 सितंबर: जुड़वां 2

निर्देशक : डेविड धवन

निर्माता : साजिद नाडियादवाला

कलाकार : वरुण धवन, तापसी पन्नू

कम से कम तापसी पन्नू को मारामारी के रोल के अलावा कोई कॉमेडी फिल्म तो मिली। अपने जमे जमाए बेटे वरुण धवन के लिए डेविड धवन अपनी ही फिल्म जुड़वां का रीमेक ला रहे हैं। 1997 में सलमान खान और करिश्मा कपूर की जोड़ी ने कमाल किया था। अब वरुण धवन उस फिल्म की याद ताजा करेंगे। फिल्म तो चलेगी ही लिख लो भाईसाब। अकेले वरुण धवन जब इतना कमाल कर देते हैं तो डबल रोल में तो वो गजब ही ढा देंगे।

 

18 अक्टूबर: गोलमाल अगेन

निर्देशक : रोहित शेट्टïी

निर्माता : रोहित शेट्टी, अजय देवगन

कलाकार : अजय देवगन, तब्बू

पेश है आपके लिए रोहित शेट्टी की फेवरेट कार उड़ाऊ स्टाइल एक बार फिर। मौका चूकिए मत। जल्द से जल्द अपने नजदीकी थिएटर तक पहुंचें। पहुंचना इसलिए भी जरूरी है कि फिल्म में तब्बू हैं! दो दर्जन कलाकारों के साथ तब्बू क्या कर रही हैं यह तो वही जानें। सब गोलमाल है। नहीं गोलमाल अगेन। ओह नो। ओह यस।

 

8 दिसंबर: फुकरे रिटर्न्स

निर्देशक : मृगदीप सिंह लांबा

निर्माता : फरहान अख्तर, रीतेश सिधवानी

कलाकार : पुलकित सम्राट, ऋचा चड्ढा

ऐसा कोई जरूरी नहीं है कि पहले दिन ही पहला शो देखें। पर जब फिल्म का नाम सुनोगे तो अपने आप ही प्री-बुकिंग करा लोगे। ऋचा चड्ढा, पुलकित सम्राट, अली फजल जैसे फुकरों को मृगदीप सिंह लांबा ने फुकरे रिटर्न्स के नाम पर फिर इकट्ठा कर लिया है।

 

22 दिसंबर: टाइगर जिंदा है

निर्देशक : अली अब्बास जफर

निर्माता : आदित्य चोपड़ा

कलाकार : सलमान खान, कैटरीना कैफ

अंत भला तो सब भला। साल की आखिरी फिल्म है लेकिन है दमदार, शानदार। सल्लू भैया को कौन पछाड़ सकता है। खुद सल्लू मियां। जून के आखिरी हक्रते में ट्यूबलाइट आई थी फ्लॉप रही। तो क्या साल के अंत में आ रही टाइगर जिंदा है  चल जाएगी और ट्यूबलाइट की भरपाई भी कर देगी? भाई ढिशुम-ढिशुम जो करेंगे। टाइगर को तमाम खुफिया एजेंसी खोज रही हैं किसी की पकड़ में नहीं आता। टाइगर को जिंदा देखना है तो 22 दिसंबर को सिनेमाघरों में पहुंचिए। 

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