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“सप्लाई चेन टूटी, नतीजे जल्द”

नशे के खिलाफ मुहिम के साथ मौतों का सिलसिला बढ़ने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बातचीत के अंशः
कैप्टन अमरिंदर सिंह

आपने चार हफ्ते में नशे के खात्मे की गुटखा साहिब की सौगंध खाई थी?

नशे की जड़ें गहरी हैं। नशे के खात्मे के लिए एसटीएफ काम कर रही है। नशा सप्लाई चेन तोड़ने के लिए हमने 10 हजार से अधिक लोगों को जेलों में डाला है।

पिछले दो महीने में नशे की चपेट में 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है? इनमें ओवरडोज से मौत के मामले अधिक हैं?

बहुत-सी सप्लाई चेन टूटने से नशे की उपलब्धता कम हो गई है। इसके दाम भी पांच गुना तक बढ़ गए हैं। इलाज के लिए दी जाने वाली दवाओं के इंजेक्शन ही कई लोगों ने नसों में लगाने शुरू कर दिए, जिसके चलते मौतें हुई हैं।

नशे के खात्मे के लिए गंभीरता से कठोर कदम उठाने के बजाय सियासत ज्यादा हो रही है? डोप टेस्ट के लिए कांग्रेस के नेताओं में ही होड़ लगी है?

विपक्षी दल सियासत में लगे हैं। हमने केंद्र से एनडीपीएस एक्ट में सख्ती करने की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा है कि पहली बार नशा बेचते पकड़े जाने वाले को भी फांसी की सजा दी जाए। सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट सरकारी खर्च पर कराया जा रहा है। नई भर्तियों और प्रमोशन में भी यह लागू होगा।

नेताओं के सरंक्षण में पुलिस की मिलीभगत से नशे के कारोबार की जड़ें पंजाब में फैली हैं, इससे कैसे निपटेंगे?

साबित होने पर कोई भी नहीं बक्शा जाएगा, चाहे वह कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो। जिन पुलिस मुलाजिमों पर नशे के खेल में शामिल होने के आरोप हैं, वे नौकरी से डिसमिस किए जा रहे हैं। 150 से अधिक पुलिस अफसरों के तबादले किए गए हैं।

पंजाब से नशे का खात्मा करने की मुहिम में सुखबीर बादल के सहयोग की पेशकश को आपने ठुकरा दी?

आज सहयोग की बात करने वाले अकाली तब कहां थे जब पिछले 10 साल से उनकी सरकार के रहते पंजाब नशे के गर्त में धंसता जा रहा था।

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